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कामाख्या देवी मंदिर, असम का सम्पूर्ण ज्ञान हिंदी में | kamakhya Devi Temple Assam in Hindi

गुवाहाटी जोकि असम का सबसे बड़ा शहर है अपने संस्कृति के लिए जाना जाता है। जी हां दोस्तों आज हम बात कर रहे हैं कामाख्या मंदिर के बारे में जोकि गुवाहाटी से 8 किलोमीटर दूर है। कामाख्या मंदिर जिसे अपने चमत्कार के लिए जाना जाता है यह मंदिर नीलांचल पहाड़ियों पर स्थित हैं। कामाख्या मंदिर शक्ति की देवी सती का मंदिर है। आज की जानकारी आप सभी के लिए बनाई गई है क्योंकि हमारे बहुत सारे है यूजर ने कामाख्या मंदिर के बारे में जानने के लिए अनुरोध किया था। आज हम जानने वाले हैं कामाख्या मंदिर के बारे में।

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ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे स्थित गुवाहाटी शहर अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है। गुवाहाटी शहर में संस्कृति काफी ज्यादा है शायद इसीलिए यहां पर अलग-अलग क्षेत्र से योगी और अन्य बाबा लोग देखने को मिलते हैं। गुवाहाटी शहर घूमने के लिए भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है और यहां पर आए दिन पर्यटक आते रहते हैं। लेकिन अगर आपने गुवाहाटी आकर कामाख्या मंदिर नहीं देखा है तो आपकी यात्रा अधूरी है। चलिए आपको ज्यादा से ज्यादा कामाख्या मंदिर के बारे में बताने वाले हैं जहां पर आए दिन अनगिनत चमत्कार देखने को मिलते रहते है। कामाख्या मंदिर गुवाहाटी के रेलवे स्टेशन से 8 किलोमीटर दूर है।

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यह मंदिर एक तांत्रिक माता को समर्पित है और यहां पर कामाख्या माता के अलावा काली माता के दस अलग-अलग अवतार देखने को मिलते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार देवी सती अपने पिता के हवन में शामिल होने जा रही थी। लेकिन उनके पति भगवान शिव ने उन्हें वहां पर जाने से रोक लिया था। इस बात पर दोनों में झगड़ा हो गया था और देवी सती अपने पति के मना करने के बाद भी यज्ञ में बैठ गई थी। यज्ञ के दौरान देवी सती के सामने उनके पति शिव जी का घनघोर अपमान किया गया था।

इस अपमान को देवी सती सहन नहीं कर पाई थी और उसे यज्ञ की आग में अपने आप को समर्पित कर दिया था। बताया जाता है कि स्वयं विष्णु भगवान के चक्र से देवी सती के कई टुकड़े हुए थे और उसी में से एक टुकड़ा गुवाहाटी की नगरी में आकर गिरा था और इसीलिए वहां पर कामाख्या मंदिर की स्थापना की गई थी। हमारी आज की जानकारी मात्रा आपके मनोरंजन के लिए बनाई गई है। यदि आपके मन में हमारी जानकारी को लेकर कोई भी सवाल है तो आप हमें बेहिचक पूछ सकते हैं।

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