जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में फायरिंग के मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सेना के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लेने से सेना गुस्से में है| सेना ने इस घटना के बारे में बोलते हुए बताया की एक हद से ज्यादा भड़काने के बाद ही हमने कार्यवाही को अंजाम दिया| न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डी अनबू 31 जनवरी बुधवार को कहा की यह एक शुरुआत भर है| पुलिस के द्वारा इस कार्यवाही पर एफआईआर दर्ज कर ली है। जाँच होने पर सब साफ हो जाएगा|
राज्य सरकार चाहे जो कहे या करे लेकिन हमने अपनी तरफ से जाँच कर| यह साफ कर दिया है की हमे हद से ज्यादा भड़काने के जवाब में ही यह कार्यवाही हुई| हमने जवाब में फायरिंग की| डी अनबू ने कहा की हमारे खिलाफ ‘एफआईआर दर्ज बेहद ही दुर्भाग्ये पूर्ण है| इस तरह के मामले में जेनेरिक एफआईआर दर्ज होनी चाहिए| लेकिन मुझे यकीं है की जब इस मामले की जाँच होंगी तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा|
It is an initial step, they have lodged FIR. Everything will come out in investigation. Not withstanding what stat govt did, we had our own inquiry & are clear that we responded when we were provoked to the ultimate-Lt Gen D.Anbu, Commander Northern Command on Shopian Army firing pic.twitter.com/gGKM4e6k0Y
— ANI (@ANI) January 31, 2018
That is an unfortunate thing, in such a case a generic FIR should have been filed. I think they have prematurely put the name of an individual, I am sure when they investigate truth will come out: Lt Gen D.Anbu, Commander Northern Command on FIR in Shopian Army firing case pic.twitter.com/E6BqCP0lbI
— ANI (@ANI) January 31, 2018
बता ें की क्या है यह पूरा मामला 27 जनवरी को कश्मीर के शोपियां में तीन क्विक रिएक्शन टीमों समेत सेना की बीस गाड़ियां घनपुरा की तरफ जा रही थी| रास्ते में इस काफिले में शामिल चार गाड़िया अलग हो गई| तभी कुछ प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी करनी चालू कर दी| इस दौरान उन्होंने सेना के जवानो के ऊपर पत्थर भी फेंके| काफिले पर हुए इस हमले के जवाब में सेना के गोलीबारी भी की| सेना की इस गोलीबारी में दो प्रदर्शनकारी जावेद अहमद और सुहेल अहमद की मौत हो गई|
इस घटना में जम्मू कश्मीर पुलिस ने रणबीर पैनल कोड की धारा 302 (मर्डर) और धारा 307 (मर्डर की कोशिश) के तहत सेना की 10 गढ़वाल यूनिट के खिलाफ एफआईआर रजिस्टर कर ली| इस एफआईआर में एक मेजर का नाम भी दर्ज किया गया है|
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सेना के अफसरों के खिलाफ हुए इस एफआईआर की घटना से जम्मू कश्मीर की गठबंधन की सरकार की दोनों ही पार्टियों का रुख अलग है| एक तरफ एक ओर पीडीपी प्रमुख और राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का कहना है नागरिकों की मौत अफसरों के खिलाफ एफ़आईआर पर जाँच कर इस मामले की तह तक जाया जाएगा| वही दूसरी ओर बीजेपी ने पुलिस की इस कार्यवाही का विरोध किया है| बीजेपी ने अफसरों के खिलाफ हुई एफ़आईआर को वापिस लेने की माँग की है|
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ़्ती ने सोमवार को कहा की मुझे विश्वास है की इस कदम से सेना का मनोबल कम होगा| सीन पर लिए गए इस एक्शन से सेना का मनोबल कतई कम नहीं होगा| आर्मी एक संस्थान है और उसने काफी अच्छे काम किये है, लकिन कलंक हर जगह होते है|