नमस्कार दोस्तों, आजकल देश में एक और बड़ा मुद्दा चर्चा का विषय बन गया है जो कि सोशल मीडिया पर भी काफी ट्रेंड कर रहा है। बैन पीएफआई (Ban PFI) हिंदी में ट्विटर पर काफी चर्चित विषय बन गया । ऐसे में कई लोग को इसके बारे में नहीं पता होगा कि आखिर पीएफआई क्या होता है? आपको शायद इसके इतिहास के बारे में भी कोई जानकारी नहीं होगी। तो आज के इस लेख में हम आपको पीएफआई के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं। चलिए शुरू करते हैं।
पीएफआई (PFI) क्या है?
पीएफआई यानि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया एक चरमपंथी इस्लामी संगठन है जो पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हक की आवाज उठाने के रूप में खुद को बताता है। संगठन की स्थापना 17 फरवरी 2007 को हुई थी। इंडियन नेशनल ब्यूटी डेवलपमेंट के उत्तराधिकारी के रूप में जाना जाता है जिसकी जड़ें केरल में है और इसका मुख्यालय दिल्ली के शाहीन बाग में स्थित है। एक मुस्लिम संगठनों ने कहा कि संगठन की इसकी गतिविधि मुसलमानों के हित के लिए काम करती है और कई ऐसे मौके के देखे गए जब उन्होंने मुस्लिम आरक्षण के लिए सड़कों पर बवाल किया। बात अगर वर्तमान समय की करे तो संगठन पीएफआई (PFI) ने देश के 23 राज्यों तक पहुंच चुका है। बात अगर संगठन के कार्य प्रणाली की करें तो यह अपने आप को न्याय स्वतंत्रता और सुरक्षा का पैरोकार बताता है लेकिन किसके द्वारा किए गए काम इसकी तरफ बिल्कुल भी इशारा नहीं करते है।
#BanPFI
THE POPULAR FRONT OF INDIA (PFI) SUPPLIED MONETARY HELP TO THE TERRORISTA.
BAN PFI
TO MAKE INDIA SAFE. pic.twitter.com/MhZgcyxrcw— Ramsevak suryawanshi (@Ramsevak9826) July 16, 2022
SIMI started restructuring PFI after the Union Govern-ment banned it.
It is an organisation which is clandestinely associated with #Communist Party of India (Marxists)
Recent reports indicate it's alleged conspiracy to make India an Islamic Nation by the year 2047#BanPFI pic.twitter.com/CzAcMqPPGP
— Sanatan Prabhat (Kannada) (@Sanatan_Prabhat) July 16, 2022
बैन पीएफआई क्यों हो रहा ट्रेंड? | Why is Ban PFI Trending on Twitter?
बीते दिनों में यह संगठन काफी सुर्खियों में है करौली, खरगोन, दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हो रहे बवाल में बार-बार इस संगठन का नाम सामने आ रहा है। भाजपा के नेता इन शहरों में हुए हिंसक दंगों को लेकर इस संगठन के हाथ होने का दावा किया है। इस बात में कोई शक नहीं है पीएफआई एक ऐसा संगठन है जो कट्टरपंथ को बढ़ावा देता है। यहा तक की केरल में हो रही राजनीतिक हत्याओं में भी संगठन का नाम आ रहा है।
PFI members Shaik Shadulla, Mohd. Imran and Mohd. Abdul Mobin arrested by Telangana Police.
PFI was training them to use lethal weapons for carrying out field operations.
Rs
जनसंख्या नियंत्रण#BanPFIpic.twitter.com/AMvu23JZ9Y— Ramsevak suryawanshi (@Ramsevak9826) July 16, 2022
#BanPFI
Hindus Must Wake up..
Terrorists are next to door..#Ban_AntiNational_PFI pic.twitter.com/9H6kTCmogQ pic.twitter.com/mNkeMFIAV3— Ramsevak suryawanshi (@Ramsevak9826) July 16, 2022
पीएफआई कभी चुनावी राजनीति का हिस्सा नहीं बनी
पीएफआई खुद को एक सामाजिक संगठन बताता है लेकिन आपको बता दे इस संगठन ने कभी भी चुनाव में हिस्सा नहीं लिया है। इस संगठन के किसी सदस्य का कोई रिकॉर्ड भी नहीं है। पीएफआई (PFI) हमेशा से हिंसक कामो में लगा रहा है। यह तक की देश में लव जिहाद को लेकर दंगा भी भड़काया था।
Present state of Muslim community.
PFI is talking about 75% Muslim population in 9 districts. This page is all about radicalization AJ.
जनसंख्या नियंत्रण#BanPFIpic.twitter.com/pTHpfmOvCU pic.twitter.com/mIpYxoARzO— श्री अमित जोशी जी (@AmitJos92065115) July 16, 2022
Deadly ‘Popular Front of India (PFI)’ and the need to Ban it !#BanPFI pic.twitter.com/Ji7c8BvMJW
— गोपी व्हनमारे (@Gopi_v7137) July 16, 2022