आप सभी को नमस्कार, आज हम इस आर्टकिल में बात करने वाले है, Durgamati Movie के हिंदी रिव्यु के बारे में, राजनीति में हो रहे भ्रष्टाचार और राजनीतिक पदों का दुरुपयोग पर बॉलीवुड इंडस्ट्री में कई फिल्में बनी है, राजनेता अपनी सत्ता को बचाने के लिए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हैं और राजनीति में गुंडागर्दी हमें कई फिल्मों में देखने को मिले हैं इन विषयो पर कई फिल्म हम पहले देख चुके है। शुक्रवार को अमेजॉन प्राइम ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई भूमि पेडनेकर की दुर्गामती फिल्म, आगे हम आपको बताएगे की इस फिल्म में आपको क्या कुछ जानने को मिलने वाले है इसे जानने के लिए हमारे साथ बने रहे।
दुर्गामती फिल्म रिव्यू
अगर आपको नहीं मालूम तो आपकी जानकारी के बता दे की दुर्गामती, तेलुगु-तमिल फ़िल्म भागमती का रीमेक है, जिसे अशोक ने डायरेक्ट किया है। जो इस से पहले ओरिजिनल फिल्म में काम कर चुके है। दुर्गामती के सह निर्माताओं में अक्षय कुमार भी शामिल हैं, जो ख़ुद तमिल फ़िल्म कंचना 2 के रीमेक लक्ष्मी में लीड रोल निभा चुके हैं।
फिल्म की कहानी
दुर्गामती में हर वह मसाला डाला गया है, जो एक दमदार हॉरर फिल्म में होनी चाहिए। फिल्म शुरु होती है जल संसाधन मंत्री ईश्वर प्रसाद (अरशद वारसी) से, जहां वो लोगों से वादा करते हैं कि यदि मंदिर की मूर्तियां चुराने वालों को 15 दिनों में नहीं पकड़ा गया तो वो अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। ईश्वर प्रसाद को उनकी ईमानदारी की वजह से जनता भगवान मानती है। दूसरी तरफ वह सीबीआई के रडार पर भी हैं। सीबीआई संयुक्त आयुक्त सताक्षी गांगुली (माही गिल) और एसीपी अभय सिंह (जीशु सेनगुप्ता) साथ मिलकर ईश्वर प्रसाद के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करना चाहते हैं।