हेलो दोस्तों नमस्कार, उत्तर प्रदेश के उन्नाव से दिल जलाने वाली खबर सामने आई है, जिसके बारे में आज हम चर्चा करने वाले हैं। जी हां, आपको बता दें कि उन्नाव में बुधवार को दिल दहलाने वाला एक मामला सामने आया है। असोहा थाना क्षेत्र के बबुरहा गांव में बुधवार शाम को नजदीकी एक खेत में तीन नाबालिग दलित लड़कियां बेहोशी की हालत में दुपट्टे में लिपटी हुई पाई गई। जिनमें से 2 दलित लड़कियों की मृत्यु हो चुकी है, और एक लड़की को सीएचसी से जिला अस्पताल ले जाया गया, जहा से उसे कानपुर के एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया। मौका ए वारदात पर पहुंची पुलिस ने मीडिया को बताया कि जांच के बाद ही मृत्यु का कारण पता चल पाएगा, लेकिन मौका ए वारदात तो मौजूद लोगों ने बताया कि लड़कियों के मुंह से सफेद रंग का जहरीला पदार्थ निकल रहा था, जो इस बात की ओर इशारा करता है कि लड़कियों को शायद जहर दिया गया होगा।
बबुरहा गांव के संतोष वर्मा की बेटी कोमल जिसकी उम्र 16 साल बताई जा रही है, सूरज पाल वर्मा की बेटी जिसकी आयु मेरा वॉइस बताई जा रही है, और और सूरज बली की बेटी रोशनी जिसकी उम्र 17 वर्ष बताए जा रहे हैं। यह तीनों लड़कियां दोपहर के बाद अपने जानवरों के लिए खेत से चारा लेने गई थी, लेकिन जब देर रात तक तीनों लड़कियां घर वापस नहीं लौटी, तो परिवार वालों और गांव वालों ने लड़की की खोज करना शुरू कर दी। जब सूरजपाल खेत में पहुंचा तो तीनों दलित लड़कियां दुपट्टे में लिपटी हुई मदरबोर्ड पड़ी थी। एक ही दुपट्टे से तीनों लड़कियों के हाथ बांधे गए थे, कोमल और काजल की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई थी, लेकिन रोकने की सांसे चल रही थी।
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लड़कियों के घरवाले सीएचसी असोहा अस्पताल में पहुंचे, जहां पर डॉक्टरों ने हालातों की गंभीरता को देखते हुए रोशनी को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन यहां पर भी रोशनी की हालात में कोई सुधार नहीं देखने को मिला, उसके बाद लड़की को कानपुर के अस्पताल में रेफर कर दिया गया। अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि आखिरकार इन तीनों लड़कियों ने फिल्म प्रधान खुद से खाया है या फिर किसी अन्य निकला है ? इस पूरी घटना के बाद घटनास्थल पर बड़ी मात्रा में पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है। आईजी, डीआईजी, डीएम और एसपी भी मौके पर पहुंचे। सबूतों को मिटाने के लिए डॉग स्क्वायड की टीम को भी घटनास्थल पर लाया गया है, और फॉरेंसिक विभाग की टीम भी जांच पड़ताल कर रही है, ताकि इस केस को जल्द से जल्द समझाया जा सके।
घटनास्थल पर जाने से रोका, घरवालों को किया नजरबंद
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, इलाके में भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है। इसके अलावा पुलिस प्रशासन ने घटनास्थल को अपने कब्जे में ले लिया है, यही नहीं बल्कि पीड़ित के परिवार वालों को नजरबंद कर दिया गया है, परिवार वालों को किसी से भी बात करने की अनुमति नहीं है। यहां तक कि मीडिया को पीड़ित के परिवार वालों से मिलने नहीं दिया जा रहा। इसे से आप अनुमान लगा सकते है की यह मामला कितना गंभीर है, और अब सवाल यह खड़ा होता है की आखिर मीडिया को क्यों इस केस से दूर रखा जा रहा है और पुलिस क्या कुछ छुपाने की कोशिस कर रही है ? हमे और आपको इन लड़कियों को इंसाफ दिलाने के लिए सॉशल मीडिया पर आवाज उठाना चाहिए।