चुनाव आयोग ने हाल आम आदमी 20 विधायकों को आयोग्य माना| न्यूज़ एजेंसी के टीवी चैनलों के हवाले से यह खबर मिली है| खबरों के अनुसार चुनाव आयोग ने शुक्रवार 19 जनवरी को श्याम को आयोग अपनी यह रिपोर्ट राष्ट्रपति के पास भेजेगा| अब इस रिपोर्ट पर राष्ट्रपति आगे की कार्यवाही करेंगे| बता दें की चुनाव आयोग की तरफ से यह कार्यवाही विधायकों को संसदीय सचिव बनाने के खिलाफ की गई है| आप पार्टी के संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद से अलग करने वाले बिल को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पद पर रहते हुए खारिज कर दिया था|
प्रशांत पटेल नामक वकील ने राष्ट्रपति को एक याचिका भेजी थी| जिसमे इस व्यक्ति ने शिकायत की थी कि आम आदमी पार्टी के विधायक दिल्ली में लाभ के पद पर बने हुए है और इस कारण इनकी सदस्य्ता को रद्द कर देना चाहिए| राष्ट्रपति ने इस याचिका पर ध्यान देते हुए चुनाव आयोग को आदेश दिया की इस मामले जाँच कर, राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंपे| चुनाव आयोग में दिल्ली के आप विधायकों ने जवाब में कहा की वह किसी तरह की कोई सुविधा नहीं ले रहे है|
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आपको बता दें की इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने भी अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप पार्टी की सरकार को उसके द्वारा नियुक्त किए गए 21 विधायकों की संसदीय सचिवों के रूप में नियुक्त अवैध बताया था| केंद्र सरकार ने भी दिल्ली में विधायकों की संसदीय सचिवों के रूप नियुक्ति को लेकर सवाल किए थे| केंद्र ने यह भी कहा था की मुख्यमंत्री के संसदीय सचिव पद के अलावा इस पद का सविधान में कोई जगह नहीं है| ना ही दिल्ली विधानसभा (अयोग्यता निवारण) कानून 1997 में। मंत्रालय ने कोर्ट से कहा था की इस तरह की नियुक्ति कानून के हिसाब से सही नहीं है| दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के इस फैसले को रद्द करने के लिए एक गैर-सरकारी संस्था ने कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की| इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने केंद्र को जारी किया था, जिसके जवाब में गृह मंत्रालय ने कोर्ट में सरकार की तरफ से पक्ष रखा|