Home त्यौहार बुद्ध पूर्णिमा 2019: जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्‍व और मान्‍यताएं

बुद्ध पूर्णिमा 2019: जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्‍व और मान्‍यताएं

बुद्ध पूर्णिमा 2019: जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्‍व और मान्‍यताएं- शनिवार 18 मई को देश और दुनियाभर में बुद्ध पूर्णिमा का त्यौहार बड़ी ही धूम-धाम के साथ मनाया जाएगा| बुध पूर्णिया के पर्व को हिन्दू और बौद्ध धर्म के दोनों ही समुदाय के लोगों के द्वारा बड़ी ही उत्साह के साथ मनाया जाएगा| ऐसी मान्यता है की इस दिन बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था और इस ही दिन भगवान विष्णु जी के अवतार हरि का जन्म हुआ था| यही वजह है की यह दिन हिन्दू और बौद्ध दोनों ही धर्म के लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण है| इसे बुद्ध जयंती और वेसाक के रूप में भी सेलिब्रेट किया जाता है| ऐसी मान्यता है की इस दिन ही महात्मा बुद्ध को बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और यही उनका निर्वाण दिवस भी है|

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बुद्ध पूर्णिमा कब है

हिन्‍दू कैलेंडर के अनुसार वैशाख महीने की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है| ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक बुद्ध पूर्णिमा हर साल अप्रैल या मई महीने में आती है| इस बार बुद्ध पूर्णिमा 18 मई को पद रही है|

बुद्ध पूर्णिमा की तिथि और शुभ मुहूर्त 

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 18 मई 2019 को सुबह 04 बजकर 10 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्‍त: 19 मई 2019 को सुबह 02 बजकर 41 मिनट तक

बुद्ध पूर्णिमा का महत्‍व 

हिन्दू धर्म में बुद्ध पूर्णिमा का एक विशेष महत्व है| वैशाख महीने की पूर्णिमा के दिन ही भगवान गौतम बुद्ध का जबनम हुआ था| महात्‍मा बुद्ध को सृष्टि के पालनहार श्री हरि विष्‍णु का नौवां अवतार माना जाता है| इस पूर्णिमा को सिद्ध विनायक पूर्णिमा या सत्‍य विनायक पूर्णिमा के नाम जाना जाता है| ऐसी मान्यता है की इस दिन भगवान बुद्ध को बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी| यही नहीं वैसाख पूर्णिमा के दिन ही बुद्ध ने गोरखपुर से 50 किलोमीटर दूर स्थित कुशीनगर में महानिर्वाण की ओर प्रस्‍थान किया था| हिन्‍दुओं के अलावा बौद्ध धर्म के लोग इस दिन को बुद्ध जयंती के रूप में मनाते हैं|

बौद्ध धर्म के लोग कैसे मनाते हैं बुद्ध पूर्णिमा?

भगवान बुद्ध ही बौद्ध धर्म के संस्थापक है| यह उन्हें अनुयायियों महत्वपूर्ण दिनहै | बुद्ध पूर्णिमा के दिन कई प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है| देश-विदेश में अलग-अलग रीति रिवाज के और संस्कृति के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है| श्रीलंका के लोग इस दिन को वेसाक के नाम से मनाते है जो ‘वैशाख’ शब्द का अपभ्रंश है| इस बौद्ध धर्म के लोग अपने घरों में दीपक जलाते है और घर को फूलों से सजाते है| इस दिन देश-विदेश से कई अनुयायी बोधगया आते है| स दिन बौद्ध धर्म के धर्मग्रंथों का निरंतर पाठ किया जाता है. बोधिवृक्ष की पूजा की जाती है. उसकी शाखाओं पर हार और रंगीन पताकाएं सजाई जाती हैं. जड़ों में दूध और सुगंधित पानी डाला जाता है. वृक्ष के आसपास दीपक जलाए जाते हैं|

बुद्ध पूर्णिमा से जुड़ी मान्यताएं

 माना जाता है कि वैशाख की पूर्णिमा को ही भगवान विष्णु ने अपने नौवें अवतार के रूप में जन्म लिया.
 मान्यता है कि भगवान कृष्ण के बचपन के दोस्त सुदामा वैशाख पूर्णिमा के दिन ही उनसे मिलने पहुंचे थे. इसी दौरान जब दोनों दोस्त साथ बैठे तब कृष्ण ने सुदामा को सत्यविनायक व्रत का विधान बताया था. सुदामा ने इस व्रत को विधिवत किया और उनकी गरीबी नष्ट हो गई.
 इस दिन धर्मराज की पूजा करने की भी मान्यता है. कहते हैं कि सत्यविनायक व्रत से धर्मराज खुश होते हैं. माना जाता है कि धर्मराज मृत्यु के देवता हैं इसलिए उनके प्रसन्‍न होने से अकाल मौत का डर कम हो जाता है

बुद्ध पूर्णिमा के दिन क्या करें

  सूरज उगने से पहले उठकर घर की साफ-सफाई करें.
 गंगा में स्नान करें या फिर सादे पानी से नहाकर गंगाजल का छिड़काव करें.
 घर के मंदिर में विष्णु जी की दीपक जलाकर पूजा करें और घर को फूलों से सजाएं.
 घर के मुख्य द्वार पर हल्दी, रोली या कुमकुम से स्वस्तिक बनाएं और गंगाजल छिड़कें.
 बोधिवृक्ष के आस-पास दीपक जलाएं और उसकी जड़ों में दूध विसर्जित कर फूल चढ़ाएं.
 गरीबों को भोजन और कपड़े दान करें.
 अगर आपके घर में कोई पक्षी हो तो आज के दिन उन्हें आज़ाद करें.
 रोशनी ढलने के बाद उगते चंद्रमा को जल अर्पित करें.

बुद्ध पूर्णिमा के दिन क्या ना करें

 बुद्ध पूर्णिमा के दिन मांस ना खाएं.
 घर में किसी भी तरह का कलह ना करें
 किसी को भी अपशब्द ना कहें.
 झूठ बोलने से बचें.

बुद्ध पूर्णिमा के दिन गंगा स्‍नान का महत्‍व

हिन्दू धर्म के मुताबिक हर महीने की पूर्णिया भगवान विष्णु का समर्पित होती है| पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का एक विशेष लाभ मिलता है| लेकिन वैशाख पूर्णिमा का एक विशेष महत्व है| इसका कारण यह बताया जाता है कि इस माह होने वाली पूर्णिमा को सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में और चांद भी अपनी उच्च राशि तुला में होता है. कहते हैं कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन किया गया स्नान कई जन्मों के पापों का नाश करता है|

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