Rajiv Gandhi 29th Death Anniversary: यह सच है कि कुछ लोग जमीन पर राज करते हैं और कुछ लोग दिलों पर, और आज हम एक ऐसे ही शख्स के बारे में बात करने जा रहे हैं जिन्होंने लोगों के दिलों पर राज किया वह है मरहूम राजीव गांधी। राजीव गांधी इस दुनिया में हमारे साथ नहीं है, लेकिन राजीव गांधी आज हमारे दिलों में जिंदा है। कांग्रेस नेता राजीव गांधी ने 19वीं सदी में रहते हुए 21वीं सदी का सपना देखा था। वैसे तो राजीव गांधी स्वभाव से बेहद गंभीर थे, लेकिन आधुनिक सोच और निर्णय लेने की अद्भुत क्षमता वाले राजीव गांधी देश को दुनिया की उच्च तकनीकों से पूर्ण करना चाहते थे। राजीव गांधी कहते थे कि हमें भारत की एकता और अखंडता को साथ लेकर चलते हुए तकनीकी वृद्धि करनी चाहिए और 21वीं सदी के भारत में कदम रखना चाहिए।
अपने इन्हीं सपनों को साकार करने के लिए राजीव गांधी ने देश के कई क्षेत्रों में एक नई पहल की शुरुआत करते हुए संचार क्रांति और कंप्यूटर क्रांति, शिक्षा का प्रसार, 18 साल के युवाओं को मताधिकार, पंचायती राज आदि शामिल हैं। राजीव गांधी को विशेष तौर पर भारत में कंप्यूटर क्रांति के तौर पर जाना जाता है, क्योंकि राजीव गांधी ने भारत में कंप्यूटर को बढ़ावा दिया था, राजीव गांधी युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय थे, लाखों-करोड़ों युवा उन्हें पसंद करते थे। राजीव गांधी का भाषण सुनने के लिए लाखों-करोड़ों लोग इंतजार किया करते थे। राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री काल में कई बड़े फैसले लिए, जिसका असर सीधे तौर पर देश के विकास पर देखने को मिला। आज आपके हाथ में फोन मौजूद है, वह राजीव गांधी के फैसलों का नतीजा है।
Rajiv Gandhi (राजीव गांधी) 40 वर्ष की आयु में भारत के प्रधानमंत्री बने थे, जो कि सबसे कम उम्र वाले प्रधानमंत्रियों में शामिल हो गए थे। जैसा की आप सभी को मालूम है राजीव गांधी इंदिरा गांधी के पुत्र है, जो 1986 में पहली महिला भारतीय प्रधानमंत्री बनी। जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनी उस समय राजीव गांधी की उम्र 8 वर्ष की थी। और राजीव गांधी के नाना की उम्र यानी पंडित लाल जवाहरलाल नेहरू 58 वर्ष की आयु के थे, जो आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बने थे।
राजीव गांधी ने साल 1989 में प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन इसके बावजूद या कांग्रेस के नेता पद पर बने रहे। इसी बीच राजीव गांधी चुनाव प्रचार कर रहे थे लेकिन 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेराम्बदूर में एक आत्मघाती हमले में मृत्यु हो गई, जिसके बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। आजाद भारत स्व. राजीव के महत्वपूर्ण योगदान के लिए हमेशा उनका ऋणी रहेगा। राजीव गांधी की जयंती ‘सद्भावना दिवस’ और ‘अक्षय ऊर्जा दिवस’ के तौर पर मनाई जाती है, जबकि पुण्यतिथि 21 मई को ‘बलिदान दिवस’ के रूप में मनाई जाती है। 500