विश्व छात्र दिवस पर कविता 2019 | World Students Day Poem in Hindi: विश्व छात्र दिवस जिसे वर्ल्ड स्टूडेंट डे के रूप में भी जाना जाता है, हर साल 15 अक्टूबर को मनाया जाता है। विश्व विद्यार्थी दिवस भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के जन्मदिन पर मनाया जाता है। उन्हें मिसाइल मेन के रूप में भी जानते है। वर्ल्ड स्टूडेंट डे देश और दुनियाभर मौजूद स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन कविता प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाता है। अगर आप इस प्रतियोग में भाग ले रहे है तो यहाँ इस पोस्ट में मौजूद विश्व छात्र दिवस की कविताओं की मदद ले सकते है। वर्ल्ड स्टूडेंट डे पोएम हिंदी में लेकर आए है।
विश्व छात्र दिवस पर कविता 2019
डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती विश्व छात्र दिवस के रूप में पूरी दुनिया में मनाई जा रही है| उयह स व्यक्ति के सम्मान में, जो हमेशा एक शिक्षक के रूप में याद किए जाने की इच्छा रखता था और जिसने अपने जीवन के अंतिम 15 वर्षों में 18 मिलियन से अधिक नौजवानों के लिए खुद को स्वीकार्य बनाया, संयुक्त राष्ट्र ने डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम के 79 वें जन्मदिन को विश्व छात्र दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। वर्ष 2010 में। डॉ। कलाम, विनम्र व्यक्ति, जो युवाओं को आधुनिक भारत की सबसे बड़ी ताकत में से एक मानते थे, ने लाखों बच्चों के दिलों के साथ-साथ बड़े हो गए।
नदियों का रुख मोड़ते चलो,
सितारों में दुनिया खोजना है,
इस धरती को छोड़ते चलो.
और ऊँचा चढ़ते चलो
बढ़ते चलो तुम बढ़ते चलो
मुश्किल कहां कुछ होता है,
बेकार में तू ऐसे रोता है,
चल पगले हंसलें खिलखिला के
काहे को दुखों को संजोता है.
अपना नसीब खुद गढ़ते चलो
बढ़ते चलो तुम ,बढ़ते चलो
तुम्हारे हिम्मत को जब भांप जाएगी
सच में,ये सारी दुनिया कांप जाएगी.
रोक ना पाएगा कोई तुम्हारे कदमों को,
तुम पाकर रहोगे अपने हर सपनों को.
देखना तुम पीछे मुड़कर,
आगे बढ़ जा तुम उड़कर.
World Students Day Poem in Hindi
सबसे हट के कुछ करते चलो
ऊंची सोच के उड़ान भरते चलो
सितारों में दुनिया खोजना है,
इस धरती को छोड़ते चलो.
और ऊँचा चढ़ते चलो
बढ़ते चलो तुम बढ़ते चलो
मुश्किल कहां कुछ होता है,
बेकार में तू ऐसे रोता है,
चल पगले हंसलें खिलखिला के
काहे को दुखों को संजोता है.
अपना नसीब खुद गढ़ते चलो
बढ़ते चलो तुम ,बढ़ते चलो
Poems on World Student Day in English
Let’s bend the rivers,
To find the world in the stars,
Let’s leave this earth.
And climb higher
You grow, you grow
Where is something difficult,
You cry like this in vain,
Let’s get mad laughs
Does anyone remember the sufferings?
Let’s build our own destiny
You grow, you grow
When will your courage find out?
In truth, the whole world will be shaken.
No one will be able to stop you,
You will find your every dream.
Looking back at you,
Go ahead you fly
Let’s do some of the hottest things
Fly high-flying
To find the world in the stars,
Let’s leave this earth.
And climb higher
You grow, you grow
Where is something difficult,
You cry like this in vain,
Let’s get mad laughs
Does anyone remember the sufferings?
Let’s build our own destiny
You grow, you grow
डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम एक महान वैज्ञानिक थे और एक बहुत विनम्र लेकिन प्रेरणादायक व्यक्ति थे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), 1981 में, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था और 1990 में पद्म विभूषण। बाद में उन्हें भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया जो भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है।