कर्नाटक में नए मेडिकल विधेयक को लेकर खासी नाराज़गी है और इसी के मद्देनजर निजी चिकित्सकों ने बंद बुलाया है| जिसके कारण पूरी राज्य भर में लोगो मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है| राज्य में ज्यादातर निजी अस्पतालों ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक 2017 के खिलाफ विरोध के कारण अपने-अपने बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) को बंद करने का फैसला लिया। इस विधेयक के लागू हो जाने के बाद राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) की जगह लेगा| भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) के कर्नाटक राज्य के अध्यक्ष एच. एन. रविंद्र ने बताया की राज्य में अधिकतर निजी अस्पताल मंगलवार को सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक अपनी ओपीडी में कार्य नहीं करेंगे|
राज्य के अध्यक्ष एच. एन. रविंद्र ने बताया की हमारे बंद का असर हुआ है और ज्यादातर अस्पतालों की ओपीडी 12 घंटे तक बंद रहने की सम्भावना है| वही इसके उलट राजधानी बेंगलुरु कुछ नामी अस्पताल जैसे अपोलो, फोर्टिस और केम्पेगौडा इंस्टीट्यूट ऑफ मैडिकल साईंसिस (केआईएमएस) में कार्य रोजाना की तरह सामान्य दिखा| आपको बता दें की राज्य में यह हड़ताल आईएमए द्वारा सोमवार को एनएमसी विधेयक के विरोध में देश भर में बंद के अनुरोध के बाद की गई है| नया मेडिकल बिल लोकसभा में शुक्रवार को पेश हुआ था|
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एसोसिएशन ने सोमवार को बयान जारी करके कहा था की “एनएमसी निजी प्रबंधन खंड समर्थक एक गरीब विरोधी विधेयक है। मेडिकल के क्षेत्र से जुड़े लोगो की सहमति के बिना चिकित्सा शिक्षा और चिकित्सा पद्धति को विनियमित करने वाला यह विधेयक किसी बड़ी परेशानी को बुलावा दे सकता है।” इस बिल के तहत चिकित्सकों को अपना पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद एलोपैथी की प्रैक्टिस करने की अनुमति मिल जाएगी।