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भिखारी पर निबन्ध | Essay on Beggar in Hindi | Bhikhari Par Nibandh

हेलो दोस्तों नमस्कार, आज हम बात करने वाले हैं Essay on Beggar in Hindi (Bhikhari Par Nibandh) पर, तो कभी आप किसी मंदिर मस्जिद या चर्च के बाहर (धार्मिक स्थल) पर जाते है, तो आपको बहार कुछ गरीब और भूखे भिखारी देखने को मिलते हैं, और यह केवल 1-2 की संख्या नहीं होती बल्कि 10 या 10 से अधिक लोग झुंड बनाकर धार्मिक स्थल के बाहर बैठे होते है, और इन लाचार लोगों को देखकर अक्सर मन में इन लाचार लोगों के लिए दया आ जाती है, मदद के भाव से हम उन्हें कुछ पैसे दान के तौर पर दे भी देते है, ताकि उनकी सहायता हो सके। धार्मिक स्थल पर अक्सर लोग पुन्य करने आते है इसलिए न चाहते हुए भी मजबूरी में दान देना पड़ता है। केवल धार्मिक स्थल के बहार ही नहीं बल्कि आपको भिखारी रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, मेट्रो स्टेशन के बाहर, रेड लाइट आदि स्थान पर भी देखने को मिल जाते है।

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भिखारी किसी भी जाति और बच्चे-बूढ़े-जवान और स्त्री-पुरूष हर प्रकार के लोग होते है। कुछ भिखारी इस प्रकार के बह होते हैं कि वह पैदाइशी अपंग होते है, और वह कामकाज नहीं कर पाते, जिसके बाद उन्हें न चाह कर भी भीख मांगी पड़ती है, और अपना गुजारा करना पड़ता है। ऐसे अपंग लोगो के देख कर हर किसी का डिल भर आता है, और हम उन्हें कुछ पैसे दान के तोर पर दे देते है। कोई बात नहीं ऐसे लोगों को भी देखा होगा जो अपने बच्चों के साथ भीख मांगते हैं, उनकी इस आर्थिक स्थिति को देखकर हम उनकी सहायता के लिए अपने कुछ दान कर देते हैं, जो की सही भी है। क्योकि भगवान ने हमें इतना दिया है की हम किसी अन्य की सहायता कर सकते हैं।

वैसे तो सभी सरकारें देश से गरीबी को खत्म करने का दावा करती है, लेकिन असल जिंदगी में ऐसा कुछ नहीं है, सड़क पर निकलते हैं छोटे बच्चे फटे पुराने कपड़ों में भीख मांगते हुए दिखाई दे जाते हैं। वहीं दूसरी ओर हम और आपके बच्चे एक अच्छी जिंदगी जी रहे होते हैं, इन सब के बावजूद हमारे बच्चे संतुष्ट नहीं हो पाते। अक्सर हमें अपने बच्चों को इन लोगों के बारे में बताना चाहिए, ताकि उन्हें जो जिंदगी मिली है उसका सम्मान करे। यही नहीं बल्कि अपने बच्चों को हमें यह भी सिखाना चाहिए कि अपने से छोटे और गरीब लोगों के सहायता करनी चाहिए। रेड लाइट पर मांग रहे भीख छोटे बच्चे किस तरह से अपना जीवन यापन कर रहे हैं, आप खुद अनुमान लगा सकते है इस लिए हमे खुद आगे भड़ कर इनकी सहायता करनी चाहिए। लेकिन एक बात का जरूर ध्यान रखें कि कभी भी पैसे देकर सहायता नहीं करनी चाहिए, ऐसा हम क्यों कह रहे हैं इसके बारे में हम आपको आगे बताएं।

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भिखारी को पैसे क्यों नही देना चाहिए?

हर साल भारत में 44,000 बच्चो को किडनैप कर लिया जाता है, और इन्ही बच्चो से भीख मंगवाई जाती है। जो लोग इन बच्चों को किडनैप करते हैं वह यह सब पैसों के लिए करते हैं और हम जितना अधिक छोटे बच्चों को पैसे देंगे उतना ही है काला धंधा जोरो जोरो से बढ़ेगा। इसलिए जब कभी आपको रेड लाइट पर कोई छोटा बच्चा भीख मांगता हुआ दिखाई दे तो उसे पैसे बिल्कुल न दे बल्कि उसका स्कूल में एडमिशन करवा दे या फिर उसकी किसी और तरह से सहायता करें। लेकिन पैसों का उपयोग बिल्कुल ना करें।

एक दूसरा पहलू यह भी है कि क्योंकि वह उन पैसों से नशीले पदार्थ खरीद कर नशा कर सकते हैं। आपके द्वारा दिए गए पैसों से कोई हथियार खरीद सकते हैं और अपराध को अंजाम दे सकते है। आप भिखारी को उसकी आवश्यकता अनुसार चीजे दे लेकिन पैसा बिल्कुल न दे। जैसे खाने के लिए भोजन और पहनने के लिए कपड़े,पढ़ने के लिए किताबे, पर रहने के लिए जगह। अगर इससे बढ़कर कुछ करना चाहते हैं तो आप भिखारी से पूछ सकते हैं कि आप क्यों भीख मांग रहे है, आपकी क्या मजबूरी है जो आपको भीख मांगनी पढ़ रही है, समस्या सुनने के बाद उनकी सहायता कर सकते हैं। इससे भिखारियों के गिरोह की कमर टूट जायेगी, और ह्यूमन ट्रैफिकिंग में गिरावट आएंगी। यह सत्य है कि कुछ लोग पैसे के लालच में बच्चे, स्त्री, बूढ़े लोगो को भीख माँगने के लिए मजबूर करते है, और आप पैसा ने दे कर उनकी सहायता करते है तो वह ऐसा नहीं करेंगे। क्योकि उन्हें न पैसा मिलगा न वह भीख मंगवाएंगे।

जब आप किसी भी भिखारी को पैसा नहीं देते और उसकी सहायता उसकी आवश्यकता अनुसार करते हैं, तो केवल आपसे वही भिखारी सहायता मांगेगा जिसे हकीकत में आपकी सहायता की जरूरत है। हमारा यह मानना है कि केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों को कुछ जागरूक होना चाहिए उन लोगों को जागरूक करना चाहिए, ताकि फुटपाथ पर भीख मांग रहे लोगों की आर्थिक स्थिति सुधर सके। सरकार को इन गरीबों के लिए ऐसी योजना बनानी चाहिए, ताकि इन असंगत लोगों की रोजगार मिल सके और यह भीख मांगने वाली जिंदगी से बाहर निकल सके।

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भिखारी के जीवन में बदलाव कैसे लाया जा सकता है?

काफी समय से हम यह सुनते आ रहे हैं कि शिक्षा वह अस्त्र है, जिसका ज्ञान पाकर हम अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सकते हैं। इसलिए फुटपाथ पर भीख मांगने वाले बच्चों और उनके परिवार वालों को जागरूक करना चाहिए ताकि वह अपन बच्चों को पढ़ने के लिए विद्यालय भेजे। सरकार को इन गरीब वर्ग के लोगों को शिक्षा मिल सके इसके लिए उनके “Area” इलाके में ऐसे शिक्षा केंद्र बनाना चाहिए, जहां जाकर वह शिक्षा हासिल कर सके। वैसे तो इस प्रकार के काले बहुत सारे NGO करते है, लेकिन उनमे से कुछ NGO केवल दिखावा करते है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है की हमे और आपको इन लोगो की मद्द्त करना बंद कर देना चाहिए।

शायद सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से कुछ ज्यादा बदलाव न आये, लेकिन इस स्थिति को सुधारने के लिए  पढ़े-लिखे युवाओं को आगे आना चाहिए और ऐसे आइडियाज लाना चाहिए ताकि गरीब और भीख माँगने वाले के जीवन को रौशनी मिल जाएँ।यह सत्य है की एक इंसान के पास एक ऐसा टैलेंट या फिर एक ऐसी स्किल होती है, जसिके दम पर वह बहुत कुछ कर सलता है और अपने जीवन को सुरक्षित और समृद्ध बना सकते हैं, केवल उन्हें एक अच्छे मार्गदर्शन की आवश्यकता है। जिसके लिए हमे और आपको आगे आना होगा, तो आज ही से प्रण ले की जब कभी आपको भीख मांगता हुआ कोई बच्चा, बूढ़ा, महिला, अपंग इत्यादि दीखता है तो आप उसकी सहायता करेंगे।

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