नमस्ते दोस्तो आपका स्वागत है हमारी हिंदी वेबसाइट पर और आज हम आपके लिए कुछ अजब गजब जानकारी लेकर आए है। अपने भी देखा होगा कि जब हम पानी से भरे बर्तन में तेल डालते हैं तो तेल ऊपर की तरफ तैरने लगता है। आपको बता दें कि तेल पानी से ज्यादा भारी होता है लेकिन फिर भी वह ऊपर की तरफ तैरने लगता है। ऐसा क्यों है इसके बारे में आज हम आपको पूरी जानकारी देने जा रहे है। अगर आप भी विज्ञान से जुड़ी ये जानकारी जानना चाहते हैं तो हमारे साथ में आखरी तक जुड़े रहिये।
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आपको बता दें कि जब भी कोई वस्तु पानी के ऊपर तैरती है तो उसका धनत्व पानी के धनत्व से काफी ज्यादा कम होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि तेल के अणुओं की सघनता पानी की अणुओं की सघनता से कम होती है। एक और वजह यह भी है कि पानी और तेल एक दूसरे में अविलेय होते हैं। इसका मतलब यह होता है कि यह दोनों पदार्थ आपस मे घुल नही सकते हैं।अगर हम इन्हें जोर से हिलाने की कोशिश भी करे तो भी यह थोड़ी देर बाद अलग अलग हो जाते हैं।
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अगर हम आपको और जानकारी बताये तो पानी के अणु पोलर होते है । पानी के अणु के एक सिरे पर धनात्मक आवेश (Positive charge) होता है और एक सिरे पर ऋणात्मक आवेश (Negative charge) होता है। यही वजह है की यही एक मात्र कारण है कि पानी के अणु एक दूसरे से आसानी से चिपक सकते हैं। जबकि तेल, पैट्रॉल और डीजल के अणु non polar होते हैं। यही कारण है कि तेल और पानी के अणु एक दूसरे की तरफ आकर्षित नहीं होते हैं। आशा करते हैं कि आपको समझ मे आ गया होगा की आखिरकार इसके पीछे कौन सा राहसियमय विज्ञान छुपा हुआ है। अगर आपको भी तेल और पानी के साइंस से जुड़ा यह आर्टिकल पसंद आया है तो ज्यादा से ज्यादा लाइक और शेयर करने की कोशिश करे। जय हिंद।
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