हेलो दोस्तों नमस्कार, आज हम बात करने वाले हैं Uttarakhand Tragedy के बारे में, न्यूज़ चैनल हो या सोशल मीडिया सभी जगह चमौली के तपोवन इलाके में अचानक आई बाढ़ का कारण ग्लेशियर टूटना ( Glacier Melt ) को बताया जा रहा था, लेकिन आपको बता दे ऐसा बिल्कुल नहीं है, ताजा खबरों के मुताबिक उत्तराखंड में आई त्रासदी का कारण भूस्खनल ( Landslide ) जिसके चलते नदी में एवलांच देखने को मिला। भारतीय रिमोट सेंसिंग इंस्टीट्यूट ने राज्य सरकार को सौंपी अपनी रिपोर्ट स्पष्ट कर दिया है कि इस पूरी दुर्घटना की वजह 56 सौ मीटर की उंचाई पर हुआ लैंडस्लाइड है, जिसके कारण वर्ष 14 वर्ग किलोमीटर का एरिया की बर्फ अचानक से नीचे आ गई और नदी में गीर गई।, जिसके चलते अचानक नदी का स्तर दो से तीन मिलियन क्यूसेक पानी नदी में बढ़ गया, और नदी में बाढ़ आ गई।
यह रिपोर्ट सेटेलाइट तस्वीरों के आधार पर प्रकाशित की गई है, जिसमें ग्लेशियर के टूटने का कोई भी सबूत नहीं मिला है। यही नहीं इसके अलावा उस इलाके में कोई भी ऐसी चीज नजर नहीं आई। रिमोट सेंसिंग की तस्वीरें सामने के आने बात क्या पूरी तरह से स्पष्ट हो गया है कि 6 फरवरी तक उस इलाके में जो ताजी और नर्म बर्फ गिरी थी, वह पहाड़ों पर मौजूद थी, लेकिन 7 फरवरी 2021 की सैटेलाइट तस्वीरों में करीब 14 वर्ग किलोमीटर के इलाके में बर्फ नहीं थी। पहाड़ से गिरी बर्फ के साथ-साथ मिट्टी और पत्थर रिशीगंगा के डाउनस्ट्रीम में गिर गई।
उत्तराखंड में अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, जिस के तीसरे दिन यानी मंगलवार को पांच और शव मिले हैं, 3 दिनों के भीतर अब तक तकरीबन 31 लोगों के शव रेस्क्यू टीम ने ढूंढने है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस त्रासदी में 206 लोगों के लापता होने की खबर है। इनमें से अभी तक 175 लोगों का कोई अता पता नहीं है, इस पूरी आपदा के पीछे अब तक ग्लेशियर टूटने को वजह बताया जा रहा था, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है, भूस्खलन से आया एवलांच। देश दुनिया से जुड़ी लेटेस्ट खबरें जाने के लिए हमारे साथ बने रहे।