अंतर्राष्ट्रीय टाइगर दिवस 2023 स्पीच, निबंध, भाषण, कविता Tiger Day Whatsapp Status Images :- इंटरनेशनल टाइगर डे एक ऐसा दिन जब बाघों के संरक्षण के के लोगों को जागरूक करने के लिए दुनियाभर के अलग-अलग हिस्सों में भाषण या स्पीच दी जाती है। स्कूल, कॉलेजऔर अन्य शैक्षणिक संस्थानों में भी इस दिन कार्यक्रम का आयोजन कर अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर भाषण दिया जाता है। इंटरनेशनल टाइगर डे पर स्पीच देकर बच्चों, युवाओं आदि को बाघों की महत्वता और उनके बचाव के लिए योगदान देने के लिए प्रेरित किया जाता है। आज भारत सहित दुनियाभर में बाघों की संख्या काफी तेजी से घटती जा रही है। जिसके कारण है। इंटरनटोनल टाइगर पर एग्जाम में भी निबंध लिखने को आ जाता है। इसलिए आज हम आपको टाइगर डे स्पीच, निबंध, एस्से की जानकारी दे रहे है। जिन्हे पढ़कर आप इंटरनेशनल टाइगर डे के बारे में जानकारी हासिल कर सकते है। कारगिल विजय दिवस 2023 स्पीच
भारत के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद स्कूल, कॉलेज में इंटरनेशनल टाइगर डे पर स्पीच, निबंध की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। इस प्रकार के आयोजन से इस दिवस को सेलिब्रेट क्यों किया जाता है? इसके बारे में जानकारी भी मिल जाती है और बच्चों को बाघ के संरक्षण के बारे में अच्छे से जागरकता भी मिल जाती है। कारगिल विजय दिवस 2023
अंतर्राष्ट्रीय टाइगर दिवस स्पीच
जंगलों के कटान और अवैध शिकार के कारण बाघों की संख्या तेज़ी से कम हो रही है। वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड और ग्लोबल टाइगर फोरम के 2016 के आंकड़ों के मुताबिक, पूरी दुनिया में लगभग 6000 बाघ ही बचे हैं जिनमें से 3891 बाघ भारत में हैं।
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पूरी दुनिया में बाघों की कई तरह की प्रजातियां मिलती हैं। इनमें 6 प्रजातियां मुख्य हैं। इनमें साइबेरियन बाघ, बंगाल बाघ, इंडोचाइनीज बाघ, मलायन बाघ, सुमात्रा बाघ और साउथ चाइना बाघ शामिल हैं।
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बंगाल टाइगर, या पेंथेरा टिगरिस, प्रकृति की सबसे अद्भुत रचनाओं में से एक है। यह बाघ परिवार की एक उप-प्रजाति है और भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार एवं दक्षिण तिब्बत के क्षेत्रों में पाई जाती है। इसके शौर्य, सुंदरता और बलशाली रूप को देखते हुए बंगाल टाइगर को राष्ट्रीय पशु के सम्मान से नवाज़ा गया है।
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ग्लोबल टाइगर डे (Global Tiger Day), जिसे अक्सर अंतर्राष्ट्रीय टाइगर डे (International Tiger Day) कहा जाता है, बाघ संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाने के लिए यह वार्षिक उत्सव है, जो सालाना 29 जुलाई को आयोजित किया जाता है। यह 2010 में Saint Petersburg Tiger शिखर सम्मेलन में बनाया गया था। दिन का लक्ष्य बाघों के प्राकृतिक आवासों की सुरक्षा और बाघ संरक्षण मुद्दों के लिए जन जागरूकता और समर्थन बढ़ाने के लिए वैश्विक प्रणाली को बढ़ावा देना है।
International Tiger Day 2023
T – Tomorrow No One Will Know Us
I – Identity In The World
G – Greatest King
E – Every Body Should Protect Them
R – Roaring(Crying) For Save Him
S – So Lets Start To Save The Tigers
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BACHANE SHERO KE PRAN HAIN,
YE DUNIYA KI SHAN HAIN.
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SHIKAR NAHI SHIKARI HAIN, JANGAL
KE SHER ADHIKARI HAIN.
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Save the national animal and serve the nation…
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आज के समय में कई देशों में बाघ विलुप्त होने की कगार पर है। जो बड़ा चिंता का विषय बना हुआ है। बाघों की संख्या में कमी का शहरीकरण का तेजी से होना और जंगलो की अंधाधुन कटाई मुख्य है। देश-विदेश में बाघों की तस्करी बड़े पैमाने पर होना भी एक बड़ा कारण है। प्रतियोगी परीक्षा और स्कूल, कॉलेज के एग्जाम में इंटरनॅशनल टाइगर डे पर कई सवाल पूछे जाते है। ऐसे में इस डे के बारे में आपक मालूम होना चाहिए।
International Tiger Day Status
वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (डब्ल्यूआईआई) के वरिष्ठ वैज्ञानिक विभाष पांडव ने बताया कि बाघ वृक्षों पर पंजे के निशान और मूत्र से अपनी सीमा क्षेत्र बनाता है, जो दूसरे बाघों को बताने के लिए होती है। अगर जंगल अच्छा है, उसमें शाकाहारी वन्यजीवों की संख्या अच्छी-खासी है तो वह छोटे इलाके में भी आराम से रह सकते हैं।
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वन विभाग ने बाघों की सुरक्षा के लिए नेपाल और उत्तर प्रदेश दोनों के साथ बातचीत की है। तराई पूर्वी वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी नीतिशमणि त्रिपाठी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के साथ बातचीत हो गई है।
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पीलीभीत टाइगर रिजर्व और तराई पूर्वी वन प्रभाग की टीम रोस्टर के हिसाब से एक-दूसरे इलाके में संयुक्त गश्त करेगी। इसी तरह नेपाल के साथ बातचीत कर गश्त और सुरक्षा को लेकर अन्य कदम उठाये जाएंगे।
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टाइगर दिवस कविता
इसके अतिरिक्त, जलवायु परिवर्तन भी बहुत बड़ी वजह है जिससे जंगली बाघों की आबादी कम हो रही है. जलवायु परिवर्तन की वजह से समुद्र का स्तर बढ़ रहा है जिससे जंगलों के खत्म होने का खतरा पैदा हो गया.
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अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस 29 जुलाई को मनाने का फैसला वर्ष 2010 में सेंट पिट्सबर्ग बाघ समिट में लिया गया था क्योंकि तब जंगली बाघ विलुप्त होने के कगार पर थे. इस सम्मेलन में बाघ की आबादी वाले 13 देशों ने वादा किया था कि वर्ष 2022 तक वे बाघों की आबादी दुगुनी कर देंगे.
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बाघ को भारत का राष्ट्रीय पशु कहा जाता है. बाघ देश की शक्ति, शान, सतर्कता, बुद्धि और धीरज का प्रतीक है. बाघ भारतीय उपमहाद्वीप का प्रतीक है और उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र को छोड़कर पूरे देश में पाया जाता है. पूरी दुनिया में बाघों की कई तरह की प्रजातियां मिलती हैं. इनमें 6 प्रजातियां मुख्य हैं. इनमें साइबेरियन बाघ, बंगाल बाघ, इंडोचाइनीज बाघ, मलायन बाघ, सुमात्रा बाघ और साउथ चाइना बाघ शामिल हैं.
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टाइगर दिवस पर भाषण
विश्व भर में 29 जुलाई 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया. यह दिवस जागरूकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है. अवैध शिकार और वनों के नष्ट होने के कारण विभिन्न देशों में बाघों की संख्या में काफी कमी आई है.
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केन्द्रीय पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने बाघ संरक्षण के लिए सामाजिक आंदोलन प्रारंभ करने की आवश्यकता को दोहराया है. इससे पहले डॉ. हर्षवर्धन ने भारतीय चिड़ियाघरों के वन्य जीवों के स्वास्थ्य तथा पोषण प्रबंधन पर एक मैनुअल जारी किया.
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इस दिवस को मनाने का उद्देश्य जंगली बाघों के निवास के संरक्षण एवं विस्तार को बढ़ावा देने के साथ बाघों के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है. इनकी तेजी से घटती संख्या को नियंत्रित करना बहुत ज़रूरी है, नहीं तो ये खत्म हो जाएंगे.
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