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नवरात्रि पर कविता 2023 – Navratri Poems in Hindi – Navratri Kavita Hindi Me

नवरात्रि का पावन अवसर आज से 1 हफ्ते बाद शुरू होने वाला है। नवरात्रि एकमात्र ऐसा त्यौहार है जिसकी देश मे अन्य त्यौहार के मुकाबले काफी ज्यादा मान्यता होती है। बोला जाता है कि नवरात्रि का पावन अवसर पर व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। इस नवरात्रि को और ज्यादा धर्म-संसार का माहौल बनाने के लिए आज हम आपके लिए विशेष तौर पर नवरात्रि पर छोटी बड़ी हर प्रकार की कविता लेकर आए हैं। साथ ही साथ नवरात्रि 2023 बेस्ट व्हाट्सएप डीपी लेकर आए हैं। सबसे पहले आप सभी को आने वाली नवरात्रि की शुभकामनाएं।

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नवरात्रि पर कविता 2023

आज के लेख में दी गयी सभी नवरात्रि की कविता को आप ऑनलाइन साझा कर सकते है। साथ ही साथ आप माँ देवी की रोचक और रोमांचक कथाएं जानने का अवसर प्राप्त कर सकते हैं। यहाँ पर नवरात्रि कविता के साथ साथ नवरात्रि पर दोहे भी दिए गए हैं। यह लेख विशेष तौर पर उनके लिए बनाया गया है जिन्हें इंटरनेट पर सर्च करने का समय नही मिल पाता है। हमारे आज के लेख में बेस्ट नवरात्रि कविता दी गयी है, जिसमे सभी 9 देवियो की शक्ति को दर्शाया गया है। आप सभी को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं।

घर-घर घटस्थापना देख, मां अंबे हो रही हर्षित
नौ दिन,नव रूप लिए, दुर्गा होती शोभित
सजे गए मंदिर देवी के, लगे नए पंडाल
हवन, कीर्तन, रामायण, सजे पूजा के थाल
जिस घर ज्योति जले माता की, रोशन हो गए जीवन
अन्न,धन,मां की कृपा से बरसे,बरसे ममता का सावन
नव दुर्गा के दरस की खातिर,कर रहे बड़े आयोजन
मनुज की ओछी सोच देख, मां का भी अकुलाया मन
क्यूं स्वार्थ में हो कर अंधा तू, कर रहा है घोर पाप
बेटे की झूठी आस लिए, क्यूं बेटी बनी अभिशाप
नारी भी मेरा ही स्वरूप, मूरत की करते पूजा
उसकी गर तुम करो कदर, घर स्वर्ग बने समूचा
कन्या, कंजक, नारी, दुर्गा, सहनशील धरा सी

बोझ बढ़े धरती पर जो, फट प्रलय दिखाए वो भी
उसको न अपमानित कर, देवी को दुर्गा रहने दो
असुरों का संहार करे, दुर्गा “काली” बन जाए तो
कर सम्मान, दे दूं वरदान, हो जाऊं गर प्रसन्न
मान बढ़े तेरा भी निस दिन, सुख, समृद्धि,बसे कण-कण..

Navratri Poems in Hindi

आज की कविता में दर्शाया गया है कि नवरात्रि के 9 दिनों में हर जगह माता रानी के पंडाल सजे हुए दिखाई देते हैं। इसके साथ में दीपक की रोशनी से पूरा ब्राह्मण जगमगा उठता है। नवरात्रि के मौसम में हर कोई आस लगाए रहता है कि हे माँ तुम हमारे घर कब आओगी। इसी आस में हर कोई पूजा, कीर्तन और भंडारा बाटते हुए नजर आता है। ऐसा बोला जाता है कि नवरात्रि में भूखों को खाना खिलाना और प्यासे को 2 बूंद पानी देना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। आज की जानकारी को ध्यान से देखने के लिए धन्यवाद।

अश्रुधार भरी आंखों से, किस विधि दर्शन पाऊं मां,
मन मेरे संताप भरा है, मैं कैसे मुस्काऊं मां।

कदम-कदम पर भरे हैं कांटे, ऊंची-नीची खाई है,
दुःखों की बेड़ी पड़ी पांव में, किस विधि चलकर आऊं मां।

अश्रुधार भरी आंखों से, किस विधि दर्शन पाऊं मां।

सुख और दुःख के भंवरजाल में, फंसी हुई है मेरी नैया,
कभी डूबती, कभी उबरती, आज नहीं है कोई खिवैया।

छूट गई पतवार हाथ से, किस विधि पार लगाऊं मां,
अश्रुधार भरी आंखों से, किस विधि दर्शन पाऊं मां।

पाप-पुण्य के फेर में फंसा हूं, मैंने सुध-बुध खोई मां,
अंदर बैठी मेरी आत्मा, फूट-फूटकर रोई मां।

बोल भी अब तो फंसे गले में, आरती किस विधि गाऊं मां,
अश्रुधार भरी आंखों से, किस विधि दर्शन पाऊं मां।

पाप-पुण्य में भेद बता दे, धर्म-कर्म का ज्ञान दे,
मेरे अंदर तू बैठी है, इतना मुझको भान दे।

फिर से मुझमें शक्ति भर दे, फिर से मुझमें जान दे,
नवजात शिशु-सा गोद में खेलूं, फिर बालक बन जाऊं मां।

तू ही बता दे, किन शब्दों में, तुझको आज मनाऊं मां,
अश्रुधार भरी आंखों से, किस विधि दर्शन पाऊं मां।

Navratri Kavita Hindi Me

नवरात्री में नवदुर्गा नव नव रूप धरे
हर रूप की अपनी महिमा
कुछ शब्द न कह पाएं
शैलपुत्री तुम प्रथम कहलाती
हिमराज की सुता कहलाती
द्वित्य ब्रह्म चारिणी हो तुम
दुखियों की दुखहारिणी हो तुम
चंद्र घटना तृतीय रूप है तेरा
दुष्ट प्रकम्पित होते सारा
कुश्मांड़ा तेरा रूप चतुर्थकम
उल्लास का देती नया सोपनं
पंचम स्कन्द माता कहलाती
कार्तिकेय के संग पूजी जाती
षष्टम कात्यायनी हो तुम
कात्यान ऋषि की सुता हो तुम
कालरात्रि तेरा सप्तम रूप है
दुष्टो का बेडा गर्क है
अष्टम में तुम महा गौरी
कुंदन सुमन सी कोमल नारी
नवम सिद्धि दात्री हो तुम
सुख समृद्धि और मोक्ष की माता हो तुम

बताना चाहते हैं कि नवरात्रि में माँ के 9 अवतार देखने को मिलते हैं। हर अवतार की अपनी एक मान्यता होती है। इन सभी अवतार के बारे में जितना बोला जाए उतना कम होता है। आज की जानकारी को जानने के लिए आप सभी का धन्यवाद। आपके परिवार को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं।

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