Haryana Day Essay, Poem, Speech, Slogan, Poster | हरियाणा दिवस (Haryana Diwas) Nibandh, Kavita, Bhashan, Naare: आज ही के दिन साल 1966 में हरियाणा राज्य की स्थापना हुई थी| हर साल 1 नवंबर को हरियाणा दिवस के रूप में मनाया जाता है| हरियाणा राज्य का जन्म पंजाब में से हुआ है| हरियाणा राज्य में मुखयतर निवासी हिंदी भाषा बोलते है| हरियाणा दिवस पर राज्य के स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में हरियाणा दिवस पर निबंध, कविता, पोस्टर, चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता रहा है| इस प्रत्योगिता के आयोजन का मुख्य उद्देश्य राज्य के जन्म के इतिहास और उसके गौरव को भावी पढ़ी को बताना है|
हरियाणा दिवस पर निबंध 2022
हरियाणा दिवस पर प्रदेश में आयोजित प्रतियोगी परीक्षा और स्कूल, कॉलेज की परीक्षाओं में निबंध लिखने के लिए आ जाते है| हरियाणा दिवस पर निबंध लिखने के लिए आपको हरियाणा राज्य का इतिहास पता होना बेहद जरुरी है| आपको यह मालूम होना चाहिए की हरियाणा दिवस कब मनाया जाता है? प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री कौन थे? और वर्तमान में कौन है? हरियाणा दिवस पर निबंध की शुरू प्रदेश की स्थापना और उसकी तारीख के साथ करें और फिर आगे बढे|
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Haryana Day Essay
हरियाणा भारत के उतर में स्थित एक राज्य है और इसकी राजधानी चण्डीगढ़ है। यह पंजाब से अलग हुआ राज्य है और इसका निर्माण 1 नवंबर, 1966 को हुआ था। हरियाणा की सीमा उतर में हिमाचल से और दक्षिण में राज्यस्थान से लगती है। हरियाणा भारत की राजधानी दिल्ली को तीन तरफ से घेरे हुए हैं। हरियाणा के लोग ज्यादातर खेती करते हैं और यहाँ के जवान ज्यादातर सेना में भरती होते हैं। आमतौर पर हरियाणा में हरियाणवी बोली जाती है लेकिन इसकी राजकीय भाषा हिंदी है। हरियाणा की राजकीय पशु नील गाय है और राजकीय पेड़ पीपल है।
Haryana Diwas Nibandh
भारत में मुख्य पर्यटक स्थल कुरूक्षेत्र हैं। यहाँ पर मनाए जाने वाले मुख्य त्योहार में होली ,दीवाली, साँझी आदि आते हैं। यहाँ के लोग ज्यादातर कुश्ती या कबड्डी खेलते हैं। हरियाणा में दुध दही को ज्यादा खाया जाता है। हरियाणा का सांस्कृतिक पहनावा पुरूषों के लिए धोती कुर्ता है और औरतों के लिए दामन और कुर्ती है जिसके उपर वह घोटे वाली चुंदड़ी ओड़ती है। हरियाणा में हर तरफ हरियाली देखने को मिलती है। यहाँ के लोग मिल जुलकर रहते हैं। यह एक बहुत ही प्यारा राज्य है। हरियाणा में बहने वाली प्रमुख नदियों में यमुना और घाघर है।
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Haryana Day Essay in Hindi
हरियाणा, उत्तर-मध्य भारत में राज्य। यह उत्तर-पश्चिम में पंजाब राज्य और चंडीगढ़ के केंद्र क्षेत्र, उत्तर और पूर्वोत्तर राज्यों में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों द्वारा पूर्व में उत्तर प्रदेश राज्य और दिल्ली के केंद्रशासित प्रदेश से घिरा हुआ है, और राजस्थान राज्य द्वारा दक्षिण और दक्षिणपश्चिम। चंडीगढ़ शहर, चंडीगढ़ संघ के भीतर, न केवल उस क्षेत्र की राजधानी बल्कि हरियाणा और पंजाब राज्यों की राजधानी के रूप में कार्य करता है।
हरियाणा का गठन 1 नवंबर, 1966 को पंजाब के पूर्व राज्य के विभाजन के दो अलग-अलग राज्यों में पंजाबी भाषी पंजाब और हिंदी भाषी हरियाणा में हुआ था। यद्यपि पुनर्गठन ने सिख समुदाय द्वारा पंजाबी उप-पंजाबी भाषी प्रांत के लिए मांगों का पालन किया, लेकिन यह पंजाब के हिंदी भाषी क्षेत्र में विशाल हरियाणा (ग्रेटर हरियाणा) के लोगों की आकांक्षाओं को भी काफी हद तक पूरा करता था। हरिया नाम, हरि (हिंदू भगवान विष्णु) और आयन (घर) से, जिसका मतलब है “भगवान का निवास।”
हरियाणा की मिट्टी आमतौर पर गहरी और उपजाऊ होती है। कुछ अपवाद हैं, हालांकि, पहाड़ी पूर्वोत्तर और दक्षिणपश्चिमी के रेतीले इलाकों की खराब भूमियां शामिल हैं जो राजस्थान के थार (ग्रेट इंडियन) रेगिस्तान को फेंकती हैं। अधिकांश राज्य की भूमि कृषि है, लेकिन सिंचाई की आवश्यकता है।
Haryana Diwas Par Nibandh in Haryanavi
हरियाणा विभिन्न स्तनधारियों का घर है। तेंदुए, जैकल्स, जंगली सूअर, और कई प्रकार के हिरण समेत बड़ी प्रजातियां आम तौर पर पूर्वोत्तर और दूर दक्षिण के पहाड़ी क्षेत्रों तक ही सीमित होती हैं। छोटे स्तनधारियों, जैसे कि चमगादड़, गिलहरी, चूहों, चूहों, और जर्बिल्स, मैदानी इलाकों में आम हैं। नदियों के पास विभिन्न प्रकार के बतख और तिल पाए जाते हैं। कृषि क्षेत्रों में कबूतर और कबूतर आम हैं, जैसे छोटे, रंगीन पक्षियों जैसे पैराकेट्स, बुनिंग्स, सनबर्ड, बुलबुल और किंगफिशर। राज्य में सांप की कई प्रजातियां पाई जाती हैं; इनमें से अजगर, बोआ, और चूहे सांप, साथ ही जहरीले क्रेट और वाइपर भी हैं। अन्य छिपकलियां, मेंढक और कछुए समेत अन्य सरीसृप भी हरियाणा में रहते हैं।
Haryana Diwas Essay in Hindi
जिसे भारत का ग्रीन लैंड कहा जाता है। वो हरियाणा उत्तर भारतीय राज्य है। राज्य के दक्षिण में राजस्थान और पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और उत्तर में पंजाब की सीमा और पूर्व में दिल्ली क्षेत्र है। हरियाणा और पडोसी राज्य पंजाब की भी राजधानी चंडीगढ़ ही है। इस राज्य की स्थापना 1 नवम्बर 1966 को हुई। क्षेत्रफल के हिसाब से इसे भारत का 20 वा सबसे बड़ा राज्य बनाता है।
1 नवम्बर 1966 को पंजाब पुनर्गठन अधिनियम एक्ट (1966) के तहत हरियाणा राज्य का गठन हुआ। 23 अप्रैल 1966 को पंजाब राज्य को विभाजित करने और नये हरियाणा राज्य की सीमाए निर्धारित करने के लिए भारत सरकार ने जे.सी. शाह की अध्यक्षता में शाह कमीशन की स्थापना की।
31 मई 1966 को कमीशन ने अपनी रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के अनुसार कर्नल, गुडगाँव, रोहतक, महेंद्रगढ़ और हिसार जिलो को नये राज्य हरियाणा का भाग बनाया गया। साथ ही इसमें संगरूर जिले की जींद और नरवाना तहसील और नारैनगढ़, अम्बाला और जगाधरी तहसील को भी शामिल किया गया।
साथ ही कमीशन ने सिफारिश भी की के चंडीगढ़ (पंजाब की राजधानी) में शामिल खराद तहसील को भी हरियाणा में शामिल किया जाए। जबकि खराद के छोटे से भाग को ही हरियाणा में शामिल किया गया। चंडीगढ़ राज्य को केन्द्रशासित प्रदेश बनाया गया था, जो पंजाब और हरियाणा दोनों राज्य की राजधानी बनी हुई थी।
हरियाणा दिवस पर कविता
बचपन का टेम याद आ गया कितने काच्चे काटया करते,
आलस का कोए काम ना था भाजे भाजे हांड्या करते ।माचिस के ताश बनाया करते कित कित त ठा के ल्याया करते
मोर के चंदे ठान ताई 4 बजे उठ के भाज जाया करते ।ठा के तख्ती टांग के बस्ता स्कूल मे हम जाया करते,
स्कूल के टेम पे मीह बरस ज्या सारी हाना चाहया करते ।गा के कविता सुनाके पहड़े पिटन त बच जाया करते,
राह म एक जोहड़ पड़े था उड़े तख्ती पोत ल्याया करते ।“राजा की रानी रुससे जा माहरी तख्ती सूखे जा” कहके फेर सुखाया करते ,
नयी किताब आते ए हम असपे जिलत चड़ाया करते ।
Haryana Day Poem in Hindi
सारे साल उस कहण्या फेर ना कदे खोल लखाया करते ,
बोतल की खाते आइसक्रीम हम बालां के मुरमुरे खाया करते ।घरा म सबके टीवी ना था पड़ोसिया के देखन जाया करते
ज कोए हमने ना देखन दे फेर हेंडल गेर के आया करते ।भरी दोफारी महस खोलके जोहड़ पे ले के जाया करते ,
बैठ के ऊपर या पकड़ पूछ ने हम भी बित्तर बड़ जाया करते ।
हरियाणा दिवस मैसेज, SMS, कोट्स, शायरी, स्टेटस, इमेज
साँझ ने खेलते लुहकम लुहका कदे आती पाती खेलया करते,
कदे चंदगी की कदे चंदरभान की डांटा न हम झेलया करते ।बुआ आर काका भी माहरे खूब ए लाड़ लड़ाया करते,
जब होती कदे पिटाई त बाबू ध्होरे छुड़वाया करते ।खेता कहण्या जा के फेर नलके टूबेल पे नहाया करते,
चूल्हे ध्होरे बैठ के रोटी घी धर धर के खाया करते ।होती फेर सोवन की तयारी दादा दादी कहानी सुनाया करते,
बिजली त कदे आवे ना थी बस बिजना हलाया करते ।हल्की हल्की सी हवा लागती हमते फेर सो जाया करते,
तड़के न जब आँख खुलती सारे ऊट्ठे पाया करते ।दूसरी खाटा के गुददड़े बत्ती सीले से पाया करते,
छोड़के अपनी खाट न दूसरी पे हटके सो जाया करते ।जांगड़ा तू क्यां मै बड ग्या जा के कोए ईंट लगा ले न,
ज ईंट लगानी बसकी कोनया आरी राँड़ा ठाले न ।यो शायरी का काम छोड़ दे इसने मै संभालूँगा,
औरा की त बात छोड़ तेरे पे भी वाह वाह कहवा ल्यूङ्गा ।लिखण की कोए इच्छा ना थी उकसाया जांगड़ा भैया न।
जिद्दा म ये लाइन बना दी जितेंद्र नाम के दहिया न ॥– जितेन्द्र दहिया
Haryana Diwas kavita
लुगाईयाँ का घाघरा
खिचड़ी का बाजरा
सिरसम का साग
सर पै पाग
आँगण मै ऊखल
कूण मै मूसल
ढूंढते रह जाओगे!
घरां मै लस्सी
लत्ते टाँगण की रस्सी
आग चूल्हे की
संटी दुल्हे की
कोरडा होली का
नाल मौली का
पहलवानां का लंगोट
हनुमानजी का रोट
ढूंढते रह जाओगे!घूंघट आली लुगाई
गाँम मै दाई
लालटेण का चानणा
बनछटीयाँ का बालणा
बधाई की भेल्ली
गाम मै हेल्ली
घरां मै बुड्ढे
बैठकाँ मै मुड्ढे
ढूंढते रह जाओगे!बास्सी रोटी अर अचार
गली मै घूमते लुहार
खांड का कसार
टींट का अचार
काँसी की थाली
डांगरां के पाली
बीजणा नौ डांडी का
दूध दही घी हांडी का
रसोई मै दरात
बालकां की दवात
ढूंढते रह जाओगे!बटेऊआँ की शान
बहुआं की आन
पील गर्मियां मैं
गूँद सर्दियाँ मैं
ताऊ का हुक्का
ब्याह का रुक्का
बोरला नानी का
गंडासा सान्नी का
कातक का नहाण
मूंज के बाण
ढूंढते रह जाओगे!चूल आली जोड़ी [किवाड़] गिनती मै कौड़ी
कोथली साम्मण की
रौनक दाम्मण की
पाटड़े पै नहाणा
पत्तल पै खाणा
छात्याँ मै खडंजे अर कड़ी
गुग्गा पीर की छड़ी
ढूँढते रह जाओगे!लूणी घी की डली
गवार की फली
पाणी भरे देग
बाहण-बेटियां के नेग
ढूंढते रह जाओगे!मोटे सूत की धोत्ती
घी बूरा अर रोटी
पीले चावलाँ का न्यौता
सात पोतियाँ पै पोत्ता
धौण धड़ी के बाट
मूँज – जेवड़ी की खाट
घी का माट
भुन्दे होए टाट
गुल्ली – डंडे का खेल
गुड की सेळ
ब्याह के बनवारे
सुहागी मैं छुहारे
ताँगे की सवारी
दूध की हारी
पेचदार पगड़ी
घोट्टे आली चुन्दडी
सर पै भरोट्टी
कमर पै चोट्टी
ढूढ़ते रह जाओगे!कासण मांजन का जूणा
साधूआँ का बलदा धुणा
गुग्गे का गुलगला
बालक चुलबला
बोरले आली ताई
सूत की कताई
मुल्तानी अर गेरू
बलध अर रेहडू
कमोई अर करवे
चा – पाणी के बरवे
ब्याह मै खोड़िया
बालकां का पोड़िया
ढूंढते रह जाओगे!हटड़ी अर आला
बुडकलाँ की माला
दूध पै मलाई
लोगाँ कै समाई
खेताँ मै कोल्हू
नामाँ मै गोल्हू
ढूंढते रह जाओगे!गुड़ की सुहाली
खेताँ मै हाली
हारे की सिलगती आग
ब्याह मै पेठे का साग
हाथ का बँटा बाण
सरगुन्दी आली नाण
हाथ मै झोला
खीर का कचोला
ड्योढ़ी की सोड
बंदडे का मोड़ [सेहरा] खेत में बैठ के खाना,
डोल्ला का सिरहाना,
लावणी करती लुगाईया,
पानी प्याती पनहारिया,
डेला नीचे खाट,
भाटा के बाट,
ढूंढते रह जाओगे!सिर मैं भौरी
अणपढ़ छौरी
चरमक चूँ की जूती
दुध प्यांण की तूती
मावस की खीर
पहंडे का नीर
गर्मियां मैं राबड़ी
खेताँ मैं छाबड़ी
घरां मैं पौली
कोरडे की होली
चणे के साग की कढी
चाबी तैं चालदी घडी
काबुआ कांसी का
काढ़ा खांसी का
काजल कौंचे की
शुद्धताई चौंके की
गुलगला बरसात का
चूरमा सकरात का
सीठणे लुगाइयाँ के
नखरे हलवाईयाँ के
भजनी अर ढोलक
माट्टी के गुल्लक
ढूंढते रह जाओगे!!
Poem on Haryana Day in Haryanavi
एक बख़त था, गाम नै माणस, राम बताया करते।
आपस म्हं था मेलजोल, सुख-दुख बतलाया करते।
माड़ी करता कार कोई तो, सब धमकाया करते।
ब्याह-ठीच्चे अर खेत-क्यार म्हं, हाथ बटाया करते।
इब बैरी होग्ये भाई-भाई, रोवै न्यूं महतारी।
पहलम आले गाम रहे ना, बात सुणो या म्हारी॥एक बख़त था साझे म्हं सब, मौज उड़ाया करते।
सुख-दुख के म्हां साझी रहकै, हाथ बटाया करते।
घर-कुणबे का एक्का पहलम, न्यूं समझाया करते।
खेत-क्यार अर ब्याह्-ठीच्चे पै आग्गै पाया करते।
रल़मिल कै वै गाया करते-रंग चाव के गीत दिखे।
इब कुणबे पाट्ये न्यारे-सारे, नहीं रह्यी वै रीत दिखे॥
Haryana Diwas Poem
कड़ै गऐ बचपन के मित्र,
पाटी कच्छी टुटे लित्र ।
भैसैया गेल्यां गऐ जोहड पै,
काढ़ी कच्छी बडगे भित्तर ।
माचिस के ताश बणाया करदे,
नहर पै खेलण जाया करदे ।
घर तै लुकमा बेच कै दाणे,
खा गे खुरमे खिल मखाणे ।
मिश्री तै मिठे होया करदे,
खिल्लां तै फ़िक्के होगे….
वे यार पुराणे रै…
बेरा ना कित्त खोगे।
पकड लिये फेर स्कूल के रस्ते,
हाथ मै तख्ती काँख मैं बस्ते ।
गरमी गई फेर आ गया पाला,
एक दिन नहा लिऐ एक दिन टाला ।
पैंट ओर बुरसट मिलगी ताजी,
एक दो दिन गए राजी राजी ।
हाथ जोड फेर रोवण लागे,
आज आज घर पै रहण दैयो मां जी ।
आखयां मै आंसु आए ना…
हाम्म थुक लगा कै रोगे ।
वे यार पुराणे रै…
बेरा ना कित्त खोगे ।
कॉलेज मै फेर होग्या एडमिशन,
बाहर जाण की थी परमिशन ।
रोडवेज मै जाया करदे,
नकली पास कटाया करदे ।
बीस रुप्पली करकै कट्ठी,
ले लिया करदे चा और मट्ठी ।
स्पलैंडर पै मारे गेडे,
सैट करली थी दो दो पट्ठी ।
मास्टर पाठ पठाया करदा,
आंख मिच कै सोगे ।
वे यार पुराणे रै…
बेरा ना कित्त खौगे ।
वक्त गेल गऐ बदल नजारे,
बिखर गऐ सब न्यारे न्यारे ।
घरां पडया;कोए करै नौकरी,
घरक्यां नै करी पसंद छोकरी ।
शादी करली बणगे पापा,
कापी छोडी लिया लफाफा ।
रोऐ जा सै दिल मरज्याणा,
भुल गऐ क्यु टैम पुराणा ।
“saare balak” याद करै..
क्यु बीज बिघन के बो गे रै ।
वे यार पुराणे रै,
बेरा ना कित्त खोगे….
हरियाणा दिवस पर भाषण
हरियाणा दिवस पर प्रदेश के राजनेता और अन्य सेलेब्रटी प्रदेश में आयोजित कार्यक्रम में भाषण देते हुए नजर आ जाते है| कई स्कूल, कॉलेज में बच्चे भी हरियाणा दिवस पर स्पीच कम्पटीशन में भाग लेते है| हरियाणा डे पर स्पीच की तैयारी अच्छे से करें और मुख्य बातों को अपने भाषण में तवज्जो दें| ऐसा करने से आपके प्रतियोगी परीक्षा में जीतने की उम्मीद बढ़ जाएगी|
Haryana Diwas Speech
आज हम हरियाणा का 52वां स्थापना दिवस मना रहे हैं। भौगोलिक दृष्टि से हमारे सूबे का क्षेत्रफल 44,212 वर्ग किलोमीटर है। लेकिन हमारी मांग सिर्फ इतनी ही नहीं थी। हम हरियाणा नहीं विशाल हरियाणा चाहते थे। देश के आजाद होने के बाद 1950 में ही अलग हरियाणा की मांग शुरू हो गई थी। 1954-1955 तक हमारी मांग विशाल हरियाणा की थी, जिसमें न केवल वर्तमान हरियाणा, बल्कि दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के भरतपुर व अलवर जिला तक शामिल था। तर्क भी दिया गया था कि इन इलाकों की भाषा मिलती जुलती है और देश की आजादी से पहले दिल्ली की हर हुकूमत का क्षेत्र भी लगभग इतना रहा।
बकौल 1966 में रोहतक के एपीआरओ रहे सतवीर सिंह राणा, इसे लेकर सबसे पहले सूबे में एडवोकेट आनंद स्वरूप, एडवोकेट प्रताप सिंह दौलता आदि ने अलग हरियाणा की मांग की और आंदोलन शुरू किया।
1957 तक इसमें ताऊ देवीलाल, प्रोफेसर शेरसिंह, आर्य समाज के स्वामी ओमानंद जैसे नेता भी शामिल हो गए। हरियाणा में हिंदी भाषी क्षेत्र को अलग करने की मांग उठती रही तो पंजाब में पंजाबी सूबा अलग करने के लिए आंदोलन शुरू हो गया। आखिर हुकुम सिंह कमेटी बनी और उसने हिंदी भाषी क्षेत्र को अलग हरियाणा बनाने की सिफारिश की।
Haryana Diwas Bhashan
कई कमीशन भी बनाए गए। जस्टिस जेसी शाह की चैयरमैनशिप में शाह कमीशन बनाया गया, जिसने 31 मई, 1966 को केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी और एक नवंबर, 1966 को हरियाणा बना। लेकिन विशाल हरियाणा नहीं। केवल संयुक्त पंजाब के हिंदी भाषी क्षेत्र को ही इसमें शामिल किया गया।
हरियाणा के लोगों की लाइफ स्टाइल में तेजी से बदलाव आया है। यहां चमचमाती गाड़ियां शहर से लेकर गांव तक घरों के बाहर खड़ी मिल जाएंगी तो शहरों की तरह सुविधायुक्त कोठियां गांवों की शान बढ़ा रही हैं।
बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक मोबाइल, कंप्यूटर और इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। गुड़गांव व फरीदाबाद तक मेट्रो पहुंच चुकी है तो बहादुरगढ़ में इसका कार्य चल रहा है।
Haryana Diwas Speech in Hindi
दिल्ली से सटे होने की वजह से यहां की संस्कृति भी कुछ बदलाव आ रहा है। गुड़गांव व फरीदाबाद जैसे शहरों में रहने वालों की रहन-सहन और खान-पान पूरी तरह बदल चुका है। सूबे की अर्थ व्यवस्था कृषि पर निर्भर है। 80 फीसदी लोग कृषि करते हैं लेकिन पंजाब ने आज तक हमारे हिस्से का पानी नहीं दिया। एसएवाईएल नहर की खुदाई भी हो चुकी है। कुछ पानी दिया जो नरवाना ब्रांच में छोड़ा जाता है लेकिन वह राजनीतिक प्रभाव की वजह से हिसार, फतेहाबाद व सिरसा जिले को ही मिल रहा है।
पंजाब और हरियाणा का आज भी संयुक्त हाई कोर्ट है। इसे लेकर शुरू से ही विवाद चल रहा है। कई बार मांग भी उठती रहती है लेकिन अभी तक इस तरफ किसी भी सरकार ने ध्यान नहीं दिया है। पंजाब से अलग होने पर चंडीगढ़ हरियाणा केहिस्से में आया लेकिन पंजाब देने से मना कर दिया। अब तक प्रदेश की अलग राजधानी नहीं बन पाई है।
Haryana day speech in hindi language
दोनों प्रदेश की संयुक्त राजधानी आज भी चंडीगढ़ है। 1966 में बिजली व्यवस्था की हालत बिगड़ी हुई थी। गांवों में चिमनी से काम चलता था। धीरे-धीरे व्यवस्था सुधरी लेकिन आज भी 24 घंटे बिजली की बाट किसान और आम आदमी जोह रहा है। हर सरकार 24 घंटे बिजली का वादा भी करती रहती है।
हरियाणावीं खान-पान और संस्कृति की अपनी अलग पहचान है। यहां दूध-दही का खानपान है। हरियाणा केलोगों को मजबूत माना जाता है। यहां पुरुषों केपहनावे में धोती, गोल बाहों का पुराने रिवाज का कुर्ता, कमीज, पगड़ी ज्यादा पहनते हैं तो महिलाएं घाघरा, अंगिया, समीज, सलवार-कुर्ता, कढ़ाई किया हुआ ओढ़ना पहनना पसंद करती है।
Haryana Diwas Naare
Haryana Day Slogan
Haryana Day Poster
हरियाणा महोत्सव के दौरान, चंडीगढ़ से पंचकुला शहर में आयोजित रैली सह दौड़ के साथ-साथ रैली सह दौड़ भी होती है। सभी लोग उत्साही रूप से भाग लेते हैं और पूरे राज्य में सड़कों पर उत्साह और आनंद देखने को मिलता है।
Haryana Diwas Poster
हरियाणा दिवस त्यौहार का दिन पाकिस्तान परिधानियों, पर्यटक परिसरों में आयोजित खाद्य त्यौहार को दर्शाता है। हरियाणा महोत्सव में रक्त दान शिविर और अन्य रन फन इवेंट भी आयोजित किये जाते हैं। हरियाणा में हरियाणा दिवस त्यौहार में और अधिक आनंद लेने के लिए हरियाणा के लगभग सभी परिसरों में शाम को संगीत प्रदर्शन किया जाता है।
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