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Best जगन्नाथ रथ यात्रा 2023 शायरी | Jagannath Rath Yatra Shayari in Hindi

पौराणिक कथा के अनुसार भगवान जगन्नाथ पुरी को धरती का बैकुंठ कहा गया है। ब्रह्म और स्कंद पुराण के अनुसार, पुरी में भगवान विष्णु ने पुरुषोत्तम नीलमाधव के रूप में अवतार लिया था। वह यहां सबर जनजाति के परम पूज्य देवता बन गए। सबर जनजाति के देवता होने की वजह से यहां भगवान जगन्नाथ का रूप कबीलाई देवताओं की तरह है। जगन्नाथ मंदिर की महीमा देश में ही नहीं विदेशों में भी प्रसिद्ध हैं। जगन्नाथ रथ यात्रा व्हाट्सप्प स्टेटस

भगवान जगन्नाथ को हर साल उनके गर्भ ग्रह से निकालकर भ्रमण करवाया जाता है। इस बार भगवान जगन्नाथ की यात्रा का शुभारंभ 4 जुलाई से होगा। ऐसी मान्यता है की भगवान अपने गर्भ ग्रह से निकलकर प्रजा सुख-दुःख को देखते है।

जगन्नाथ रथ यात्रा शायरी

जगन्नाथ रथ यात्रा ओडिशा, भारत में मनाई जाने वाली प्रमुख धार्मिक परंपरा है। इस यात्रा में भगवान जगन्नाथ, बालभद्र और सुभद्रा के मूर्तियों को रथ में स्थापित किया जाता है। रथ रथने के लिए लाखों भक्त जुटते हैं और रथ को धकेलने के लिए शक्ति का उपयोग करते हैं। यह परंपरा हिन्दू धर्म के चार बड़े यात्राओं में से एक मानी जाती है, जिसकी प्रारंभिक उल्लेख महाभारत में मिलता है। जगन्नाथ रथ यात्रा हर साल अषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर मनाई जाती है।

हरे रामा हरे रामा,
रामा रामा हरे हरे,
हरे कृष्णा, हरे कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा हरे हरे,
विशिंग यु & योर फॅमिली हैप्पी जगन्नाथ रथ यात्रा 2022 !!!

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जगन्नाथ स्वामी की ज्योति से नूर मिलता है
सबके दिलो को सुरूर मिलता है
जो भी जाता है जगन्नाथ स्वामी जी के द्वार
कुछ न कुछ जरूर मिलता है.
हैप्पी रथ यात्रा 2022 !!!

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Happy Rath Yatra Shayari Hindi

जब जब होवे धर्म की हानि
तब तब अवतार लेवे भगवन
कर देवे मर्दन पापियों का
मुक्ति देवे हम पृथ्वी वासियों को
बोलो जगन्नाथ प्रभु की जय
हैप्पी रथ यात्रा !!!

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सूरज की किरणे,
खुशियों की बहार,
चन्दन की खुशबू,
रेशम का हार,
मुबारक हो आपको,
भगवन जगन्नाथ का त्यौहार !!!

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गुलाब की महक, फूलों के हार,
भक्तो का प्यार और श्रद्धा से,
खुशियों से बाईट हमारा यह त्यौहार,
जगन्नाथ स्वामी की यात्रा और अषाढ़ी दूज की बहुत सुभेछा.
हैप्पी जगन्नाथ रथ यात्रा

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पुरी रथयात्रा के लिए बलराम, श्रीकृष्ण और देवी सुभद्रा के लिए तीन अलग-अलग रथ बनाए जाते है। रथयात्रा में सबसे आगे बलरामजी का रथ, उसके बाद बीच में देवी सुभद्रा का रथ और सबसे पीछे भगवान जगन्नाथ श्रीकृष्ण का रथ होता है। इसे उनके रंग और ऊंचाई से पहचाना जाता है. पुरी में बना जगन्नाथ मंदिर भारत में हिंदुओं के चार धामों में से एक है। यह धाम तकरबीन 800 सालों से भी ज्यादा पुराना बताया जाता है।

Rath Yatra Bengali Shayari

জে জগন্নাথ জিসক না হাই,
পুরীর জিসক ধাম হাইইজভান
হ্যাম সব কুমণ আছে
শুভ জগন্নাথ রথ যাত্রা!

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শুকুন মিলতা হাই থেকে ভগবান জগন্নাথ ক্রিপা
আমরা সব দর্শনের যেতে দীর্ঘ পথ আছে।
জো ভী শ্যো শুদ্ধা থেকে দেখা যায়
ইউস্কি একজন মনোকামন পুরি হোত হাই জগন্নাথ কে আশিরওয়াড সে

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भगवान जगन्नाथ का नंदीघोष रथ 45.6 फीट ऊंचा, बलरामजी का तालध्वज रथ 45 फीट ऊंचा और देवी सुभद्रा का दर्पदलन रथ 44.6 फीट ऊंचा होता है .

रथयात्रा शायरी

Jab Jab Hove Dharm Ki Hani
Tab Tab Leve Avtar Bhagwan
Kar Deve Mardan Papiyo Ka
Mukti Deve Hum Prithvi Vasiyon Ko
Jai Shri Krishana.
Happy Ratha Yatra !

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Ham yah asha karte heki sabko bhagvan ka pyar
mile aur sabhi apne jivan me khushhal
rahe yahi prathna karte hai.

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भगवान जगन्नाथ से जुड़ी कुछ रोचक बातें-

– जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर स्थित झंडा हमेशा हवा की विपरीत दिशा में लहराता है.

– इसी तरह मंदिर के शिखर पर एक सुदर्शन चक्र भी है. इस चक्र को किसी भी दिशा से खड़े होकर देखने पर ऐसा लगता है कि चक्र का मुंह आपकी तरफ है.

– मंदिर की रसोई में प्रसाद पकाने के लिए 7 बर्तन एक-दूसरे के ऊपर रखे जाते हैं. यह प्रसाद मिट्टी के बर्तनों में लकड़ी पर ही पकाया जाता है. इस दौरान सबसे ऊपर रखे बर्तन का पकवान पहले पकता है फिर नीचे की तरफ से एक के बाद एक प्रसाद पकता जाता है.

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