नमस्कार दोस्तों, कर्नाटका से बड़ी खबर निकल कर सामने आ रही है। जी हां दोस्तों आपके जानकारी के बता दे कि कर्नाटक की सत्ता पर विराजमान कांग्रेस पार्टी को अभी एक महीना ही हुआ है कि उन्होंने बीजेपी द्वारा पास किए गए धर्मांतरण के कानून को रद्द करने का मन बना लिया है। कैबिनेट ने इसपर अपनी मुहर भी लगा दी है। जल्द ही इस बिल को विधानसभा में पेश किया जाएगा, जिसकी तैयारियां पूरी कर ली गई है।
कर्नाटक कैबिनेट ने भाजपा द्वारा पेश किए गए धर्मांतरण विरोधी कानून को रद्द करने का फैसला लिया?
आपकी जानकारी के लिए बता दे की इस बिल का मुख्य फोकस धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार का संरक्षण करना है और साथ ही गलत बयानी, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन के द्वारा एक धर्म से दूसरे धर्म में अवैध धर्मांतरण पर रोक लगाना है।
The State cabinet has decided to make it compulsory to read the Preamble of the Constitution along with the hymn in schools and colleges: Karnataka Minister HK Patil
Karnataka Cabinet has also decided to amend the APMC Act in the state to bring back the old law. The revision of… pic.twitter.com/7K1XJXnZL0
— ANI (@ANI) June 15, 2023
मंत्री एचके पाटिल ने घोषणा की
हाल ही में, कर्नाटक के मंत्री एचके पाटिल ने घोषणा की है कि राज्य मंत्रिमंडल ने स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। इस फैसले के अनुसार, स्कूल और कॉलेजों में संविधान की प्रस्तावना को भजन के साथ पढ़ना अनिवार्य किया जाएगा। इसका मकसद छात्रों को राष्ट्रीय धार्मिक महत्व को समझाना और आदर्शों को प्रोत्साहित करना है।
इसके अलावा, मंत्री ने बताया कि कृषि उत्पाद बाजार समिति अधिनियम में भी संशोधन का निर्णय लिया गया है। यह संशोधन पुराने कृषि कानूनों को बहाल करने का उद्देश्य रखता है। इससे कृषि उत्पादकों को अधिक लाभ मिलेगा और उन्नति की दिशा में प्रगति होगी। कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के इस फैसले पर आपकी क्या राय है कमेंट करके जरूर बताएं। देश और दुनिया से जुड़ी खबरे पढ़ने के लिए हमारे साथ बने रहे।