नमस्कार दोस्तों, उत्तराखंड से एक ऐसी हैरान करने वाली घटना सामने आई है जो कि इंसानियत और रिश्तो को शर्मसार करती है। जी हां दोस्तों की जानकारी बता दे कि उत्तराखंड में मां का कई बार रेप करने के बाद जब आरोपी का मन नहीं भरा तो हैवानियत की सारी हदें पार कर दी। आरोपी के चंगुल से किसी तरह भागी पीड़िता की बच्ची पर दोषी का कहर टूट पड़ा। बता दें कि युवक ने महिला की 18 महीने की बच्ची के साथ भी हैवानियत की सारी हदें पार कर दी। तो चलिए विस्तार में जानते हैं आखिरकार पूरा मामला क्या है?
Uttarakhand Mother and Daughter Rape Case
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आरोपी ने बच्ची का रेप किया फिर बच्ची को मौत के घाट उतार दिया। जिला सत्र न्यायाधीश आरके खुल्बे ने मासूम की हत्या व महिला से दुराचार के आरोपी को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कार्रवाई करते हुए दो अन्य मामलों में 20 और 2 वर्ष की सजा सुनाई गई है। तीनों सजाएं संग चलेंगी।
जानकारी के लिए बता दें कि बागेश्वर कोतवाली के गांव सातरतबे में ठेकेदार ने नेपाली मजदूरों को एक ग्रामीण के पुराने मकान में ठहराया था। गांव के धीरज तिवारी व मकान मालिक के पुत्र ने गांव में नेपाल की महिला से दुराचार किया। हथियार दिखाकर जान से मारने की धमकी दी और कहा कि इस वारदात के बारे में किसी को ना बताये। 18 जून 2022 को आरोपी पीड़िता महिला के घर गया और दुष्कर्म किया।
माँ और 18 महीने की बच्ची के साथ भी हैवानियत, जाने पूरा मामला!
जब आरोपी ने दोबारा दुष्कर्म करने का प्रयास किया, तो पीड़िता वहां से किसी तरह भाग गई। अभियुक्त उसके बगल के कमरे में गया। वहां महिला की 18 माह की बच्ची सोई थी। 18 महीने की बच्ची को अकेला पाकर आरोपी ने उसके साथ भी दुष्कर्म किया, घिनौनी वारदात को अंजाम देने के बाद बच्ची को मौत के घाट उतार दिया। 19 जून को जिला चिकित्सालय में बच्ची के पोस्टमार्टम में दुष्कर्म की पुष्टि हुई।
पिछले साल 25 जून 2022 को महिला ने बयान दिया और बाद में पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। विशेष लोक अभियोजन खड़क सिंह कार्की ने मामले में 21 गवाह परीक्षित कराए। जिला सत्र न्यायाधीश ने धारा 302 में आजीवन कारावास, 25 हजार जुर्माना, 302 में दो साल की सजा, धारा 55/ 6 पॉक्सो एक्ट में 20 साल की सजा व 25 हजार अर्थदंड लगाया है। देश और दुनिया से जुड़ी ताज़ा खबरे पढ़ने के लिए हमारे साथ बने रहे।