झारखंड में हल के दिनों में चुंबन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था, जिसे झारखण्ड के ही एक विधायक ने आयोजित करवाया था| झारखंड की इस खबर ने खूब सुर्खिया बटोरी थी वही ये वायरल खबर को बीते ज्यादा समय नहीं हुआ था की झारखण्ड से एक और वायरल खबर आई है| अब जो मामला तूल पकड़ रहा है वो यह है की झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने विधानसभा में विपक्षी दलों से अभद्र भाषा के इस्तेमाल का आरोप लग रहा है| यही नहीं इस मामले से जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है|
इस वीडियो में झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास एक नेता पर कथित तौर पर अमानवीय तरीके से टिपणी करते हुए नजर आ रहे है| हलाकि इस वीडियो की पुष्टि होना अभी बाकि है| खबरों के अनुसार वीडियो कल शुक्रवार 15 दिसंबर का बताया जा रहा है| वीडियो में पक्ष और विपक्ष के नेताओ के बीच किसी मुद्दे पर काफी बड़ी बहस चल रही है|
वीडियो में सीएम रघुवर दास झारखण्ड विधानसभा अध्यक्ष को संबोधित करते हुए दिख रहे है, ‘सीएम बनने के साथ ही स्थानीय नीति परिभाषित की, और अध्यक्ष महोदय मैं चुनौती देता हूं, अभी तक 24 हजार 56 स्थानीय नियुक्ति हुई है और 1 हजार ही बाहर हुए हैं, 95 परसेंट झारखंड के नौजवानो को ही नियुक्ति मिल पाई हैं। जिन्हे नियुक्ति नहीं मिल पायी है, वे इस बात से घबराए हुए है और इसीलिए हंगामा कर रहे है| तभी स्थानीय नीति का विरोधकिया जा रहा है| रघुवर दास बस इतना ही बोल कर बैठ जाते है और सदन में हंगामा जारी रहता है| हंगामे के दौरान एक आवाज सुनाई देती है, घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। सीएम साहब को इस बात को सुनते ही गुस्सा आ जाता है और वह खड़े होकर बोलते है की ‘…ले मिर्चा लग रहा है।’
खबरों के अनुसार शोर शराबे में तो पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओ को ये बात समझ ही नहीं आई लेकिन बाद में जब उन्हें ये समझ आया तो उन्होंने जोर शोर से हंगामा करना शुरू कर दिया और सदन का बहिष्कार करने लगे| नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने इस बयान पर नाराजगी जाहिर की और सीएम का पुतला फूंका और माफ मांगने की मांग भी की| इससे पहले भी रघुवर दास डीसी महिमापत रे को सभी के सामने डाँटने के मामले में सुर्खियों में रहे थे|