सफलता की कहानियों में असफलताओं का सामना करना एक महत्वपूर्ण अंग होता है। ऐसा ही एक प्रेरणादायक उदाहरण है आईएएस ऑफिसर संजीता महापात्रा की कहानी। ओडिशा के राउरकेला की बेटी संजीता ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद आईएएस की तैयारी की।
Who is IAS Sanjita Mohapatra: पांचवीं बार में लक्ष्य हासिल किया
संजीता की आईएएस की परीक्षा में पहले चार बार असफल होने के बावजूद, उन्होंने हार नहीं मानी। पांचवीं बार मेहनत और जुनून में रहकर वे अपने लक्ष्य को हासिल करने में सफल हुईं। उनके ससुराल वालों ने भी इन्हें हर समय समर्थन दिया। उन्होंने अपने पांचवे अटेम्प्ट में दसवीं रैंक हासिल की और अपने सपनों को साकार किया।
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लगातार मैदान में टिकी रही
संजीता की यह कहानी हमें उस उत्साह, संघर्ष और दृढ़ संकल्प की ओर इशारा करती है जो सफलता की ओर जाने के लिए आवश्यक होता है। उन्होंने अपने लक्ष्य को पाने के लिए निरंतर प्रयास किया, और अब वे आईएएस ऑफिसर के रूप में समाज की सेवा कर रही हैं।
संजीता महापात्रा की यह उदाहरण दिखाता है कि किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए संघर्ष की आवश्यकता होती है। जब तक हम अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्प नहीं रखते, हर मुश्किल को सामना करना आवश्यक होता है। यह एक महान प्रेरणा स्रोत है जो हमें अपने सपनों की प्राप्ति के लिए मेहनत और उत्साह से जुड़ने की प्रेरित करती है।
अंदर से निराश हो गई थी
आपको बताना चाहते हैं कि जब तीन प्रयास करने के बाद भी संजीता महापात्रा सफल नहीं हो पाई तो अंदर से काफी ज्यादा निराश हो गई थी। इसके बाद उन्होंने समाज और परीक्षा से परेशान होकर नौकरी करना शुरू कर दिया।
पांचवीं बार में उन्होंने ऑनलाइन पढ़ाई करने का फैसला लिया। चार बार मेहनत करने के बाद पांचवी बार उन्हें सफलता हासिल हो गई। उनकी इस जीत से माता पिता के साथ-साथ ससुराल वाले भी काफी ज्यादा खुश है। इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।