नमस्कार दोस्तों, मध्य प्रदेश की राजधानी इंदौर से बड़ी खबर सामने आई है। खबर के अनुसार इंदौर में आज सुबह भूकंप (Earthquake In Indore) के झटके महसूस किये गए। इंदौर में अचानक दीवारें थर्राने लगी, छत के पतरे बजने लगे, ऐसे में दूध निकाल रहे व्यक्ति ने जब हलचल महसूस किया तो वह तुरंत घर से बाहर निकल आया। आए भूकंप की वजह से वह के लोग काफी घबरा गए थे, अच्छी बात यही रही की इस भूकंप में किसी भी तरह की जान-माल की हानि नहीं हुई है। मिली जानकारी के अनुसार भूकंप का केंद्र राजेंद्र नगर और महू क्षेत्र था। आइए जानते है खबर विस्तार से।
Earthquake In Indore
देश का सबसे स्वच्छ शहर और मध्य प्रदेश की राजधानी इंदौर आज सुबह भूकंप के झटके से कांप उठी। जानकारी के अनुसार इंदौर में आज सुबह करीब 6:30 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। उस दौरान कुछ डेयरी संचालक और कर्मचारी गाय का दूध निकाल लेते उसी दौरान उन्होंने भूकंप के झटके महसूस किए। लोगो का कहना है की भूकंप की वजह से मकान की छत और दिवार हिलने लगी तो वह लोग दौड़ कर बाहर आ गए हालांकि बताया जा रहा है की भूकंप के झटके ज्यादा देर तक नहीं रहे। भूकंप की सुचना मिलते ही प्रशासन घटनास्थल पर पहुंची। रेक्टर स्कैल में भूकंप की तीव्रता 2.9 मापी गई है।
डेयरी संचालकों ने महसूस किए झटके
आपको बता दें भूकंप के झटके सुबह 6:30 बजे बाईपास से लगे मांचल गांव की धरती पर महसूस किए गए। जिस समय ज्यादातर ग्रामीण सो रहे थे लेकिन डेयरी संचालक रोज़ाना की तरह अपने काम में लगे हुए थे इस दौरान उनको भूकंप के झटके महसूस हुए। इस मामले में डेयरी संचालक महेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि बेटा वीरेंद्र व कर्मचारी अनिल कटारे डेयरी में दूध निकालने का काम कर रहे थे जिस दौरान में भूकंप के झटके महसूस किए।
शहर कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा
इंदौर में आए भूकंप के झटके के बाद शहर के कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि हमें जानकारी मिलने के तुरंत बाद हमने अपने अधिकारियों की एक टीम को वस्तुस्थिति का पता करने के लिए भेज दिया था। जिसमें भूकंप की तीव्रता 2.9 रेक्टर स्केल मापी गई है और इसका केंद्र 10 किलोमीटर गहराई पर दर्ज किया गया है।
7 साल पहले आया था भूकंप
आपको बता दें इससे पहले इंदौर में 7 साल पहले भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। शहर में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे और जिसकी तीव्रता 4.2 मापी गई थी। भूकंप के झटके महसूस होने के बाद शहर के सभी बहुमंजिला इमारतों को खाली कराया गया था।