पीएम मोदी की बॉयोपिक मूवी की रिलीज़ पर रोक लगाने वाली याचिका को SC ने किया खारिज: पीएम मोदी के जीवन पर आधारित फिल्म पर रोक लगाने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है| बता दें की कोर्ट में 11 अप्रैल को रिलीज़ होने वाली पीएम नरेंद्र मोदी की बायोपिक मूवी पर रोक लगाने की मांग की थी| यह याचिका कांग्रेस पार्टी के मीडिया पैनलिस्ट अमन पंवार ने अदालत में दाखिल की थी जिसे आज अदालत ने ख़ारिज कर दिया|
इस फिल्म के ट्रेलर को अदालत में दिखाने की मांग की गई थी जिसे खारिज कर दिए गया है| इस फिल्म से आचार सहिंता का उलंघन हो रहा है या नहीं यह तय करना चुनाव आयोग का काम है| याचिकाकर्ता जो राहत चाहते हैं वो अपरिपक्व है क्योकि अब तक सेंसर बोर्ड सर्टिफिकेट ही नहीं मिला है. हम इसे खारिज कर रहे हैं|
सुप्रीम कोर्ट में अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘फिल्म का गाना और ट्रेलर रिलीज हो चुके है. मोदी बीजेपी के स्टार कैंपेनर हैं. मोदी का ही गुणगान है. ट्रेलर में चायवाला, चाय पर चर्चा जैसी चीजें भी हैं. ‘मां मैं संन्यास लेकर देश की सेवा करना चाहता हूँ’ ‘और फकीरों जैसे गुण हैं आपमें!’ जैसे महिमामंडन करने वाले संवाद हैं. पाकिस्तान को चेतावनी देने वाले संवाद बार-बार हैं. ये पार्टी और व्यक्ति विशेष का प्रचार और महिमामंडन है. प्रधानमंत्री के ट्वीटर हैंडल से भी इसे इंडोर्स किया जा रहा है.’ साथ ही सिंघवी ने कोर्ट से कहा कि लेपटॉप पर आप भी ट्रेलर देख सकते हैं| इस पर कोर्ट ने कहा कि हम नहीं देखना चाहते|
इस फिल्म से जुड़े आचार्य मनीष कुमार, सन्दीप सिंह, सुरेश ओबेरॉय और विवेक ओबेरॉय के बीजेपी, केंद्र और गुजरात सरकार के साथ संबंध होने की बात भी कही गई है| इस पर अदालत ने कहा की जब फिल्म को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट ही नहीं मिला है तो इस फिल्म पर रोक लगाने वाली आपकी याचिका का कोई अर्थ नहीं रह जाता है| अदालत ने सिंघवी को इस मामले में कोर्ट का वक्त खराब नहीं करने की नसीयत भी दी|
Supreme Court dismisses a plea seeking stay on release of Vivek Oberoi starrer biopic ‘PM Narendra Modi’. The Bench says the film has not yet been issued the certificate by Censor Board. Court says it is to be decided by the EC whether the movie can violate Model Code of Conduct. pic.twitter.com/UA2pU90wfz
— ANI (@ANI) April 9, 2019
‘पीएम मोदी’ मूवी की रोक वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा की जब तक याचिकाकर्ता फिल्म के कंटेंट को रिकॉर्ड पर नहीं लाते तक तब कोर्ट इस मामले में कोई आदेश जारी नहीं सकता| अदालत ने याचिकाकर्ता को कल तक अदालत के सामने फिल्म के कंटेंट को पेश करने के लिए कहा है|