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Gujarat Rajkot Earthquake: गुजरात में भूकंप के तेज झटके डर कर भागे लोग

Gujarat Rajkot Earthquake: देश में काफी सारी मुसीबतें एक साथ आ गई है। एक तरफ देश की जनता कोरोना वायरस से लड़ रही है वहीं दूसरी तरफ भूकंप के झटके भी आ रहे हैं। आपको बता दें कि अब गुजरात में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। जिसके बाद लोगों में दहशत का माहौल बन गया है।

Gujarat Rajkot Earthquake: गुजरात में भूकंप के तेज झटके, 5.5 की तीव्रता, घरों से बाहर भागे लोग, भूकंप के दौरान सतर्कता से जुड़ी कुछ जरूरी बातें, Earthquake Near Gujarat's Rajkot
Gujarat Rajkot Earthquake

बताया जा रहा है कि राजकोट में 122 किमी उत्तर-पश्चिम में भूकंप का केंद्र था और भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.5 आंकी गई है। रात 8:13 पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। एक अच्छी बात यह भी है कि अभी तक किसी भी प्रकार के नुकसान की खबर सामने नहीं आई है। इससे पहले 2 जून को कश्मीर में सुबह 8:15 पर भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 3.9 मापी गई थी. भूकंप का केंद्र श्रीनगर शहर से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित था।

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भूकंप के दौरान सतर्कता से जुड़ी कुछ जरूरी बातें:

1. अगर आप किसी इमारत के अंदर है तो फर्श पर बैठ जाए और किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे चले जाए। यदि कोई इस प्रकार का फर्नीचर ना हो तो अपने चेहरे और सर को अपने हाथों से ढक ले और कमरे के किसी कोने में दुबक कर बैठ ले

2. अगर आप इमारत से बाहर है तो इमारत, पेड़, खंभे और तारों से दूर हट जाएं।

3. अगर आप किसी वाहन में सफर कर रहे हैं तो तुरंत उस वाहन को रोक लीजिए और उसी के अंदर बैठे रहिए।

4. अगर आप मलबे के ढेर में दब गए हैं तो माचिस का भी ना जलाएं और ना ही हिले और ना ही किसी चीज को धक्का दे।

5. मलबे में दबे हुए स्थिति में किसी पाइप या दीवार पर
हल्के-हल्के थपथपाएं, जिससे कि बचाव कर्मी आपकी स्थिति को समझ सके। अगर आपके पास कोई सीटी हो तो उसे बजाएं ।

6. कोई चारा ना होने की स्थिति में ही शोर मचाए। शोर मचाने से आपकी सांसों में दमघोंटू धूल और गर्द जा सकती है।

7. अपने घर में हमेशा आपदा राहत किट रखें।

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भूकंप आता कैसे है?

पृथ्वी की बाहरी सतह प्रमुख और कई छोटी पट्टियों में बंटी होती है। 50 से 100 किलोमीटर तक की मोटाई की ये परतें लगातार घूमती रहती हैं। इसके नीचे तरल पदार्थ लावा होता है और ये परतें (प्लेटें) इसी लावे पर तैरती रहती हैं और इनके टकराने से ऊर्जा निकलती है जिसे हम भूकंप कहते हैं।

भारतीय उपमहाद्वीप को भूकंप के खतरे के लिहाज से सीसमिक जोन 2,3,4,5 जोन में बांटा गया है. पांचवा जोन सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है। पश्चिमी और केंद्रीय हिमालय क्षेत्र से जुड़े कश्मीर, पूर्वोत्तर और कच्छ का रण इस क्षेत्र में आते हैं। दोस्तों अगर आप भी भूकंप जैसी परिस्थितियों से बचना चाहते हैं तो हमारे इस आर्टिकल को लाइक करें और ऊपर दिए हुए नियमों का पालन करें।450 

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