नमस्कार दोस्तो आपका स्वागत है हिंदी वेबसाइट देख न्यूज़ पर और हिन्दू पर्व से जुड़ी नई जानकारी लेकर आए हैं। आज हम बात कर रहे हैं ऋषि पंचमी (Rishi Panchami) के बारे में जोकि हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष पंचमी को मनाई जाती है। ऋषि पंचमी का व्रत रखने से हर किसी को फल प्राप्ति का वरदान मिलता है। इस दिन ऋषियों की विधि विधान के साथ पूजा करनी चाहिए और फिर इनके पाठ को भी सुनना चाहिए। अगर आप भी ऋषि को सम्मान देना चाहते हैं तो इससे अच्छा कोई दूसरा दिन नही हो सकता है।
Rishi Panchami 2021 ka Mahatva, Vrat Vidhi, Katha, or History?
भारत में ऋषि पंचमी व्रत क्यों रखा जाता है, ये सवाल आपके मन मे भी होगा। सभी दोषों से मुक्त होने के लिए इस दिन ऋषि पंचमी व्रत रखा जाता है। त्यौहार से ज्यादा इस दिन को व्रत के लिए ज्यादा पूजा जाता है। इस दिन सप्त-ऋषियों की पूजा अर्चना करने से भरपूर लाभ की प्राप्ति होती है। हमारे हिन्दू धर्म में माहवारी के समय स्त्री द्वारा बहुत से नियम का पालन किया जाता है। अगर माहवारी के समय स्त्री से कोई गलती हो जाये तो दोष दूर करने के लिए ऋषि पंचमी व्रत रखना पड़ता है।
सप्त ऋषि ऋषियों का मतलब होता है 7 ऋषि, जिनके नाम आज आपको बताने वाले हैं। कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि, वशिष्ठ यह वे 7 नाम है ऋषियो के जो आपको बताये गए हैं। इन 7 ऋषियो के आशीर्वाद से 7 प्रकार के वरदान की प्राप्ति होती है। यह जानकर आपको अजीब लगेगा लेकिन हर साल यह पंचमी सितंबर या फिर अगस्त के महीने में आती है। यह जानकारी मुख्य रूप से आपके लिए बनाई गई है। कैसी लगी आपको ये जानकारी हमे लाइक, शेयर और कमेंट करे। अगर आपके पास इस त्यौहार से जुड़ी अन्य जानकारी है तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से साझा कर सकते हैं .
आज आपको ऋषि पंचमी के बारे में सब कुछ बताया गया है। ऋषि पंचमी कब मनाई जाती है और इसके पीछे की विशेष कथा क्या है ये भी आपको बताया गया है। ऋषि पंचमी पर व्रत रखने से क्या प्राप्ति होती है, इसके बारे में भी आपको मुख्य जानकारी दी गई है। आप सभी को ऋषि पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं। जय हिंद।