आज देशभर में बड़ी धूम-धाम के साथ कजरी तीज का त्यौहार मनाया जा रहा है| कजरी तीज का हिन्दू धर्म में एक विशेष महत्व है| इस पर्व को पति और पत्नी के प्रेम का प्रतीक मन जाता है| ऐसी मान्यता है की इस दिन व्रत रखने से पति-पत्नी के बीच प्यार बढ़ता है और उन्हे रिश्ता कई जन्मों को हो जाता है| कजरी तीज पर विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास करती है| वही इस दिन कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की कामना के लिए व्रत करती है| पूरे साल में चार तीज आती है| जिसमें से कजरी तीज के पर्व का एक विशेष महत्व होता है| कजरी तीज का त्यौहार उत्तर भारत के राज्य विशेषकर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, और राजस्थान में मनाया जाता है| कजरी तीज शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, कथा नीचे देखे-
कजरी तीज कब है? | Kab Hai Kajari Teej 2021
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद यानी कि भादो माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया को कजरी तीज मनाई जाती है| साल 2021 में कजरी तीज 25 अगस्त को मनाई जाएगी|
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कजरी तीज (Kajari Teej) का क्या महत्व है?
कजरी तीज को कजली तीज आबादी तीज के नाम से जानी जाती है| इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करने की मान्यता है| हिन्दू धर्म की विवाहित महिलाओं के लिए यह पर्व काफी महत्व रखता है| कुंवारी लड़कियां इस दिन व्रत रखकर अच्छे पति मिलने की प्रार्थना करती है| ऐसी मान्यता है की इस दिन व्रत करने से सभी इच्छा पूर्ण होती है|
हरियाली तीज 2021 शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, कथा, पूजन सामग्री
कजरी तीज 2021 शुभ मुहूर्त (Date & Time)
कजरी तीज बुधवार, अगस्त 25, 2021 को
तृतीया तिथि प्रारम्भ – अगस्त 24, 2021 को 04:04 पी एम बजे
तृतीया तिथि समाप्त – अगस्त 25, 2021 को 04:18 पी एम बजे
कजरी तीज पूजा विधि
– सबसे पहले सुबह-सवेरे उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें. याद रहे कजरी तीज का व्रत निर्जला होता है.
– इसके बाद घर में सही दिशा को ध्यान में रखते हुए पूजा का स्थान बनाएं.
– इस पूजा के स्थान पर रेत और गोबर जमा कर छोटा सा तालाब बना लें.
– तालाब के किनारे नीम की एक डाल रोपकर उसके ऊपर लाल रंग की ओढ़नी डालें.
– इस तालाब के पास भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की प्रतिमा विराजमान करें.
– इसके बाद कलश पर मौली बांधकर स्वास्तिक बनाएं. फिर कलश पर कुमकुम, चावल, सत्तू, गुड़ और एक सिक्का चढ़ाएं.
– फिर गणेश जी और लक्ष्मी जी की प्रतिमा पर कुमकुम, चावल, सत्तू, गुड़, फल और एक सिक्का चढ़ाएं.
– इसके बाद तीज माता की पूजा करें और उन्हें सत्तू अर्पित करें.
– अब इस तालाब में दूध और पानी डालें.
– अगर विवाहित हैं तो इस तालाब के पास कुमकुम, मेहंदी और काजल से सात बिंदु बनाएं.
– कुंवारी लड़कियों को 16 बिंदु बनाने होते हैं.
– अब दीपक जलाकर व्रत कथा सुनें.
– व्रत कथा सुनने के बाद तालाब पर उन सभी चीजों का प्रतिबिंब देखें जिन्हें आपने तीज माता को चढ़ाया है.
– फिर अपने गहनों और दीपक का प्रतिबिंब देखें.
– इसके बाद कजरी गीत गाने के बाद तीज माता से प्रार्थना करें और उनके चारों ओर तीन बार परिक्रमा करें.
– कजरी तीज के दिन गौ माता के पूजन का विशेष महत्व है. आटे की सात रोटियां बनाएं और उस पर घी और गुड़ रखककर गाय को खिलाएं.
– चंद्रमा के निकलने के बाद उसे अर्घ्य दें.
– फिर पति के हाथों पानी पीकर अपना व्रत खोले