लखनऊ में माननीय न्यायालय ने सख्त आदेश दिए और उन लोगों के विरुद्ध एक प्राथमिकी (एफ आई आर) दर्ज की गई है जो सहारा इंडिया परिवार पर आपत्तिजनक पोस्ट और टिप्पणियां कर रहे हैं। दरभंगा, अजमेर, गाजियाबाद और करौली (राजस्थान) से 5 व्यक्तियों के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। यह लोग सहारा इंडिया परिवार और इसके प्रबंधन के खिलाफ सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, टि्वटर, व्हाट्सएप इत्यादि पर आपत्तिजनक पोस्ट कर रहे थे। माननीय न्यायालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक ट्विटर और व्हाट्सएप को एक स्थगन आदेश में निर्देश दिया है कि वह अपने मंच पर सहारा इंडिया परिवार के विरुद्ध किसी भी भड़काऊ और मानहानि संबंधित पोस्ट को प्रकाशित ना करें।
माननीय न्यायालय ने उन सभी के विरुद्ध अनिवार्य निषेधाज्ञा दी है जो सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट कर रहे हैं और उन्हें ऐसे आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने से रोका है। कुछ ऐसे व्यक्ति हैं जिनका एजेंडा नकारात्मक है और सोशल मीडिया में सहारा इंडिया परिवार पर तरह-तरह के अपमानजनक बयान पोस्ट कर रहे हैं और दूसरों को ग्रुप में शामिल होने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं तथा भ्रांति फैला रहे हैं। इन लोगों का समूह निवेशकों को भ्रमित करने और सहारा इंडिया परिवार की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है। माननीय न्यायालय द्वारा पारित वर्तमान आदेश के अनुसार इन लोगों पर कानून के तहत मुकदमा चलेगा और उन्हें इसके लिए उत्तरदाई ठहराया जाएगा, चाहे वह देश के किसी भी हिस्से से सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक व अपमानजनक सामग्री पोस्ट कर रहे हैं। माननीय न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि अब देश के किसी भी हिस्से से किसी भी व्यक्ति के द्वारा की गई पोस्ट को न्यायालय के अधिकार क्षेत्र के तहत परीक्षण में लिया जाएगा और वह व्यक्ति अपने खिलाफ सख्त कार्यवाही के लिए उत्तरदाई होगा।