Why is Bakra Eid Celebrated 2020 in Hindi: आपको बता दें कि बकरीद आने वाली है और आज हम आपके लिए एक खास पेशकश लेकर आये हैं कि आखिरकार बकरीद क्यों मनाई जाती है। इस्लाम के पवित्र पुस्तक कुरान में ऐसा विवरण मिलता है कि एक दिन अलाह ने हजरत इब्राहीम से सपने में उनकी सबसे प्रिय चीज की कुर्बानी मांगी। हजरत इब्राहीम को सबसे प्रिय अपना बेटा लगता था और उन्होंने अपने बेटे की कुर्बानी देने का निर्णय लिया। लेकिन जैसे ही हजरत इब्राहीम ने अपने बेटे की कुर्बानी देने के लिए उसकी गर्दन पर वार किया। अल्लाह ने हजरत इब्राहीम के चाकू से उसके बेटे की जान बचाकर एक बकरे की बलि दिलवादी। बकरीद को ईद उल जुहा के नाम से भी जाना जाता है।
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ईद उल जुहा जिसे हम बकरीद के नाम से भी जानते हैं हजरत इब्राहीम की कुर्बानी देने की याद में मनाई जाती है।बकरीद के दिन हजरत इब्राहीम अल्लाह के हुक्म पर अल्लाह के प्रति अपनी वफादारी दिखाने के लिए अपने बेटे हजरत इस्माइल को कुर्बान कराने के लिए राजी हुए थे। दोस्तो यही एक कहानी है जिसके कारण आज बकरीद मनाई जाती है।
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बकरीद मनाने का मुख्य उदेश्य
बकरीद पर्व का मुख्य उदेश्य यही है कि लोगो मे जनसेवा और अल्लाह की सेवा के भाव को जगाना। ऐसा कहा जाता है कि बकरीद का यह पर्व इस्लाम के पांचवे सिद्धान्त हज को भी मान्यता देता है।
बकरीद के दिन मुसलमान किसी जानवर जैसे बकरा, भेड़, ऊंट की कुर्बानी देते हैं। बकरीद पर कुर्बानी के गोश्त को तीन हिस्सों में बंटा जाता है। एक खुद के लिए, दूसरा सखी संबंधियों के लिए और तीसरा गरीबो के लिए।
बकरीद के दिन सभी लोग साफ पाक होकर नए कपड़े पहनकर नमाज पढ़ते हैं। मर्दो को मस्जिद व ईदगाह और
औरतों को घरों में ही पढ़ने का हुक्म है। नमाज पड़कर आने के बाद ही कुर्बानी की प्रक्रिया शुरू करि जाती है। ईद उल फितर की तरह ईद-उल-जुहा में भी ज़कात देना अनिवार्य होता है ताकि खुशी के इस मौके पर कोई
गरीब महरूम ना रह जाए। दोस्तो ये थी बकरीद के बारे में एक छोटी सी जानकारी । आपको हमारा यह आर्टिकल कैसा लगा लाइक और शेयर करके जरूर बताइये गा।
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