गणेश चतुर्थी को लेकर देशभर में पिछले काफी समय से रौनक देखी जा रही है। इस बार गणेश चतुर्थी का त्यौहार 19 Sep को मनाया जाएगा। गणेश चतुर्थी का पर्व भारत के हर हिस्से में हिन्दू धर्म के लोगों के द्वारा बड़ी ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। महाराष्ट्र राज्य में गणपति बाप्पा के जन्मोत्सव की धूम 10 दिनों तक रहती है। इस दौरान गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश जी की प्रतिमा को घर और पंडालों में स्थापना की जाती है। आज हम आपको गणपति स्थापना का सही तरीका और पूजन की विधि के बारे में बता रहे है।
Ganpati Sthapana
1. गणेश चतुर्थी से एक दिन पहले बाजार से भगवान गणेश की मूर्ति का चयन करें और फिर गणेश चतुर्थी के वाले दिन गाजे-बाजे के साथ भगवान गणेश को अपने घर पर लेकर आए। अगर आप किसी कारण वश गणपति जी की स्थापना नहीं कर पा रहे है तो एक साबुत पूजा सुपारी को गणपति का रूप मानकर घर में स्थापित कर सकते है।
2. घर पर गणपति जी की स्थापना से पहले घर की अच्छे से साफ सफाई कर शुद्धि करें। इसके लिए आप घर के चारों तरफ गंगाजल का छिड़काव भी कर सकते है। फिर एक साफ चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर अक्षत यानि चावल रखें और उसपर गणपति जी को स्थापित कर दें। इसके बाद गणपति जी को घास या फिर पान के पत्ते से गंगाजल की मदद से स्नान करवाएं। फिर भगवान को पीले रंग के वस्त्र पहनाएं। स्नान के बाद रोली से तिलक लगाकर चावल और फूल चढ़ाए। भगवान गणेश को मोदक यानि लडू का भोग लगाए। इसके बाद आरती और कीर्तन शुरू कर दें।
3. भगवान गणेश की मूर्ति के पास पानी से भरा तांबे या चांदी का कलश रखे। इस कलश को दाईं तरफ रखे। कलश के नीचे चावल के दाने जरूर रखे और इस पर मोली भी जरूर बांधे। गणपति जी मूर्ति के दाईं तरफ घी का दीपक जलाएं। दीपक के नीचे भी चावल के दाने रखे।
4. गणपति की स्थापना के बाद अपने सीधे हाथ में चावल के दाने और गंगाजल लेकर यह संकल्प लें की हम इतने दिनों के लिए गणपति जी स्थापना कर रहे है।
5. ओम् गणेशाय नम: का जप करते हुए स्थापित की गई गणपति प्रतिमा को प्रणाम करें। प्रभु से विनती करें कि हम आपको इतने दिन के लिए घर में प्रतिष्ठित करके विधि पूर्वक पूजा करना चाहते हैं। गणपति जी से विनती करें की आप अपनी पत्नी रिद्धि और सिद्धि के साथ हमारे घर में विराजे।
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गणपति जी को विघ्नहर्ता माना गया है यानि हर कष्टों के निवारक। ऐसे में गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूरे विधि- अर्चना कर उनसे आने दुखों को हरने की कामनाया करें।