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विजय माल्या के वकीलों ने लगाया भारतीय जजों पर सरकारी दबाव का आरोप

भारत के भगोड़े उद्योगपति विजय माल्या पर 9000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है और उन्होंने उल्टे भारतीय न्यायपालिका, सुप्रीम कोर्ट और मीडिया पर निशाना साधा है| लंदन की एक कोर्ट में माल्या के प्रत्यर्पण से जुड़े मामले की सुनवाई के समय माल्या के वकील ने भारत के जजों से ज्यादा तटस्थ पाकिस्तान के जज है बात कही| माल्या के वकील ने लंदन की एक अदालत में माल्या का बचाव करते हुए भारत की न्यायिक व्यवस्था, जजों और मीडिया निष्पक्षता पर ही सवाल कर दिए| बता दें की 61 साल के विजय माल्या पर देश के विभिन्न बैंको का तक़रीबन 9000 करोड़ रुपए बकाया है| माल्या पर कर्ज लेकर न चुकाने, धोखाधड़ी और जालसाजी करने के आरोप लगे है| फ़िलहाल माल्या भारत से भाग कर लंदन में रह रहा है|

विजय माल्या के वकीलों ने लगाया भारतीय जजों पर सरकारी दबाव का आरोप

सोमवार 11 दिसंबर को लंदन की एक अदालत में विजय माल्या के वकील क्लारे मॉन्टगोमरी और डॉ. मार्टिन लाउ, जो लंदन के साउथ एशियन लॉ इन्स्टीट्यूट में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है ने वेस्टमिन्स्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट माल्या के प्रत्यर्पण केस में सुनवाई के दौरान कहा की भारत के सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज रिटायरमेंट के बाद ज्यादा सरकारी लग लेने के मकसद से अपने पद पर बने रहते हुए सरकार के हक़ में फैसले सुनते है ताकि उन्हें इसका लाभ बाद में मिल सके| माल्या के वकील ने भारत की आपराधिक न्याय व्यवस्था अब तक के सबसे भ्रष्टतम स्तर पर है| माल्या के वकील ने कहा की विजय माल्या कोर्ट के ट्रायल की जगह भारतीय मीडिया का ट्रायल झेल रहे है| वकील ने कहा की उनके हिसाब से विजय माल्या का भारत के निष्पक्ष ट्रायल नहीं किया जा सकता|

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डॉ. लाउ ने कोर्ट में बोला की भारत की सर्वोच्च अदालत के प्रति मेरे मन में सम्मान है लेकिन काफी बार मुझे संदेह होता है, कुछ फैसलों को देख कर लगता है की जज अब अपने रिटायरमेंट के समय को देखते हुए सरकार के पक्ष में फैसले ले रहे है| ताकि उन्हें रिटायरमेंट ज्यादा सहूलियत मिल सके| यह भारत की न्यायिक स्वतंत्रता के लिए खतरे के संकेत है| मेरा ये मतलब नहीं है मैं ये साबित कर रहा हु की भारतीय न्यायिक भ्रष्ट है लेकिंग कुछ जजों के फैसले पर मुझे शक होता है|

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