क्या है धारा 370? कैसे बना और अब क्या बदल गया | पढ़िए यहां 15 बातें :- केंद्र सरकार ने आज 5 अगस्त 2019 को भारत के राष्ट्रपति के आदेश से जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष दर्जा छीन लिया है। इसके साथ ही अब जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटा दी गई है। राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पर बड़ा बयान देते हुए धारा 370 को हटाने की घोषणा की गई। पिछले कुछ दिनों से जम्मू-कश्मीर में असमंजस की स्तिथि बनी हुई थी। आज हम आपको बताएँगे की क्या है धारा 370 और इससे जुड़ी पूरी जानकारी।
1. आप सभी के सामने ये सवाल जरूर उठा रहा होगा की क्या है धारा 370? आर्टिकल 370 से जुड़े तमाम सवालों के जवाब इस पोस्ट में मिल जाएँगे।
2. इसी विशेष दर्जे के कारण जम्मू-कश्मीर राज्य पर संविधान की धारा 356 लागू नहीं होती।
क्या है धारा 370?
3. इस कारण राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं है।
4. जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता (भारत और कश्मीर) होती है।
5. भारत की संसद जम्मू-कश्मीर के सम्बन्ध में अत्यन्त सीमित क्षेत्र में कानून बना सकती है।
6. जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग है. वहां के नागरिकों द्वारा भारत के राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना अनिवार्य नहीं है।
7. इसके तहत भारतीय नागरिक को विशेष अधिकार प्राप्त राज्यों के अलावा भारत में कहीं भी भूमि खरीदने का अधिकार है. यानी भारत के दूसरे राज्यों के
लोग जम्मू-कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते।
370 कैसे बना और अब क्या बदल गया
8. भारतीय संविधान की धारा 360 जिसके अन्तर्गत देश में वित्तीय आपातकाल लगाने का प्रावधान है, वह भी जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होती
9. जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है जबकि भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
10. भारत के उच्चतम न्यायालय के आदेश जम्मू-कश्मीर के अन्दर मान्य नहीं होते हैं।
11. जम्मू-कश्मीर की कोई महिला अगर भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जाएगी। इसके विपरीत अगर वह पकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह कर ले तो उसे भी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जाएगी।
12. धारा 370 की वजह से कश्मीर में आरटीआई और सीएजी (CAG) जैसे कानून लागू नहीं होते हैं।
13. कश्मीर में महिलाओं पर शरियत कानून लागू है।
14. कश्मीर में पंचायत को अधिकार प्राप्त नहीं है।
15. धारा 370 की वजह से ही कश्मीर में रहने वाले पाकिस्तानियों को भी भारतीय नागरिकता मिल जाती है।