नमस्कार दोस्तों, राजस्थान के भरतपुर से एक बेहद दुखद खबर निकल कर सामने आ रही है, जी हां दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राजस्थान के भरतपुर जिले के पसोपा गाँव में अवैध खनन पर रोक लगाने में सरकार की नाकामी के विरोध में आत्मदाह करने वाले साधु बाबा विजयदास की दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गई। अगर आपको नहीं मालूम तो आपकी जानकारी बता दी कि उन्होंने 20 जुलाई 2022 को अपने ऊपर केरोसिन डालकर खुद को आग लगा ली थी, 21 जुलाई को उनकी स्थिति स्थिर बताई गई थी, लेकिन शनिवार सुबह यानी 23 जुलाई 2022 को खबर सामने आई कि उनकी मृत्यु हो चुकी है।
Rajasthan Bharatpur Saint Baba Vijay Das Death in Delhi Hospital News in Hindi
उपमंडल अधिकारी संजय गोयल के अनुसार, “साधु विजयदास की अस्पताल में तड़के करीब 2:30 बजे मौत हो गई। आग में झुलसने के बाद उनका इलाज दिल्ली के अस्पताल में चल रहा था, लेकिन अब आपको बड़े दुःख के साथ बताना पड़ रहा है की अब वह हमारे बिच नहीं रहे।
Sadhu who attempted self-immolation in Rajasthan's Bharatpur dies in Delhi hospital
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— ANI Digital (@ani_digital) July 23, 2022
खुद को आग लगाने वाले संत का इलाज के दौरान निधन!
राजस्थान में हो रहे अवैध खनन को रोकने के लिए लगातार प्रदर्शन कर रहे साधुओं की सुनवाई नहीं हो रही थी, देश के विरोध में स्वरूप बाबा विजयदास खुद पर केरोसिन डालकर आत्महत्या करने की कोशिश की, इस घटना के बाद राज्य सरकार हरकत में आए और अवैध खनन पर कार्रवाई की गई। लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि इंसानों की जान जाने के बाद ही इस पर कार्रवाई की जाएगी।
क्या था पूरा मामला?
राजस्थान के संतो ने अवैध खनन को रोकने के लिए अपनी ओर से हर संभव प्रयास किए, लेकिन कुछ ना हुआ और 500 दिनों तक इंतजार करने के बाद, संतों ने मामले को आगे बढ़ाने का फैसला किया। आपको बता दें कि बाबा हरिबोलदास ने बीते 10 दिनों पहले घोषणा कर दी थी कि अगर राजस्थान सरकार उन की ओर ध्यान नहीं देती तो है 19 जुलाई 2022 को मुख्यमंत्री आवास के सामने खुदकुशी कर लेंगे, जिसके बाद अधिकारियों ने संत से समय मांग कर मामले को आगे बढ़ा दिया था।
लेकिन इसके बाद भी कुछ खास कार्रवाई नहीं की गई जिसके विरोध में बाबा नारायणदास पासोपा गाँव में स्थित एक मोबाइल टॉवर पर चढ़ गए। इस घटना के बाद उनकी चारों ओर चर्चा होने लगी और आसपास के कई संतो ने उनका समर्थन किया। इस घटना के बाद पुलिस ने बाबा को गिरफ्तार भी कर लिया था। यह एक बेहद दुखद घटना है कि किसी संत को इंसाफ लेने के लिए आत्महत्या का सहारा लेना पड़ा, यह राजस्थान सरकार की नाकामी को दर्शाता है। देश और दुनिया से जुड़ी ताजा खबरें पढ़ने के लिए हमारे साथ बने रहे।