Union Budget 2018, Aam Budget 2018 Date and Time India: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी 2018 को वित्तीय वर्ष 2018-19 का आम बजट पेश करने जा रहे है| संसद में बजट 11 दिन के अंदर पेश किया जाएगा| वर्ष 2017-2018 का बजट भी इस समय ही पेश हुआ था| बता दें की यह बजट मोदी सरकार के पाँच साल के कार्य का आखरी बजट होगा| इसके बाद देश में एक बार फिर से लोकसभा चुनाव होंगे| संसद में बजट सत्र 29 जनवरी से शुरू हो चूका है| बजट सेशन का पहला सत्र 29 जनवरी से 9 फरवरी के बीच चलेगा| वही दूसरे बजट सत्र 5 मार्च से 6 मार्च तक होगा| दोनों बजट सत्र के बीच कुछ समय का गैप होगा| ऐसा इसलिए होगा क्योंकि बजट से सम्बन्धी प्रस्तावों को स्थायी समितियों के द्वारा देखा जा सके|
नरेंद्र मोदी सरकार के लिए इस बार का बजट काफी मायने रखता है, क्योंकि पिछले दोनों बजट में सरकार की तरफ से दो बड़े वित्तीय फैसले लिए गए थे| एक नोटबंदी तो दूसरे जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स)। जीएसटी के लागू होने के बाद सरकार पहली बार आम बजट 2018 पेश करेंगी| संसद के बजट का सत्र देश राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ| संसद के दोनों सदनों का सयुंक्त सत्र 30 जनवरी को आयोजित हुआ| अब सभी की आँखे वित्त मंत्री अरुण जेटली पर टिकी है| देखने वाली बात होगी की आम बजट 2018-2019 में आम जनता के लिए क्या खास होगा|
बता दें की पिछले वर्ष वित्तीय बजट पेश करने की प्रक्रिया 1 फरवरी सुबह तकरीबन 11 बजे चालू हुई थी| पिछले बजट भारत का ऐतिहासिक बजट था क्योंकि भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था की बजट को एक महीना पहले पेश किया गया| बजट को एक महीना पहले पेश करने पर, मोदी सरकार ने दलील दी थी इससे बजट में शामिल योजनाओं और कार्यों को पुरा करने में समय मिल जाएगा| पहले 1 अप्रैल से वित्त वर्ष से बजटीय प्रावधानों को लागू करने में सरकार को दिकतो का सामना करना पड़ता था|
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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कुछ समय एक इंटरव्यू में कहा था की आम बजट 2018 में एग्रीकल्चर सेक्टर को प्राथमिकता देंगे| इंटरव्यू में आगे बात करते हुए उन्होंने कहा था की कुछ जगहों पर उत्पादन ज्यादा होने के कारन किसानों को अपनी फसल का सही दाम नहीं मिल पाता| किसानों की इन समस्या को देखते हुए पिछले कुछ सालो से सरकार के द्वारा कई प्रकार के कदम उठाएं गए है| जिसका असर भी देखने को मिला है|
आपको बता दें की इस बजट के कई तरह की लोकलुभावने घोषणाएँ भी की जा सकती है| ऐसा इसलिए होने सम्भावना है क्योकि ऐसी साल देश के चार बड़े राज्य कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने है