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साउथ दिल्ली में तंदूर के उपयोग पर पाबन्दी, प्रदूषण के मद्देनजर लिया गया फैसला

तंदूरी चिकन खाने वालो के लिए बुरी खबर है| अगर आप भी तंदूरी चिकन खाने के शौकीन है और दिल्ली में रहते है तो आपके लिए एक बुरी खबर है| दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली में तंदूर के उपयोग पर पाबन्दी लगा दी गई है| तंदूर पर रोक से दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर कुछ लगाम लगाई जा सकते है| जिसके मद्देनजर दिल्ली में तंदूर के इस्तेमाल पर रोक लगाने का फैसला लिया गया है|

साउथ दिल्ली में तंदूरी चिकन पर पाबन्दी, प्रदूषण के मद्देनजर लिया गया फैसला

बता दें की दिल्ली में तंदूरी कबाब और अन्य वस्तुओं को बनाने के लिए रेस्त्रा मालिक तंदूर भट्टी का इस्तेमाल करते है| जिसको कोयले का उपयोग कर चलाया जाता है| जिसके कारण प्रदूषण भी होता है| दिल्ली में अधिकतर रेस्त्रा, ढाबे वाले इस तंदूर भट्टी का रोजाना इस्तेमाल करते है| जो दिल्ली में प्रदूषण बढ़ाने में अपनी भूमिका अदा कर रहा है|

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जब रेस्त्रा मालिक से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया की कुछ रेस्त्रा मालिक गैस आधारित भट्टी के इस्तेमाल की योजना बना रहे है| जबकि कुछ ने कहा की अभी इस बार में हमने कोई योजना नहीं बनाई| गुडगाँव पप्रशासन ने पूरे शहर में तंदूर भट्टी पर रोक लगा दी है| पर्यावरण के जानकारों ने कहा है की दिल्ली में प्रदूषण के कारण तंदूर पर जल्द से जल्द रोक लगनी चाहिए| SDMS के अधिकारियो ने कहा है की उन रेस्त्रा मालिकों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी| जो कोयले या लकड़ी के तंदूर का इस्तेमाल करते हुए पकडे जाएंगे|

2015 में पेश की गई रिपोर्ट में साफ शब्दों में कहा गया था की सभी रेस्त्रा मालिकों को कोयले से चलने वाली तंदूर भट्टी को बदल कर| गैस या बिजली से चलने वाली तंदूर का इस्तेमाल करना होगा| कुछ रेस्त्रा मालिकों ने इसे माना भी और अधिकतर रेस्त्रा मालिक अभी भी कोयले से चलने वाली तंदूर का उपयोग कर रहे है| लेकिन अब हालत कुछ ओर है| अब कोयले के इस्तेमाल पर तुरंत रोक लगनी चाहिए|

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