IMF ने भारत की GDP ग्रोथ में की कमी, दुनिया की अर्थव्यवस्था दिखेगा इसका असर: IMF की चीफ़ इकोनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ ने भारत की जीडीपी को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि- भारत की जीडीपी में गिरावट का असर दुनिया के अन्य देशों की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। उन्होंने कहाकी दुनिया की इकॉनमी की जीडीपी में भारत की इकॉनमी का एक मुख्य योगदान है। अगर भारत की जीडीपी में गिरावट आती है तो इसका असर भारत तक ही सिमित नहीं रहेगा बल्कि इसका असर अन्य दुनिया की अर्थव्यवस्था पर भी देखने को मिलेगा।
यही वजह है की हमने ग्लोबल ग्रोथ के अनुमान को 0.1 प्रतिशत कम किया है। इसका ज्यादातर हिस्सा भारत की ग्रोथ रेट में कमी की वजह से ही है। बता दें इंटरनेशनल मॉनेटरी फण्ड ने सोमवार को भारत सहित ग्लोबल ग्रोथ रेट में वृद्धि के अपने अनुमान में कमी की है। इस वैश्विक संगठन ने इसके साथ ही व्यापार व्यवस्था में सुधार के बुनियादी मुद्दों को भी उठाया है.
भारत सहित अन्य दुनिया की उभरती हुई अर्थव्यवस्था को हैरान करते हुए नकारात्मक बातों का हवाला देते हुए साल 2019 में ग्लोबल ग्रोथ रेट 2.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। भारत की ग्रोथ रेट को साल 2019 के लिए कम कर 4.8 प्रतिशत कर दिया गया है।
आईएमएफ के ताजा अनुमान के अनुसार 2019 में वैश्विक वृद्धि दर 2.9 प्रतिशत रहेगी. जबकि 2020 में इसमें थोड़ा सुधार आयेगा और यह 3.3 प्रतिशत पर पहुंच जायेगी. उसके बाद 2021 में 3.4 प्रतिशत रहेगी. इससे पहले आईएमएफ ने पिछले साल अक्टूबर में वैश्विक वृद्धि का अनुमान जारी किया था. उसके मुकाबले 2019 और 2020 के लिये उसके ताजा अनुमान में 0.1 प्रतिशत कमी आई है जबकि 2021 के वृद्धि अनुमान में 0.2 प्रतिशत अंक की कमी आई है.
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मुद्राकोष ने कहा, ‘‘आर्थिक वृद्धि के अनुमान में जो कमी की गयी है, वह कुछ उभरते बाजारों में खासकर भारत में आर्थिक गतिविधियों को लेकर अचंभित करने वाली नकारात्मक बातें हैं. इसके कारण अगले दो साल के लिये वृद्धि संभावनाओं का फिर से आकलन किया गया. कुछ मामलों में यह आकलन सामाजिक असंतोष के प्रभाव को भी प्रतिबिंबित करता है.”