निर्भया के दोषियों के पास अभी-भी बचे है दो रास्ते, फांसी में हो सकती है देरी: निर्भया गैंग रेप के दोषियों को आज सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है| सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की फांसी की सजा को बरक़रार रखने का फैसला सुनाया है| अदालत के फैसले के बाद निर्भया की माँ ने कहा की अभी हमारा संघर्ष ख़त्म नहीं हुआ है| दोषियों को सजा देने में काफी देरी हो रही है| आपको बता दें की भारतीय कानून के मुताबिक निर्भया के दोषियों के पास अभी-भी दो विकल्प है जिससे वह फांसी रुकवा सकते है|
निर्भया के दोषियों के पास एक रास्ता पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का और दूसरा रास्ता राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल करने का बचा हुआ है। अगर सुप्रीम कोर्ट कोई फैसला सुना देता है तो अपराधियों के पास एक और रास्ता होता है। इसके तहत अपराधी सुप्रीम कोर्ट में एक और अर्जी दाखिल करके फैसले पर फिर से विचार करने की गुहार कर सकता है। इसकी सुनवाई सबके सामने खुले में नहीं होती है। अगर सुप्रीम कोर्ट क्यूरिटिव पिटिशन को खारिज कर देता है तो ये गुनहगार राष्ट्रपति के पास भी पहुंच सकते हैं।
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राष्ट्रपति के द्वारा दया याचिका खारिज करने के बाद दोषियों को फांसी होना पक्का है| इस पूरी प्रक्रिया के दौरान दोषियों को काफी समय मिल जाएगा| ऐसा इसलिए क्योंकि कोई भी मामला निचली अदालत में लम्बी सुनवाई के बाद ही सुप्रीम कोर्ट पहुँचता है|
फिर से पुनर्विचार याचिका दाखिल करने और उस पर फैसला आने में काफी समय लगेगा| राष्ट्रपति भी दोषियों की दया याचिका पर फैसला लेने में समय ले सकते है| आपको बता दें की इस मामले में 4 दोषियों में से 3 ने दया याचिका की अर्जी दी थी|
निर्भया कांड दिल्ली में साल 2012 में 16 दिसंबर को हुआ था| इस मामले में साल 2013 में निचली अदालत ने चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी| इस मामले में एक दोषी ने तो जेल में ही आत्महत्या कर ली थी जबकि एक नाबालिक था| साल 2014 में दिल्ली हाई कोर्ट ने निचली अदालत का फैसला बरक़रार रखा| इसके बाद साल 2017 इन दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और उन्हें वहां से भी नाकामी ही हाथ लगी| दोषियों ने फिर सुप्रीम कोर्ट में पुर्नविचार याचिका दाखिल की जिस पर आज फैसला आया है|