देश में किसानो की हालत दिनबदीन ख़राब होती जा रही है| और हजारो की संख्या में किसान आत्महत्या कर रहे है| आए दिन किसान उचित मूल्ये ना मिलने से और क़र्ज़ के कारण आत्महत्या करने को मजबूर है| बिचौलियों और जमाखोरों ने भी किसानो को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी है| कई बार देश में किसान आंदोलन भी होते रहे है| अभी हाल में हुए मंदसौर में हुए किसान आंदोलन ने मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार की आँख खोली है| अब जाकर MP की सरकार किसानो की हालत को सुधारने के लिए कुछ कदम उठाने जा रही है|
मध्यप्रदेश की सरकार ने भावांतर योजना की शुरुआत की है ताकि किसानों को उसकी उपज का उचित मूल्य मिल सके| इस योजना के अंतर्गत किसान बाजार भाव पर फसल बेच सकेंगे| इस योजना के जरिए अधिसूचित कृषि मंडी समितियों के प्रांगण में बेचने हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा घोषित मंडियों की मॉडल बेचने की दर में आ रही राशि के अंतर को किसानों के खाते में सीधा जमा किया जाएगा| ऐसा देखा गया है कि मंडियों में उपज के दाम कम हो जाते है जिसके कारण किसानो को उनकी उपज का लागत मूल्य भी नहीं मिल पाता| सरकार ने पंजीयन की तारीख को बड़ा कर 15 से 22 नवंबर कर दिया है|
क्या है भावांतर योजना?
भावांतर योजना मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा शुरू की गई है| अब इस योजना के अंतर्गत किसानो की अपनी फसल बाज़ार में बेचने से पहले उसका पंजीयन (रजिस्ट्रेशन) करवाना होगा| एमपी उपार्जन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता है| पंजीयन के बाद किसानो को उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना तय हो जाएगा| किसानो को लाभ की राशि सीधे उनके बैंक खाते में जाएगी|
किसानों को राशि के भुगतान की सूचना एसएमएस द्वारा मिलेगी| इस योजना के अंतर्गत किसनो की बाकि समस्याओ का भी समाधान किया जायेगा|
कैसे करे पंजीयन (रजिस्ट्रेशन)?
इस योजना के लिए ई- उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन किया जा सकता है।
इस पोर्टल पर खरीफ किसान पंजीयन 2017-18’पर क्लिक करें। इसके बाद खुलने वाले पेज पर बाईं ओर ‘धान एवं मोटा अनाज 2017-18 किसान पंजीयन आवेदन करे’ पर क्लिक करें- व उसके बाद दिए गए बाक्स में अपनी वंचित जानकारी दर्ज।