दिल्ली यूनिवर्सिटी यानि की डीयू में शैक्षणिक सत्र 2019-20 में स्नातक से लेकर पीएचडी कोर्स में आवेदन बड़ी संख्या में फीस अदा करनी पड़ेगी| ऐसा इसलिए क्योंकि की एडमिशन कमिटी ने हर स्तर पर आवेदन शुल्क में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिए था जिस पर करीब-करब सहमति बन गई है| इस हिसाब से अब स्नातक में सामान्य और ओबीसी वर्ग के स्टूडेंट्स को आवेदन करने के लिए 150 रूपये की जगह 250 रूपये का शुल्क देना होगा| एससी-एसटी, ईडब्लयूएस और पीडब्लयूडी कैटेगरी के स्टूडेंट्स को 75 रूपये की जगह 100 रूपये आवेदन शुल्क के तौर पर देने होंगे|
जबकि एंट्रेंस एग्जाम बेस्ड ग्रेजुएशन कोर्स में सामान्य और ओबीसी श्रेणी के लिए आवेदन शुल्क 500 से बढ़ाकर 750 रूपये होने जा रहा है| एससी/एसटी, ईडब्ल्यूएस व पीडब्ल्यूडी कैटेगरी के स्टूडेंट्स के लिए यह शुल्क 250 से बढ़ाकर 300 रुपये कर दिया जाएगा| यही नहीं स्नातक कोर्स में भी आवेदन शुल्क में बढ़ोतरी होगी| स्नातकोत्तर व एमफिल-पीएचडी कोर्सेज में सामान्य व ओबीसी श्रेणी को आवेदन शुल्क के रुप में 500 की जगह 750 रुपये आवेदन शुल्क के रूप में अदा करने होंगे| वहीं इन कोर्सेज में एससी/एसटी, ईडब्ल्यूएस व पीडब्ल्यूडी आवेदन शुल्क को 250 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये किया जा रहा है।
स्पोर्ट्स और ईसीए कोटे के तहत आवेदन करनेवाले सामान्य व ओबीसी श्रेणी के छात्रों को पंजीकरण शुल्क 150 रुपये । इसके अलावा छात्र यदि अतिरिक्त गतिविधियों में आवेदन करना चाहेगा तो उसे प्रति गतिविधि के अनुसार 50 रुपये शुल्क देना होगा। उल्लेखनीय है कि छात्र दोनों कोटे में छात्र तीन से ज्यादा गतिविधि में आवेदन नहीं कर सकेगा।
डीयू की ऐडमिशन कमिटी ने तय किया है कि यूजी, पीजी, एमफिल, पीएचडी ऐडमिशन के दौरान स्टूडेंट्स के डॉक्युमेंट्स की सत्यता की जांच या तो ऑनलाइन होगी या फरेंसिक वेरिफिकेशन होगा। इसके लिए ऐडमिशन कमिटी ने डीयू की स्टैंडिंग कमिटी में प्रस्ताव दिया था, जिसे मंजूर कर लिया गया। डीयू में 80% स्टूडेंट्स सीबीएसई से ही हैं। ऐसे में अगर सीबीएसई के डेटाबेस से सीधे मार्क्स अपलोड कर दिए जाएं, तो ऑनलाइन ही डॉक्युमेंट्स की जांच हो जाएगी और धोखाधड़ी के चांस नहीं रहेंगे।