महाराष्ट्र: सूचना के अधिकार के तहत उजागर हुआ ‘चूहा घोटाला’: महाराष्ट्र में एक अजीबो गरीब घोटाला इस समय चर्चा का विष बना हुआ है| बता दें की महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार चूहा घोटाले के कारण सवालों के घेरे में है| यह घोटाला कही नहीं बल्कि महाराष्ट्र सचिवालय में ही हुआ है| इस घोटाले को महाराष्ट्र के पूर्व राजस्व मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे ने उजागर किया है| एकनाथ खड़से ने एक आरटीआई की तरफ से महाराष्ट्र की सरकार पर चूहा घोटाले का आरोप लगाया है| अब विपक्ष को इस घोटाले के बाद सत्ता पक्ष पार्टी के खिलाफ मुद्दा मिल गया है|
सूचना के अधिकार के तहत जानकारी देते हुए खडसे ने आरोप लगाया कि जिस कंपनी को मंत्रालय में चूहे मारने का ठेका दिया गया था उसे महज एक हफ्ते में 3 लाख 19 हजार चूहों को मार दिया| इसका मतलब कंपनी ने प्रतिमिनट 34 चूहे और हर दिन लगभग 45 हजार चूहों को मारा| लेकिन खड़से ने बताया की एक दिन में 900 क्विंटल यानी कि 9 टन चूहे मारे गए। अगर इतने चूहे मारे गए तो इन्हे ट्रक की मदद से कही दफनाया तो होगा|
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खड़से ने जानकारी दी की बीएमसी 2 साल में 6 लाख चूहे मारती है| लेकिन कंपनी ने केवल सात दिनों के अंदर तीन लाख से आधी चूहे मार दिए| साल 2016 में एक निजी कंपनी को मंत्रालय में चूहे मारने का दिया गया| जिसे 6 महीने में मंत्रालय से चूहे हटाने का समय दिया गया, लेकिन उसने यह काम महज सात दिनों में ही पूरा कर दिया| यह चमत्कार कैसे हुआ इसकी जाँच होनी चाहिए|
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सबसे बड़ी बात तो मंत्रालय में गृह विभाव सामान्य प्रशासन विभाग की इजाजत के बिना जहर कैसे ले जाया गया| जिस कंपनी को चूहे मारने का काम दिया गया| क्या उसे जहर को प्राप्त करने की अनुमति है? मंत्रालय की जिस मंजिल पर जहर रखा गया, उस मंजिल पर मौजूद विभाग के प्रमुख से इसकी मंजूरी ली गई|