फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर सचिन बंसल अपनी पूरी हिस्सेदारी वॉलमार्ट को बेच अलग हो जाएँगे: भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट अपनी कुछ हिस्सेदारी दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी वॉलमार्ट बेचने जा रही है| इसकी खबरे आप सभी को है| लेकिन अब इस खबर के बीच एक नई खबर ये सामने आ रही है की फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर सचिन बंसल कंपनी कंपनी में अपना 5.5 प्रतिशत का अपना पूरा हिस्सा वॉलमार्ट बेचने की खबर है|
मीडिया की खबरों एक मुताबिक सचिन बंसल ने फ्लिपकार्ट से अपने आप को पूरी तरह अलग करने का मन बना लिया है| बता दें की वॉलमार्ट 2-2.5 अरब डॉलर के निवेश के साथ देश की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी के मौजूदा निवेशकों से 60 प्रतिशत हिस्सेदारी तकरीबन 14 अरब डॉलर में खरीदने जा रहा है| बता दें की फ्लिपकार्ट में सॉफ्टबैंक की 20.8 प्रतिशथ, ईबे की 6.1 प्रतिशत और सचिन बंसल की 5.55 प्रतिशत की हिस्सेदारी है|
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एक अख़बार में छपी खबर के अनुसार वालमार्ट फ्लिपकार्ट दोनों संस्थापकों में से केवल एक को ही उस स्थान पर रखना चाहता है| वैसे आपको जानकारी दें दें की सचिन बंसल और बिनी दोनों ही अमेज़ॉन डॉट कॉम इंडिया के पूर्व कर्मचारी रह चुके है| इन दोनों ही साल 2007 में फ्लिपकार्ट कंपनी की नीव रखी थी| कंपनी ने अपनी शुरुआत ऑनलाइन बुक सेल करके की थी|
सूत्रों के अनुसार फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक बिनी बंसल नए चेयरमैन और ग्रुप सीईओ बनाए जा सकते है| इस समय फ्लिपकार्ट के सीईओ कल्याण कृष्णमूर्ति हैं और वह इसी भूमिका में बने रहेंगे। ऐसी खबर है की वॉलमार्ट भारतीय कंपनी के 10 सदस्यों वाले बोर्ड में तीन डायरेक्टर और चीफ फाइनैंशल ऑफिसर की नियुक्ति कर सकती है|
खबरों के अनुसार सचिन वॉलमार्ट के साथ डील पूरी होने के बाद की प्रस्तावित रणनीति और संचालन ढांचे से सहमत नहीं हैं। सचिन बंसल से संपर्क करने पर जब उनसे कंपनी छोड़े जाने के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं कहा| बता दें की साल 2007 में सचिन और बिन्नी फ्लिपकार्ट की स्थापना एक ऑनलाइन बुकस्टोर के रूप में की थी। सचिन नौ वर्षों तक फ्लिपकार्ट के सीईओ के पद पर बने रहे| साल 2016 में वह कंपनी के चेयरमैन बन गए और बिन्नी ने सीईओ का पद संभाला| तभी से सचिन कंपनी के रोजाना के काम से दूरी बनाए हुए है|