नमस्कार दोस्तों, बीते कुछ दिनों पहले केरल के अलाप्पुझा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हुआ था, जिसमे हिंदू और भाइयों के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया गया था। केरल पुलिस ने कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की रैली में हिंदुओं और ईसाइयों के खिलाफ भड़काऊ नारे लगाने वाले नाबालिग लड़के का पता लगा लिया है। अगर आपको नहीं मालूम तो आपके जानकारी बता दे की कुछ दिनों पहले केरल के अलाप्पुझा में पीएफआई कार्यकर्ता के कंधों पर बैठे बच्चे का हिंदू विरोधी नारे लगाने वाला एक वीडियो सामने आया था, जो की सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था और जिसकी काफी आलोचना की गई थी। वीडियो में दिखाई दे रहे लड़के के माता-पिता का पता लगाने के लिए पुलिस कोच्चि पहुँची, ताकि पता लगाया जा सके कि बच्चे को इस प्रकार के भड़काऊ नारे लगाने के लिए किसने उकसाया था?
PFI Hate Speech Rally By Minor Boy
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि केवल हिंदू संगठनों द्वारा ही नहीं बल्कि केरल उच्च न्यायालय ने भी पीएफआई की रैली में भड़काऊ नारे लगाने के मामले में आपत्ति जताई है। अदालत ने कहा कि ‘इस देश में क्या हो रहा है?’ न्यायालय का यही कहना है कि अगर रैली में किसी भी सदस्य ने भड़काऊ नारे लगाए उसके जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि रैली आयोजन करने वाले ही होंगे। खेल पुलिस के अधिकारी इस मामले पर इस परिवार से जुड़े कई लोगों पर कार्रवाई करेंगे।
हिंदुओं और ईसाइयों के खिलाफ नाबालिग लड़के ने लगाए थे भड़काऊ नारे, सब पर होगी कारवाई !
आपको बता दें कि 21 मई 2022 को अलाप्पुझा में पीएफआई द्वारा आयोजित ‘गणतंत्र बचाओ रैली’ के दौरान एक युवक के कंधे पर र बैठे एक लड़के का वीडियो सोशल मीडिया पर का वायरल हुआ था, जिसमें वह बच्चा हिंदुओं और ईसाइयों के खिलाफ भड़काऊ नारेबाजी कर रहा था, जिसमे वह लड़का कह रहा था की ‘हिंदुओं को अपने अंतिम संस्कार के लिए चावल रखना चाहिए और ईसाइयों को अपने अंतिम संस्कार के लिए अगरबत्ती रखनी चाहिए।” वह लड़का कहता है, “चावल तैयार रखो। यम (मृत्यु के देवता) आपके घर आएँगे। यदि आप सम्मानपूर्वक रहते हैं, तो आप हमारे स्थान पर रह सकते हैं। अगर नहीं, तो हम नहीं जानते कि क्या होगा।”
पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठ रही है
पीएफआई की रैली के दौरान इस लड़के की वीडियो वायरल के बाद इसकी पूरे विश्व में काफी आलोचना हुई, दिमाग को बढ़ते देख आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। वही इस पूरे घटनाक्रम के बाद पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठ रही है, यह सत्य है की पीएफआई का हिंसा फैलाने का इतिहास रहा है। इस पूरे विवाद पर आपकी क्या राय है कमेंट करके जरूर बताएं। देश और दुनिया से जुड़ी ताज़ा खबरे पढ़ने के लिए हमारे साथ बने रहे।