Home सुर्खियां आतंकी हमले के बाद श्रीलंका ने 200 मौलवियों को बाहर निकाला

आतंकी हमले के बाद श्रीलंका ने 200 मौलवियों को बाहर निकाला

आतंकी हमले के बाद श्रीलंका ने 200 मौलवियों को बाहर निकाला- ईस्टर के त्यौहार पर हुए श्रीलंका में सिलसिलेवार बम ब्लास्ट के बाद श्रीलंका सरकार ने 600 विदेशी नागरिकों को देश से बाहर निकाल दिया है| श्रीलंका से बाहर निकाले गए इन लोगों में 200 मौलवी भी शामिल है| श्रीलंका के ग्रहमंत्री वाजिरा अभयवर्द्धने ने जानकारी दी की इन मौलवियों ने देश में क़ानूनी रूप से प्रवेश किया था लेकिन हमलों के बाद जाँच में पाया गया की ये सभी लोग वीजा की अवधि खत्म होने के बाद भी देश में रह रहे थे, जिसके बाद इनपर जुर्माना लगाया गया और फिर अब इन्हे देश से बाहर निकालने का निर्णय लिया गया है|

sri lanka bombing

गृहमंत्री अभयवर्द्धने ने कहा कि देश की मौजूदा स्तिथि को ध्यान में रखते हुए वीजा प्रक्रिया की फिर से समीक्षा की जा रही है| धार्मिक उपदेशकों के लिए वियज प्रणाली को ओर कड़ा करने कर फैसला लिया गया है| जिन 600 लोगों को श्रीलंका प्रशासन ने देश से बाहर निकालने का निर्णय लिया है उन्हें से 200 धार्मिक उपदेशक है| हालं‍कि, गृहमंत्री ने देश से निष्कासित किए गए लोगों की राष्ट्रीयता के बारे में जानकारी नहीं दी है। प्रशासन ने लोगों से अपने घरों में तलवार, चाकू और अन्य प्रकार के हथियार नहीं रखने की अपील की है|

पुलिस ने बताया की देश में हुए आत्मघाती हमलों के बाद जाँच में पाया गया की बांग्लादेश, भारत, मालदीव और पाकिस्तान से आए कई विदेशी नागरिक वीजा की अवधि खत्म होने के बाद भी देश में रुके हुए थे| गृहमंत्री ने आगे कहा कि पिछले एक दशक से देखा जा रहा है कि देश में धार्मिक संस्थान विदेशी उपदेशकों को तवज्जो दे रहे हैं। हमें इससे कोई समस्या तो नहीं है लेकिन हाल के दिनों में कुछ धार्मिक संस्थान इस मामले में मश्‍ारूम की तरह सामने आए हैं।

इससे पहले श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाल सिरिसेन ने अपनी आपातकालीन शक्ति का प्रयोग करते हुए बुर्का या नकाब पर देश में पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। यह फैसला आत्मघाती हमलों के बाद लिया गया। राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबंध लगाया गया है। किसी को भी चेहरा इस तरह से नहीं ढकना चाहिए कि उसकी पहचान मुश्किल हो।

राष्ट्रपति के द्वारा बुर्का या नकाब पर प्रतिबन्ध को मुस्लिम उलेमाओं ने भी अपना समर्थन दिया| जमीयातुल उलेमा के प्रवक्ता फाजिल फारूक ने कहा था कि सुरक्षा एजेंसियों के साथ सहयोग के तौर पर हमने लोगों को बिना चेहरा ढके बाहर निकलने की अनुमति दे दी है। आतंकी हमले के बाद से ही यहां बुर्का और नकाब पर प्रतिबंध की मांग की जा रही थी।

बता दें की श्रीलंका में बीती 21 अप्रैल को ईस्टर के मौके पर बड़ी संख्या में हुए आतंकी हमलों में 257 लोगों की मौत हुई थी, जबकि इसी घटना में 500 से अधिक लोग घायल भी हुए थे| इन हमलों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट (आइएस) ने ली थी, लेकिन श्रीलंका की सरकार ने इसमें स्थानीय संगठन का हाथ बताया था। श्रीलंकाई पुलिस के मुताबिक, इन हमलों को एक स्थानीय मौलवी के नेतृत्व में अंजाम दिया गया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here