दोस्तों जन्माष्टमी पर्व आने में मात्र कुछ ही दिन बाकी है और आज आपके लिए विशेष पेशकश लेकर आए हैं। आज आपको कुछ मुस्लिम लोगो के बारे में बताने वाले हैं जिनका धर्म मुस्लिम होने के बाद यह कृष्ण भगवान के सच्चे भक्त हैं। आशा करते हैं कि आज की जानकारी जरूर आपके काम आने वाली है। आप कमेंट में श्री कृष्ण से जुड़ी अपनी राय साझा कर सकते हैं। आज की जानकारी में बात कर रहे हैं 7 श्री कृष्ण के सच्चे मुस्लिम भक्त के बारे में। आप सभी को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं। चलिए शुरू करते हैं।
108 Names of Lord Krishna in Hindi – भगवान श्रीकृष्ण के 108 नाम क्या आप जानते है ?
Muslim Devotee Of Krishna Knowledge in Hindi
1. सबसे पहले बात कर रहे हैं सैयद इब्राहिम उर्फ रसखान की। सैयद इब्राहिम एक समय बाद श्री कृष्ण के भक्त बन गए थे। कट्टर जिंदगी से दूर यह श्री कृष्ण के भक्त बन गए थे। इस वजह से इन्होंने अपना नाम बदलकर रसखान रख दिया था। रसखान का अर्थ होता है रस की खान।
2. अब नाम आता है अमीर खुसरो का जिनके बारे में बताने वाले हैं। एक बार निजामुद्दीन औलिया के सपने में श्री कृष्ण आते थे। इसके बाद से छाप तिलक सब छीनी रे से मोसे नैना मिलायके मशहूर वाक्य श्री कृष्ण को अर्पित कर दिया गया था।
3. अब बात कर रहे हैं आलम शेख का जोकि बाद में मुसलमान बने थे। इन्होंने अपने जीवन में आलम केलि’, स्याम स्नेही’ और माधवानल-काम-कंदला’ जैसे बडे ग्रंथ लिखे। श्री कृष्ण के बाल लीला का अच्छे से विस्तार किया गया है। इन्होंने बाल लीला को अपने विवरण में उतारा था।
4. अब बात कर रहे हैं नशीर मामुद का जोकि बंगला के रहने वाले थे। गौचारण लीला का वर्णन इन्होंने किया था। इसमें श्री कृष्ण बलराम के साथ मुरली बजाते हुए गाय के साथ खेल रहे हैं। धेनु संग गांठ रंगे, खेलत राम सुंदर श्याम भी इन्ही की देन है।
5. अब नाम आता है नवाब वाजिद अली शाह का जिन्होंने बाद में राधा कृष्ण का विवरण अपने एक मुख्य लेख में प्रस्तुत किया था। नवाब वाजिद अली शाह को आप सभी जानते होंगे जिनका नाम आदर सम्मान के साथ लिया जाता है।
6. उमर अली भी एक बंगला निवासी हैं जिन्होंने अपने कविता में श्री कृष्ण की चर्चा काफी ज्यादा की है। वैष्णव पदावली की रचना भी उमर अली ने की है।
7. अब नाम आता है साले बाग की मजार का। जगनाथपुरी यात्रा के दौरान रथ एक मजार पर आकर रुकता है। सालबेग एक मुसलमान थे, जोकि मुस्लिम धर्म को मानते थे। इनकी माता हिन्दू और पिता मुस्लिम थे। एक जंग के दौरान सालबेग के माथे पर चोट लग गई थी। किसी भी हकीम के पास इलाज नहीं था, फिर इनकी माता ने जगनाथ की आरती में लीन होने को कहा। एक दिन सपने में आये जगनाथ की भभूती लगाते ही उनका जख्म सही ही गया था। आज की जानकारी बस इतनी थी। आपको कैसी लगी हमे लाइक, शेयर और कमेंट करे। जय श्री कृष्ण।