गुरु हरगोबिंद जी जयंती 2019 शायरी, स्पीच | Guru Hargobind Ji Jayanti Speech in Hindi :- सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिंद सिंह जी की जयंती को देश और दुनियाभर में मौजूद सिक्ख धर्म के लोग बड़ी धूम-धाम से मना रहे है। गुरु हरगोबिंद जी की मृत्यु सन 1644 में हुई थी। हरगोबिंद सिंह जी ने 11 साल की उम्र में अपने पिता से गुरु की उपाधि हासिल कर ली थी। गुरु हरगोबिंद सिंह जी की जयंती पर अपने दोस्तों को मैसेज, शायरी, स्टेटस, इमेज शेयर कर उनके इस दिन की हार्दिक शुभकामनाएं या गुरु हरगोबिंद सिंह जयंती की लख लख बधाई दें। जगन्नाथ रथ यात्रा शायरी
गुरु हरगोबिंद सिंह जी एक शक्तिशाली योद्धा थे उन्होंने सिक्ख समुदाय के लोगों को अपनी रक्षा के लिए लड़ना सिखाया। गुरु हरगोबिंद सिंह जी का सिक्ख धर्म के लोगों को योद्धा बनाने का उद्देश्य केवल लोगों की रक्षा करना था। उनका कहना था की एक सिक्ख तभी तलवार उठाएगा जब उसे किसी की रक्षा करनी हो या खुद का बचाव करना हो। जगन्नाथ रथ यात्रा व्हाट्सप्प स्टेटस
गुरु हरगोबिंद सिंह जी ने ही अकाल तख़्त का निर्माण करवाया। अकाल तख़्त साहिब समाज में सिक्ख शक्ति के लिए एक बड़ी संस्था के रूप में उभरा। इसे सामाजिक और ऐतिहासिक पहचान भी मिली। इन सभी का श्रेय गुरु हरगोबिंद सिंह को जाता है। गुरु हरगोबिंद जी जयंती व्हाट्सप्प स्टेटस
Shri guru Hargobind Ji Essay in Punjabi
ਗੁਰੂ ਹਰਗੋਬਿੰਦ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਸਿੱਖਾਂ ਦਾ ਛੇਵੇਂ ਗੁਰੂ ਹਨ. ਉਹ ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਦੇਵ ਜੀ ਦਾ ਇਕਲੌਤਾ ਪੁੱਤਰ ਸੀ. ਉਹ 19 ਜੂਨ 1595 ਨੂੰ ਅੰਮ੍ਰਿਤਸਰ ਦੇ ਨੇੜੇ ਗੁਰੂ ਕੀ ਵਡਾਲੀ ਵਿਖੇ ਪੈਦਾ ਹੋਇਆ ਸੀ. ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਬਾਬਾ ਬੁੱਢਾ ਜੀ ਤੋਂ ਮਾਰਸ਼ਲ ਆਰਟਸ ਅਤੇ ਰੂਹਾਨੀਅਤ ਵਿਚ ਆਪਣੀ ਸਿਖਲਾਈ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ मलाल मूवी रिव्यु
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ਰੂਹਾਨੀ ਅਤੇ ਅਸਥਾਈ ਮਾਮਲਿਆਂ ਦੀ ਅਟੁੱਟਤਾ ਦੇ ਵਿਚਾਰ ਦੀ ਸਥਾਪਨਾ ਲਈ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰ, ਛੇਵੇਂ ਗੁਰੂ ਨੇ ਗਰੀਬਾਂ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਅਤੇ ਤਾਨਾਸ਼ਾਹ ਤਬਾਹ ਕਰਨ ਦੇ ਮਕਸਦ ਲਈ ਇੱਕ ਫੌਜ ਬਣਾਈ ਰੱਖੀ. ਉਸ ਨੇ ਅਕਾਲ ਤਖ਼ਤ ਸਾਹਿਬ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕੀਤਾ, ਜੋ ਕਿ ਸਿੱਖ ਧਰਮ ਵਿਚ ਅਜੋਕੇ ਦਰਬਾਰ ਵਿਚ ਹੈ. ਇਸ ਸਮੇਂ ਤੱਕ, ਸਿੱਖ ਭਾਈਚਾਰਾ ਇੱਕ ਪੂਰਨ ਸਮਾਜਿਕ, ਧਾਰਮਿਕ ਅਤੇ ਰਾਜਨੀਤਕ ਇਕਾਈ ਸੀ.
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ਗੁਰੂ ਹਰਗੋਬਿੰਦ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਨੇ ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਦੇਵ ਜੀ ਦੀ ਸ਼ਹਾਦਤ ਦੇ ਬਾਅਦ ਮੀਰੀ (ਟੈਂਪੋਰਲ ਪਾਵਰ) ਅਤੇ ਪੀਰੀ (ਰੂਹਾਨੀ ਸ਼ਕਤੀ) ਦੀਆਂ ਦੋ ਤਲਵਾਰਾਂ ਪਹਿਨੀਆਂ ਸਨ. ਉਸਨੇ ਆਪਣੇ ਜੀਵਨ ਦੇ ਰੂਹਾਨੀ ਪਹਿਲੂ ਨੂੰ ਉੱਪਰ ਚੁੱਕਣ ਲਈ ਕਦੇ ਵੀ ਸਥਾਈ ਪਹਿਲੂ ਦੀ ਆਗਿਆ ਨਹੀਂ ਦਿੱਤੀ. ਗੁਰੂ ਹਰਗੋਬਿੰਦ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਨੇ ਸਿੱਖ ਸੰਤਾਂ ਨੂੰ ਸੰਤ ਸੈਨਿਕਾਂ ਵਿਚ ਬਦਲ ਦਿੱਤਾ. ਉਸਨੇ ਭਕਤੀ ਅਤੇ ਸ਼ਕਤੀ ਦੀਆਂ ਸ਼ਕਤੀਆਂ ਦਾ ਜੂਲਾ ਭਰ ਦਿੱਤਾ. ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਸਿੱਖਾਂ ਨੂੰ ਮਨੁੱਖੀ ਅਧਿਕਾਰਾਂ ਦੀ ਰੱਖਿਆ ਕਰਨ ਅਤੇ ਮਨੁੱਖੀ ਆਜ਼ਾਦੀ, ਬਰਾਬਰੀ ਅਤੇ ਭਰੱਪਣ ਲਈ ਖਲੋਣ ਦਾ ਸੱਦਾ ਦਿੱਤਾ.
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ਗੁਰੂ ਹਰਗੋਬਿੰਦ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਨੇ ਬਾਬਾ ਬੁੱਢਾ ਜੀ ਅਤੇ ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਜੀ ਦੀ ਮਦਦ ਨਾਲ ਸ੍ਰੀ ਹਰਿਮੰਦਰ ਸਾਹਿਬ ਦੇ ਨਜ਼ਦੀਕ ਅਕਾਲ ਤਖ਼ਤ ਸਾਹਿਬ ਬਣਾਇਆ. ਉਸਨੇ ਸਵੈ-ਰੱਖਿਆ ਲਈ ਮਾਰਸ਼ਲ ਆਰਟਸ ਸਿੱਖਣ ਲਈ ਸਿੱਖਾਂ ਨੂੰ ਹੁਕਮ ਜਾਰੀ ਕੀਤੇ. ਗੁਰੂ ਹਰਗੋਬਿੰਦ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਨੇ ਮੁਗ਼ਲ ਸਾਮਰਾਜ ਦੇ ਅਤਿਆਚਾਰਾਂ ਵਿਰੁੱਧ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਲੜਾਈਆਂ ਲੜੀਆਂ. ਉਹ ਸਿੱਖ ਧਰਮ ਦੀਆਂ ਉਚ ਹੱਦਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਚਾਰ ਕਰਨ ਲਈ ਵਿਆਪਕ ਰੂਪ ਵਿਚ ਯਾਤਰਾ ਕੀਤੀ.
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ऐसी मान्यता है की गुरु हरगोबिंद सिंह जी ने मानव रक्षा के लिए कई लड़ाई भी लड़ी। जिनमें से साल 1667 में जहांगीर की मृत्यु के बाद मुग़ल के नए बादशाह के द्वारा लोगों पर किए जा रहे अत्याचार पर उन्होंने अपनी आवाज बुलंद की तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
गुरु हरगोबिंद जी जयंती स्पीच
श्री गुरु अर्जुन देव जी की शहीदी के बाद सिक्खों में एक नया जोश आ गया था। सिक्खों ने मुस्लिम सम्राजय का डट कर सामना किया और एक नई क्रांति को जन्म दिया ।
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श्री गुरु हरगोबिन्द सिंह जी (Guru Hargobind Sahib Ji) ने मीरी और पीरी नाम की दो तलवारें धारण की। पीरी नाम की तलवार आध्यात्मिक रक्षा के लिए और मीरी नाम की तलवार सैन्य शक्ति के लिए थी। अब सिक्खों की शक्ति और भी बढ़ गई थी।
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श्री गुरु हरगोबिन्द सिंह जी (Guru Hargobind Sahib Ji) एक शक्तिशाली योद्धा थे और श्री गुरु हरगोबिन्द सिंह जी ने सिक्खों को लड़ने का परीक्षण दिया और तलवार बाज़ी सिखाई। श्री गुरु हरगोबिन्द सिंह जी ने सिक्खों से कहा के सिक्ख योद्धा अपने बचाव के लिए तलवार उठाएगा ना के हमला करने के लिए। श्री गुरु हरगोबिन्द सिंह जी ने सिक्ख धर्म को मज़बूत करने के लिए अपने जीवन में अनेक महत्वपूर्ण कार्य किये। श्री गुरु हरगोबिन्द सिंह जी ने सिक्खों के लिए अकाल तख़्त का निर्माण किया। श्री गुरु हरगोबिन्द सिंह जी ने सिक्ख धर्म के लिए बहुत सारी लड़ाइयां लड़ी। आप जी ने अपनी अंतिम सांस कीरतपुर में ली।
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गुरु हरगोबिंद सिंह जी अकेले नहीं थे उनके साथ 52 राजाओं को भी कैद किया गया। गुरु हरगोबिंद कैद किए जाने के बाद से ही मुग़ल का नया बादशाह परेशान रहने लगा तब एक फ़क़ीर ने उन्हें हरगोबिंद सिंह को छोड़ने की सलाह दी। तब उनके साथ कैद किए गए 52 राजाओं को भी रिहा कर दिया गया।
गुरु हरगोबिंद जी जयंती शायरी
Sahibe-E-Kamaal Guru Hargobind Ji ;
Badshahe Darvesh Guru Hargobind Ji ;
Shah-E-Shahenshah Guru Hargobind Ji ;
Amrit De Daani Guru Hargobind Ji Maharaj
De Parkash Purab Di Nighi Vadhai Hove Ji!
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Celebrate Gurpurab With Your Loved Ones,
Friends & Family, & Enjoy Guru Hargobind Ji ’S
Divine Love & Blessings Wishes On Guru Gobind Singh Ji Birthday…
Happy Guru Gobind Singh Jayanti…
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गुरु हरगोबिंद सिंह जयंती के अवसर पर हम कुछ बेहद ही प्यारे मैसेज, स्टेटस, इमेज, शायरी, एसएमएस कलेक्शन लेकर आए है जो आपको जरूर पसंद आएगी।
Guru Hargobind Ji Bhashan
Guru Hargobind Sahib Ji is the Sixth Guru of the Sikhs. He was the only son of Guru Arjan Dev Ji. He was born on June 19th, 1595 at Guru Ki Wadali near Amritsar. He got his training in martial arts and spirituality from Baba Budha Ji
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Responsible for establishing the idea of inseparability of spiritual and temporal matters, the sixth Guru maintained an army for the purpose of protecting the poor and destroying tyrants. He constructed the Akal Takht Sahib, centre of temporal affairs in the Sikh religion, across from the Golden Temple in Amritsar. By this time, the Sikh community was a full-fledged social, religious, and political entity.
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Guru Hargobind Sahib Ji wore two swords of Miri (Temporal Power) and Piri (Spiritual Power) after martyrdom of Guru Arjan Dev Ji. He never allowed the temporal aspect to overpower spiritual aspect of his life. Guru Hargobind Sahib Ji transformed the Sikh saints into saint-soldiers. He gave a fine blend to the powers of Bhakti and Shakti. He called upon the Sikhs to protect human rights and stand for human liberty, equality and fraternity.
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Guru Hargobind Sahib Ji built Akal Takht Sahib in proximity of Sri Harmandar Sahib with the help of Baba Budha Ji and Bhai Gurdas Ji. He issued Hukams to the Sikhs to learn martial arts for self-defence. Guru Hargobind Sahib Ji fought many battles against atrocities of the Mughal Empire. He travelled extensively to preach the high limits of Sikhism.
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