Shani Dev Facts: आज हम आपको शनि देव के बारे में कुछ रहस्यमय बाते बताने जा रहे हैं। अगर आप भी शनि देव के बारे में यह बातें जान लेंगे तो आप भी उनके अगाध भक्त बन जाएंगे। इसके साथ साथ आपकी नैया भी पर हो सकती है। ऐसा कहा जाता है कि शनि देव की पूजा लाभ और स्वार्थ को लेकर नही करनी चाहिए। वह न्यायधीश है और सब कुछ कर्मो के हिसाब से देते हैं। इसीलिए हमें शुभ कर्म करने चाहिए। आपको बता दें कि शनि देव सूर्य और माता छाया के पुत्र है। शनि क्रूर ग्रह नही है।
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5 Magical Truth About Shani Dev
1. शनि के आदिदेवता प्रजापति ब्रह्मा और प्रत्यधिदेवता यम है। यह एक एक राशि मे 30-30 महीने रहते हैं। यह मकर और कुम्भ राशि के स्वामी है और इनकी महादशा 19 वर्ष की होती है। इनकी शांति के लिए मृत्युंजय जप, नीलम धारण, काली गाय, भैंस, कस्तूरी व सुवर्ण का दान देना चाहिए।
2. आपको बता दें कि शनि संस्कृति शब्द है शनये कमति स:। इसका अर्थ है, अत्यंत धीमा। शनि की गति की बहुत धीमी होती है। शनि की गति भले ही धीमी हो लेकिन शनि देव को बहुत की सौम्य देव माना जाता है।
3. शनि देव सूर्य देव पुत्र होने के कारण काफी शक्तिशाली है। और इसी कारण मानव और देवताओं में शनि देव का डर व्याप्त है। शनि देव को न्याय का देवता भी कहा जाता है और शनि देव गलती करने वाले को अपनी दशा या फिर अंतर दशा में दंडित करते हैं। ताकि प्रकति का संतुलन बना रहे।
4. शनि देव के बारे में कुछ भ्रांतियां है जिसके कारण शनि देव को शुभ नही माना जाता है, जोकि सरासर गलत है।
5. शनि देव को कलयुग का देवता भी माना जाता है। जब भी शनि देव की दशा या फिर अंतर दशा जातक पर आती हैं तो वह कर्म के अनुसार फल भोगता है।
जाते जाते हम आपसे यही कहना चाहते हैं कि शनि देव अपने भगतों को कभी निराश नहीं करते हैं। तो यह थे शनि देव के बारे में पाँच बाते। आपको हमारी यह जानकारी कैसी लगी लाइक और शेयर करके जरूर बताइये गा।
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