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Supreme Court Collegium Approves First Gay Judge Saurabh Kirpal News in Hindi | देश को मिल सकता है पहला समलैंगिक जज

नमस्कार दोस्तों, जल्द ही देश को मिल सकता है पहला गे (समलैंगिक) जज, सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने सीनियर वकील सौरभ कृपाल जिनकी उम्र 39 वर्षीय उनको दिल्ली हाईकोर्ट का जज बनाने की सिफारिश की है। यह सिफारिश 11 नवंबर 2021 की बैठक में चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम में रखी गई है। इस दौरान हैरान करने वाली बात यह रही की केंद्र की तरफ से चार बार कृपाल के नाम को लेकर आपत्ति जताने के बावजूद कॉलेजियिम ने अपनी सिफारिश दी है। लेकिन अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है की कृपाल की नियुक्ति होती है कब तक होगी ? ऐसा माना जा रहा है की केंद्र सरकार कॉलेजियम को रिव्यू के लिए भी बोल सकती है, जिसके बाद कुछ विचार विमर्श किया जाए।

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Supreme Court Collegium Approves First Gay Judge Saurabh Kirpal News in Hindi | देश को मिल सकता है पहला समलैंगिक जज | कौन हैं सौरभ कृपाल? | Who is Saurabh Kripal in Hindi

Supreme Court Collegium Approves First Gay Judge Saurabh Kirpal News in Hindi

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में यह पहली बार हुआ है कि खुले तौर पर खुद को समलैंगिक स्वीकार करने वाले न्यायिक क्षेत्र के व्यक्ति को जज बनाने की सुप्रीम कोर्ट ने सिफारिश की है। अगर आपको नहीं मालूम तो बता दे की साल 2017 में दिल्ली हाईकोर्ट कॉलेजियम ने सर्वसम्मति से जज के लिए उनका नाम सामने रखा गया था, लेकिन इस सिफारिश के बावजूद चार बार उनकी सिफारिश को निष्कासित कर दिया गया था। आखरी बार साल 2020 में उनकी सिफारिश को टाला गया था।

कौन हैं सौरभ कृपाल?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सौरभ कृपाल सीनियर वकील और पूर्व चीफ जस्टिस बीएन कृपाल के बेटे हैं। वह पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी के साथ बतौर जूनियर के तोर पर काम कर चुके है। बता दे की वह कमर्शियल लॉ के एक्सपर्ट भी है। सौरभ ने अपनी ग्रेजुएशन राजधानी दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज कंपलीट की है, वही अपनी कानूनी पढ़ाई यानि  लॉ की डिग्री ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी  हासिल की। सुप्रीम कोर्ट में लगभग 20 साल तक उन्होंने प्रैक्टिस की है, इसी के साथ सौरभ कृपाल ने ‘सेक्स एंड द सुप्रीम कोर्ट’ किताब को एडिट किया है।

सौरभ कृपाल साल 2018 सितंबर के महीने में समलैंगिकता को अवैध बताने वाली IPC की धारा 377 खत्म करवाने का केस लड़कर चर्चा में आए थे। उनकी इस लड़ाई के बाद हाईकोर्ट ने समलैंगिक संबंध अपराध मानने से इंकार कर दिया था। अगर आप इनके बारे में और अधिक जानकारी जानना चाहते हैं तो आप गूगल पर पढ़ सकते है।

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