Kamika Ekadashi 2019: इस दिन है कामिका एकादशी, जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, कथा और महत्व के बारे में Date, Time, Shubh Muhurat, Puja Vidhi हिन्दू धर्म में कामिका एकादशी का एक विशेष महत्व है जो हर साल सावन के महीने में आती है। कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा अर्चना होती है। हिन्दू धर्म मान्यता है की कामिका एकादशी का महत्व भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर ने बताया था। कामिका एकादशी के दिन व्रत भी रखा जाता है। ऐसी मान्यता है की इस दिन व्रत रखने से अश्वमेध यज्ञ करने के बराबर फल मिलता है। इस साल कामिका एकादशी कब मनाई जाएगी? पूजा का शुभ मुहूर्त, महत्व, पूजा-विधि, कथा के बारे में नीचे जानकारी दी गई है।
कामिका एकादशी 2019
सावन के महीने में पड़ने वाली कामिका एकादशी का पर्व हिन्दू धर्म के लोग बड़ी धूम धाम के साथ मनाते है। अन्य एकादशी की ही तरह कामिका एकादशी का एक विशेष महत्व है और इस दिन शुभ मुहूर्त पर भगवान की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। तो चलिए जान लेते है कामिका एकादशी का शुभ मुहूर्त या पूजा का समय क्या है।
कामिका एकादशी कब है?
इस साल यानि 2019 में कामिका एकादशी का पर्व 28 जुलाई को हिन्दुओं के द्वारा मनाया जाएगा।
कामिका एकादशी 2019 शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त शुरू – 07:46 शाम, 27 जुलाई, 2019
शुभ मुहूर्त समाप्त – 06:49 शाम, 28 जुलाई, 2019
कामिका एकादशी पूजा की विधि
1. सुबह नहा-धोकर पीले रंग के कपड़े पहनें.
2. कामिका एकादशी के दिन विष्णु भगवान की पूजा करें.
3. विष्णु जी की मूर्ति को शुद्ध जल से स्नान कराएं.
4. मूर्ति पर पीले रंग के फूल, तिल, दूध और पंचामृत चढ़ाएं.
5. भगवान विष्णु के मंत्र ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय’ का जाप करें.
6. आखिर में भगवान विष्णु का ध्यान कर व्रत का संकल्प करें.
कामिका एकादशी का महत्व
कामिका एकादशी पर व्रत रखने से सभी कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। इस दिन व्रत रखने से मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। रुके हुए काम बन जाते है। कामिका एकादशी का महत्व काफी ज्यादा है। तभी तो भगवान ने खुद इस बारे में युधिष्ठिर को बताया है। कामिका एकादशी के दिन गरीब लोगों को भोजन करवाने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
कामिका एकादशी की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार एक गांव में गुस्सैल ठाकुर रहता था. एक दिन क्रोध में आकर उसका ब्राह्मण से झगड़ा हो जाता है. झगड़ा इतना बढ़ जाता है कि ठाकुर से ब्राह्मण का खून हो जाता है. अपने अपराध की क्षमा याचना हेतु ठाकुर ने ब्राह्मण का क्रियाक्रम कराना चाहा. लेकिन पंडितों ने उसे क्रिया में शामिल होने से मना कर दिया और वह ब्रह्म हत्या का दोषी बन गया. परिणामस्वरूप ब्राह्मणों ने भोजन करने से मना कर दिया.
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तब उसने एक मुनि से निवेदन किया कि – हे भगवान मेरा पाप कैसे दूर हो सकता है. इस पर मुनि ने उसे कामिका एकादशी व्रत करने को कहा. ठाकुर ने वैसे ही किया जैसा मुनि ने उससे कहा. एक रात वह भगवान की मूर्ति के पास सो रहा था, तभी उसे सपने में प्रभु के दर्शन हुए और उन्होंने उसे उसके पापों को दूर करके क्षमा दान दिया.