हिन्दू धर्म में पितृ पक्ष या श्राद्ध के हर साल आते है। इन दिनों में हिन्दू धर्म के लोग पूर्वजों की आत्मा की शांति और तृप्ति के लिए पुरे विधि-विधान के साथ श्राद्ध करते है। श्राद्ध में तर्पण, पिंड दान और ब्राह्मण भोजन का विशेष महत्व बताया जाता है। पूर्वजों को खुश रखना बेहद जरुरी है। हिंदी धर्म में ऐसी मान्यता है की पूर्वजों के नाराज होने से कारोबार, घर, ऑफिस आदि में समस्या आने लगती है। ऐसे में इन श्राद्ध के दिनों में अपने पूर्वजों का पूरे विधि-विधान के साथ श्राद्ध करें। हम पितृ पक्ष श्राद्ध से जुड़े कुछ मैसेज, एसएमएस, स्टेटस, कोट्स, लेकर आए है जिन्हें आप श्राद्ध के इन दिनों में अपने सोशल मीडिया पर आकउंट पर लगा सकते है।
पितर नाराज है या नहीं कैसे जाने, पितरों को खुश करने के तरीके
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हिन्दू पंचांग के अनुसार पितृ पक्ष अश्विन मास की कृष्ण पक्ष में आते है। जिसकी शुरुआत पूर्णिमा तिथि से होती है। वही श्राद्ध का समापन अमावस्या से होता होता। इंग्लिश कैलेंडर के अनुसार इस साल यानि 2021 म पितृ पक्ष की शुरुआत सितंबर महीने में हो रही है। आमतौर पर पितृ पक्ष 16 दिनों का होता है. इस बार पितृ पक्ष 13 सितंबर से शुरू होकर 28 सितंबर को खत्म होगा।
श्राद्ध पक्ष के शुभ अवसर पर सभी लोगों को उनके पितरों का आशीर्वाद प्राप्त हो। यही है हमारी शुभकामना।
श्राद्ध, अपने पूर्वजों के प्रति सच्ची श्रद्धा का प्रतीक हैं। श्राद्ध पक्ष की शुभकामना।
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पितरों के निमित्त विधिपूर्वक जो कर्म श्रद्धा से किया जाता है, उसी को ‘श्राद्ध’ कहते हैं।
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कल मेरे इश्क़ का श्राद्ध है
सुनो तुम कल आओगे न
पितृ पक्ष श्राद्ध कोट्स
मिताक्षरा के अनुसार, पितरों का उद्देश्य करके (उनके कल्याण के लिए) श्रद्धापूर्वक किसी वस्तु का या उससे सम्बन्धित किसी द्रव्य का त्याग श्राद्ध है।
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कौवा है मेहमान आने की सूचना या किसी का श्राद्ध…..!
क्या उम्मीद की जाए मन पहले से होगा फिर? या उसका मर जाना ही बेहतर है..
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आरोप-प्रत्यारोप में बुद्धिमान व्यक्ति तर्को पर विजय पाता है
मुर्ख इंसान सिर्फ कलुषित भावनाओं से,,, लाँक्षण लगाता है
कोई श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान के निमित्त मुझे बताए
पितृपक्ष में किस-किस का तर्पण श्राद्ध किया जाय
जाओ जाओ पुरुषों वंशावली खंगालो
कभी तो स्त्री पितरों को,, गले लगा लो
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पितर नाराज है या नहीं कैसे जाने, पित्तरों को खुश करने के तरीके
श्राद्ध करने के बाद दान पुण्य करना भी अच्छा माना जाता है। इस दिन कई हिन्दू परिवार अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए विशेष हवन भी रखवाते है। इस दौरान गरीबों को भोजन भी करवाया जाता है। पूर्वजों का श्राद्ध करने से उनकी और आपकी दोनों की ही आत्मा को शांति मिलती है। श्राद्ध सही तारीख को करने से पूर्वज प्रसन्न होते है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।