दिल्ली में पेड़ों की कटाई पर हाईकोर्ट ने लगाई 4 जुलाई तक रोक: दिल्ली हाई कोर्ट ने आज सोमवार दिल्ली में पेड़ो की कटाई से जुडी याचिका पर सुनवाई करते हुए 4 जुलाई तक 16500 पेड़ों के काटने पर रोक लगा दी है| बता दें की नेशनल बिल्डिंग्स कन्स्ट्रक्शन कार्पोरेशन (एनबीसीसी) ने हाईकोर्ट में दक्षिण दिल्ली इलाके में पुनर्विकास के लिए काटे जाने वाले पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है| हाई कोर्ट के द्वारा पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने के बाद एनबीसी ने अपने बयान में कहा की एनजीटी इस मामले में 2 जुलाई को सुनवाई करेगा|
आइए आपको बताते है की क्या है पूरा मामला साउथ दिल्ली के साथ बड़ी आवासीय परियोजना के चलते यहां करीब 16,500 पेड़ों को काटने की खबरे है| ऐसा सरकारी कर्मचारियों को घर उपलब्ध करवाने के मकसद से किया जा रहा है| इसके लिए दक्षिणी दिल्ली में आवासीय परियोजना तैयार की जा रही है| इस परियोजना के तहत दिल्ली के सरोजनी नगर इलाके में सबसे अधिक पेड़ काटे जाने की योजना है| बता दें की यहां मौजूद 13,128 पेड़ों में से 11,000 पेड़ों को काटे जाने की योजना है| जिसे सरकारी कंपनी एनबीसी अंजाम देगी|
दक्षिणी दिल्ली में स्थित सात सरकारी आवासीय कॉलोनियों के पुनर्विकास के नाम पर 16 हजार से अधिक पेड़ काटे जाने की योजना के विरोध में दिल्ली में चिपको आंदोलन चलाया जा रहा है।
साउथ दिल्ली में स्तिथ सरोजनी नगर इलाके के पालिका चौराहे पर कल यानि की रविवार को स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यावरण से जुड़े अन्य लोग इकठा हुए और पेड़ों को नहीं काटे जाने की अपील की| इस प्रदर्शन में आम आदमी पार्टी के विधायक और कार्यकर्त्ता भी मौजूद थे| पेड़ों की कटाई के खिलाफ हजारों की संख्या में लोग पालिका चौराहे पर लोग इक्कठा हुए| ग्रीन सर्किल, निर्भया फाउंडेशन, इनवायरमेंट एंड सोशल डेवलपमेंट एसोसिएशन समेत कई संगठन इस प्रदर्शन में शामिल हुए|
लोगों का कहना था कि पुनर्विकास के नाम पर 16 हजार 500 पेड़ काटे जाएँगे। यह पर्यावरण के लिहाज से काफी हानिकारक है। इससे दिल्ली में प्रदूषण की समस्या और बढ़ेगी।