NEET 2019: कितनी जा सकती है कट ऑफ,कैसा था नीट 2019 का पेपर– नीट 2019 की परीक्षा कल यानि की रविवार 5 मई को आयोजित की गई थी| यह परीक्षा दोपहर 2 बजे से श्याम 5 बजे तक चली थी| नीट के एग्जाम सेंटर पर काफी कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे| बता दें की यह परीक्षा हर साल राष्ट्रिय स्तर पर आयोजित होती है| नीट का एंट्रेंस एग्जाम उन स्टूडेंट्स जरुरी है जो मेडिकल और डेंटिस कोर्स में एडमिशन लेना चाहते है| इस परीक्षा का आयोजन हर साल एनटीए के द्वारा किया जाता है| हालाँकि यह परीक्षा ओडिशा में चक्रवाती तूफान फानी की वजह से स्थगित कर दी गई थी| नीट का एग्जाम ओडिशा में नई तारीख के ऐलान के बाद होगा| एनटीए अब आने वाले दिनों में नीट 2019 आंसर-की यानि उत्तरकुंजी जारी करेगा| जिसे आप ऑफिसियल वेबसाइट वेबसाइट से डाउनलोड कर पाएँगे|
नीट 2019 परीक्षा का विश्लेषण (NEET 2019 Paper Analysis)
स्टूडेंट्स के अनुसार भौतिकी और रसायन विज्ञान का पेपर उम्मीद से काफी अधिक कठिन था| जबकि जीवविज्ञान का पेपर इसकी तुलना में थोड़ा आसान था| छात्रों का कहना है कि परीक्षा में अधिकतर सवाल एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम से आए थे| वहीं एक्सपर्ट्स नीट 2019 के पेपर्स को आसान बता रहे हैं| नीट में फिजिक्स से 45, केमिस्ट्री से 45 एवं बायोलॉजी से 90 प्रश्न पूछे गए थे| लगभग 60 प्रतिशत प्रश्न आसान थे और 25 प्रतिशत प्रश्न थोड़े अधिक कान्सेप्ट बेस्ड थे| वहीं 15 प्रतिशत प्रश्न कठिन थे|
कितनी जा सकती है कट ऑफ? (NEET Expected Cut-Off)
एक्सपर्ट्स का मानना है कि जनरल कैटेगरी की कट ऑफ करीब 510 अंक तक जाने की संभावना है| अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 490, एससी के लिए 395 व एसटी के लिए इसके करीब 350 अंक तक रहने की उम्मीद है|
हम्पी एक्सप्रेस ट्रेन के देर से पहुँचने और बिना किसी पूर्व सूचना के परीक्षा केंद्रों में बदलाव के कारण काफी बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स रविवार को आयोजित हुई नीट की परीक्षा में भाग नहीं लें सके| परीक्षा में शामिल होने लिए छात्रों ने हर संभव कोशिश की, लेकिन इतनी मेहनत के बाद भी वे तय समय पर परीक्षा केंद्रों पर पहुँच सके| इस बीच, बेंगलुरु में परीक्षा को लेकर काफी अफरात-तफरी मच गई.मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी उन छात्रों और उनके माता-पिता के समर्थन में उतर आए, जिन्होंने नीट परीक्षा में बैठ नहीं पाने वाले छात्रों के लिए एक विशेष परीक्षा आयोजित कराने की मांग की|
उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि हम्पी एक्सप्रेस ट्रेन के 7 घंटे की देरी के कारण उत्तरी कर्नाटक के जिलों से आए हजारों छात्र यहां परीक्षा देने से चूक गए| मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि अंतिम क्षणों में परीक्षा केंद्रों में बदलाव और उसके संबंध में उचित संचार की कमी के कारण छात्रों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी| उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रेल मंत्री पीयूष गोयल, एचआरडी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को इस मामले में हस्तक्षेप करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं कि जिन छात्रों ने आज मौका गंवाया है उन्हें नीट 2019 परीक्षा में शामिल होने का एक और मौका मिले.”
जानकारी के अनुसार परीक्षा रविवार दोपहर 2 बजे शुरू होनी थी. उत्तरी कर्नाटक, विशेष रूप से हुबली, बल्लारी, होस्पेट और आस-पास के क्षेत्रों के छात्र हम्पी एक्सप्रेस पर निर्भर थे. ट्रेन को सुबह 7 बजे बेंगलुरु पहुंचना था. हालांकि, ट्रेन दोपहर बाद 3 बजे बेंगलुरु पहुंची. रेलवे के एक जनसंपर्क अधिकारी ने पीटीआई को बताया, ‘‘पिछले एक हफ्ते से हम्पी एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग पर चल रही है.”